उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री सतीश द्विवेदी के गृह जिले के विश्वविद्यालय में भाई को नियुक्ति विवाद के बाद असिस्टेंट प्रोफेसर पद से देना पड़ा इस्तीफा,अरुण द्विवेदी की नियुक्ति आर्थिक वर्ग से कमजोर कोटे के तहत हुई थी attacknews.in

 

लखनऊ 26 मई ।उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी के गृह जिले सिद्धार्थनगर के कपिलवस्तु स्थित सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में उनके भाई की नियुक्ति मामले में आज उस वक्त नया मोड़ आ गया और उनके भाई ने असिस्टेंट प्रोफेसर पद से इस्तीफा दे दिया ।

नियुक्ति के बाद से ही ये मामला सोशल मीडिया पर छाया हुआ था तथा सरकार विपक्ष के निशाने पर थी ।

मंत्री सतीश चन्द्र के भाई अरुण द्विवेदी की नियुक्ति आर्थिक वर्ग से कमजोर कोटे के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुई थी।

मामला चर्चा में आया तो विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रमाण के आधार पर नियुक्ति देने की बात की थी, जबकि प्रदेश की कई हस्तियों ने प्रमाण पत्र के जांच की मांग की थी।

विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए करीब 150 आवेदन प्राप्त हुए थे।

जिसमें मेरिट के आधार पर चयनित दस आवेदकों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था।

उसमें मंत्री के भाई अरुण द्विवेदी का नाम वरीयता सूची में दूसरे नंबर था।

सोशल मीडिया पर मंत्री के भाई को बधाई से सिलसिला शुरू हुआ, उसके बाद आलोचना होने लगी थी।

भाई की नियुक्ति को लेकर छिड़े विवाद पर मंत्री सतीश द्विवेदी ने भी सफाई दी थी।

उन्होंने कहा था कि जिसे भी इस बारे में आपत्ति हो वो जांच करवा सकता है।

भाई ने एक अभ्यर्थी के रुप में आवेदन किया और विवि ने निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए चयन किया।

इस मामले मेरा कोई हस्तक्षेप नहीं है।

मैं विधायक और मंत्री हूं लेकिन मेरी आर्थिक स्थिति से मेरे भाई को आंकना उचित नहीं है।

अरुण द्विवेदी की पत्नी डॉ.विदुषी दीक्षित मोतिहारी जनपद के एमएस कॉलेज में मनोविज्ञान की असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।

एमएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि डॉ विदुषी की बहाली बीपीएससी के माध्यम से 2017 में हुई थी।

वे यहां मनोविज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं।

बताया जा रहा है कि सातवें वेतनमान के बाद उनका वेतन व अन्य भत्ता के साथ 70 हजार से अधिक है।

विवाद होने के बाद जांच में पता चला कि अरुण द्विवेदी का ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र 2019 में जारी हुआ था।

इसी प्रमाण पत्र पर उन्हें 2021 में सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में नौकरी मिली।

यह प्रमाण पत्र केवल 2020 तक ही मान्य था।

कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी व महासचिव प्रियंका गांधी ने भी सरकार पर सीधा निशाना साधा था।

उन्होंने कहा था कि यूपी सरकार के मंत्री आम लोगों की मदद करने से तो नदारद दिख रहे हैं लेकिन आपदा में अवसर हड़पने में पीछे नहीं हैं।

बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई नियुक्ति पा गए और लाखों युवा यूपी में रोजगार की बांट जोह रहे हैं लेकिन नौकरी ‘आपदा में अवसर’ वालों की लग रही है।

उन्होंने कहा था कि ये वही मंत्री हैं, जिन्होंने चुनाव ड्यूटी में कोरोना से मारे गए शिक्षकों की संख्या को नकार दिया और इसे विपक्ष की साजिश बताया।

तमिलनाडु में मीडियाकर्मियों को 5,000 रुपये की विशेष प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा:परिजनों को दी जाने वाली सहायता राशि पांच लाख रुपये से बढ़ाकर दस लाख रुपये की गयी attacknews.in

चेन्नई, 26 मई । तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने मीडियाकर्मियों को कोविड फ्रंटलाइन कार्यकर्ता घोषित करने के कुछ ही बाद बुधवार को राज्य के सभी मान्यता प्राप्त मीडियाकर्मियों के लिए 5,000 रुपये की विशेष प्रोत्साहन राशि की घोषणा की।

श्री स्टालिन ने यहां एक बयान में कहा कि पिछली अन्नाद्रमुक सरकार ने मीडिया के लोगों को विशेष सहायता के रूप में 3,000 रुपये का भुगतान किया था। अब इसे बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दिया गया है।

उन्होंने यह भी घोषणा की कि एक सरकारी आदेश जारी कर कोरोना से मरने वाले मीडियाकर्मियों के परिजनों को दी जाने वाली सहायता राशि पांच लाख रुपये से बढ़ाकर दस लाख रुपये कर दी गयी है।

प्रियंका वाड्रा ने “जिम्मेदार कौन” अभियान में जवाहरलाल नेहरू को चेचक, पोलियो महामारी देश की वैक्सीन से मिटाने की बात कहकर नरेन्द्र मोदी पर आरोप लगाया कि,आखिर दूसरे देशों से वैक्सीन मांगने की नौबत क्यों आयी attacknews.in

लखनऊ 26 मई । कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार से सवाल किया है कि दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक भारत आज दूसरे देशों से वैक्सीन माँगने की स्थिति में क्यों आ गया और सरकार इसे उपलब्धि की तरह क्यों प्रस्तुत कर रही है।

श्रीमती वाड्रा ने भाजपा सरकार को घेरने के लिये शुरू किये गये ‘जिम्मेदार कौन’ अभियान के तहत फेसबुक वाल पर पोस्ट किया कि पिछली 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले से भाषण में कहा था कि उनकी सरकार ने वैक्सीनेशन का पूरा प्लान तैयार कर लिया है। देश के वैक्सीन उत्पादन और वैक्सीन कार्यक्रमों की विशालता के इतिहास को देखते हुए ये विश्वास करना आसान था कि मोदी सरकार इस काम को तो बेहतर ढंग से करेगी।

आखिर पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1948 में चेन्नई में वैक्सीन यूनिट व 1952 में राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, पुणे को स्थापित कर भारत के वैक्सीन कार्यक्रम को एक उड़ान दी थी। हमने सफलतापूर्वक चेचक, पोलियो आदि बीमारियों को शिकस्त दी।
इन उपलब्धियों को जानकर देश निश्चिंत था कि वैक्सीन की समस्या नहीं आएगी मगर कड़वी सच्चाई है कि महामारी की शुरूआत से ही, भारत में वैक्सीन आम लोगों की जिंदगी बचाने के औज़ार के बजाय प्रधानमंत्री के निजी प्रचार का साधन बन गई। इसके चलते आज दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक भारत अन्य देशों से वैक्सीन के दान पर निर्भर हो गया है और वैक्सिनेशन के मामले में दुनिया के कमजोर देशों की कतार में शामिल हो गया है। आज भारत की 130 करोड़ की आबादी के मात्र 11 प्रतिशत हिस्से को वैक्सीन की पहली डोज़ और तीन फीसदी को फुल वैक्सीनेशन नसीब हुआ है। श्री मोदी के टीका उत्सव की घोषणा के बाद पिछले एक महीने में वैक्सीनेशन में 83 प्रतिशत की गिरावट आयी है।

श्रीमती वाड्रा ने कहा कि विश्व के बड़े-बड़े देशों ने पिछले साल ही उनकी जनसँख्या से कई गुना वैक्सीन आर्डर कर लिए थे मगर मोदी सरकार ने पहला आर्डर जनवरी 2021 में दिया वह भी मात्र एक करोड़ 60 लाख वैक्सीन का जबकि हमारी आबादी 130 करोड़ है। इस साल जनवरी-मार्च के बीच में मोदी सरकार ने 6.5 करोड़ वैक्सीन विदेश भेज दी। कई देशों को मुफ़्त में भेंट भी की। जबकि इस दौरान भारत में मात्र 3.5 करोड़ लोगों को ही वैक्सीन लगी।

सरकार ने एक मई से 18-44 आयुवर्ग की लगभग 60 करोड़ जनसँख्या को वैक्सीन देने के दरवाजे खोले लेकिन मात्र 28 करोड़ वैक्सीन के आर्डर दिए जिससे केवल 14 करोड़ जनसँख्या को वैक्सीन लगाना संभव है। सरकार को इस बारे में देश की जनता को जवाब देना चाहिये।

टूलकिट मामले में छत्तीसगढ़ में NSUI द्वारा दर्ज मामले में पुलिस द्वारा जारी दूसरे नोटिस पर भी भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा पेश नही हुए एक सप्ताह का फिर समय मांगा attacknews.in

रायपुर 26 मई। टूलकिट मामले में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा दर्ज करवाए मामले में पुलिस द्वारा जारी दूसरी नोटिस पर भी भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा आज पेश नही हुए और पूछताछ के लिए जारी नोटिस पर जवाब देने क लिए एक सप्ताह का फिर समय मांगा है।

रायपुर के सिविल लाईन थाने के प्रभारी को श्री पात्रा के अधिवक्ता ने पुलिस को आज भेजे ईमेल में आज पेश होने पर असमर्थता जताते हुए पूछताछ में शामिल होने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा है।अधिवक्ता ने इसके साथ ही पुलिस से पूछताछ के बिन्दु लिखित में देने का अनुरोध किया है जिससे कि लिखित में जवाब दिया जा सके।

राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री ने मार्च और अप्रैल के महीनों में कोरोना से हजारों मौतों के आंकड़े छुपाने से इंकार करके कहा कि;कोरोना से 5 हजार के पार मौतें हुई बाकी अन्य कारणों से मरे attacknews.in

जयपुर, 26 मई । राजस्थान में वैश्विक महामारी कोरोना से पिछले दो महीनों में ही पांच हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई जबकि इससे पहले तेरह महीनों में लगभग तीन हजार मरीजों की मृत्यु हुई।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा के अनुसार गत वर्ष मार्च से लेकर अब तक प्रदेश में कोरोना से 7911 मौतें हुई हैं।

डॉ. शर्मा ने बताया कि कोविड-19 से अप्रैल और मई में अब तक सर्वाधिक 5093 मौतें हुई हैं। इससे पूर्व के पिछले वर्ष मार्च से गत मार्च तक तेरह महीनों में 2818 मौतें हुईं। इनमें गत वर्ष अगस्त, सितम्बर, अक्टूबर एवं नवम्बर के चार माह में 1632 मौतें हुई और शेष नौ महीनों केवल 1186 कोरोना मरीजों की जान गई।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डा शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार अस्पतालों में कोविड से होने वाली हर एक मौत का रिकॉर्ड रखा जाना सुनिश्चित कर रही है। इसमें किसी तरह की गड़बड़ की कोई संभावना नहीं है। हमारा कोविड की पहली लहर के समय से ही प्रयास रहा है कि पॉजिटिव मामले से लेकर मृत्यु तक आंकड़ों में स्पष्टता रहे। किसी स्तर पर कोई हेर-फेर नहीं हो, इस संबंध में निचले स्तर तक सख्त निर्देश दिए गए हैं। हमें आंकड़ों की नहीं प्रदेशवासियों के जीवन की चिंता है।

डॉ. शर्मा ने कहा कि राजस्थान एक बड़ा प्रदेश है, जिसकी जनसंख्या करीब आठ करोड़ है। ऐसे में विभिन्न क्षेत्रों में कोविड के अतिरिक्त अन्य बीमारियों, दुर्घटनाओं, आयु एवं अन्य कारणों से मौतें होना स्वाभाविक है। ऐसी मौतों को कोविड से जोड़ना उचित नहीं है।

उन्होंने बताया कि प्रदेशवासियों की जीवन रक्षा के लिए निरंतर किए जा रहे प्रयासों के कारण प्रदेश में अन्य राज्यों के मुकाबले मृत्यु दर कम रही है और गत वर्ष मार्च से लेकर अब तक प्रदेश में कोरोना से 7911 मौतें हुई हैं।

उल्लेखनीय है कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार को प्रदेश में लोगों को बेहतर इलाज मुहैया कराने में विफल बताते हुए कोरोना संक्रमित मौतों के वास्तविक आंकड़े छिपाने का आरोप लगाया था।

राजस्थान में मौतों के आंकड़े छुपाने की परंपरा नहीं-गहलोत

इधर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्पष्ट किया है कि राज्य में मौतों की संख्या छिपाने की परम्परा नहीं है। हमें आंकड़ों की नहीं, प्रदेशवासियों के जीवन की चिंता है। हमारी सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ समाज के सभी वर्गों के सहयोग से कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रही है।

श्री गहलोत ने प्रदेश भाजपा के कोरोना के आंकड़े छुपाने का आरोप लगाने के बाद यह बात कही।

उन्होंने निर्देश दिए है कि प्रदेश में कोरोना से मृत्यु के मामलों की ऑडिट कराएं, ताकि कोविड और नॉन कोविड मौतों की वास्तविकता का पता चले और कोविड पीड़ित परिवारों की सामाजिक सुरक्षा के संबंध में निर्णय लिया जा सके।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की युवा आबादी के टीकाकरण के लिए वैक्सीन की उपलब्धता के लिए केंद्र सरकार के साथ समन्वय सहित सभी स्तर पर प्रयास करें, ताकि वैक्सीनेशन का काम तेजी से आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण टीकाकरण संक्रमण की तीसरी लहर से बचाव में मदद करेगा।

मध्यप्रदेश में रिकवरी रेट 93़ 3 प्रतिशत हुआ; शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि;आगामी 1 जून से कोरोना कर्फ्यू में क्रमिक रियायतें देकर अनलॉक की प्रक्रिया को प्रारंभ किया जाएगा attacknews.in

भोपाल, 26 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थितियां निरंतर नियंत्रण की ओर बढ़ने के बीच आगामी एक जून से कोरोना कर्फ्यू में क्रमिक रियायतें देकर अनलॉक की प्रक्रिया को प्रारंभ किया जाएगा।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज ट्वीट के जरिए लिखा है ‘मेरे प्रिय भाइयों बहनों, भांजे भांजियों, कोविड के विरुद्ध मध्यप्रदेश जीत की ओर तेजी से अग्रसर है। जीवन को पटरी पर लाने के लिए 01 जून से अनलॉक की प्रक्रिया के लिए आपके सुझाव आमंत्रित हैं। आप 31 मई तक मप्र सरकार के पोर्टल, व्हाट्एप या ईमेल के माध्यम से भी अपने अमूल्य विचार हमसे साझा कर सकते हैं।’

इस बीच सोमवार से कम संक्रमण वाले झाबुआ, अलिराजपुर, खंडवा, बुरहानपुर और भिंड जिलों में कोरोना कर्फ्यू में रियायत देने का कार्य प्रारंभ हुआ है। इनके अनुभव के आधार पर भी अनलॉक की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। राज्य में सभी 52 जिलों में पिछले माह से कोरोना कर्फ्यू लागू हैं और उक्त पांच जिलों के अलावा शेष सभी में 31 मई तक कोरोना कर्फ्यू जारी रहेगा।

वहीं गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने यहां मीडिया से कहा कि राज्य में आज कोरोना संक्रमण के 2189 नए मामले आए और 7486 व्यक्ति स्वस्थ हुए। स्वस्थ होने वालों की दर (रिकवरी रेट) बढ़कर 93़ 3 प्रतिशत हो गयी है और संक्रमण दर 3़ 11 प्रतिशत है। मात्र तीन जिले भोपाल, इंदौर और सागर ऐसे हैं, जहां पर संक्रमण दर 05 प्रतिशत से ऊपर है। शेष जिलों में संक्रमण दर 5 प्रतिशत से कम है।

श्री मिश्रा ने कहा कि राज्य के सभी जिलों में कोरोना के इलाज संबंधी पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं। अब हम सभी धीरे धीरे अनलॉक की ओर बढ़ रहे हैं। हम लोगों को भी कोरोना के साथ रहने की आदत डालना चाहिए। इसके अलावा सभी लोग कोरोना का टीका भी लगवाएं।

उन्होंने देश में कोरोना वैक्सीन जल्दी विकसित होने की बात करते हुए कहा कि इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बधाई के पात्र हैं, जिनके मजबूत इरादों के कारण यह संभव हो सका।

मरीज को ले जाने के लिए अधिक राशि वसूलने पर एंबुलेंस की सेवाएं तीन माह निलंबित attacknews.in

 

छिंदवाड़ा, 26 मई ।मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में एक मरीज से निर्धारित दर से अधिक धनराशि वसूल करने के मामले में परिवहन विभाग ने एंबुलेंस संचालक से 17 हजार रुपए वापस करने और एंबुलेंस की सेवाएं तीन माह के लिए निलंबित करने के आदेश दिए।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार परिवहन विभाग के कल यहां इस संबंध में शिकायत का निराकरण करते हुए यह आदेश दिया। शिकायत के अनुसार जिले के परासिया से एक मरीज को 19 मई को नागपुर ले जाने के लिए एंबुलेंस संचालक ने 29 हजार रुपए लिए थे। यह राशि निर्धारित दर से अधिक प्रतीत होने पर अब्दुल नाम के व्यक्ति ने परिवहन विभाग में शिकायत की। जिला परिवहन कार्यालय ने शिकायत का निराकरण करते हुए एंबुलेंस संचालक पवन माहोरे को आदेश दिया कि वह 17 हजार रुपए वापस करे।

सुबोध कुमार जायसवाल ने सीबीआई प्रमुख का कार्यभार संभाला attacknews.in

नयी दिल्ली, 26 मई ।भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1985 बैच के अधिकारी सुबोध कुमार जायसवाल ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक का कार्यभार बुधवार को संभाल लिया।

सीबीआई के अधिकारियों और कर्मचारियों ने जांच एजेंसी मुख्यालय पर कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए श्री जायसवाल का स्वागत किया।

कार्मिक, जन शिकायत और पेंशन मंत्रालय के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से मंगलवार को देर शाम जारी एक अधिसूचना के अनुसार, नियुक्ति संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति ने महाराष्ट्र कैडर के 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी श्री जायसवाल को देश की प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई का निदेशक नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।

श्री जायसवाल इससे पहले केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीअीईएसएफ) के महानिदेशक पद पर कार्यरत थे। वह मुंबई के पुलिस आयुक्त और महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक भी रह चुके हैं। श्री जायसवाल ने खुफिया ब्यूरो और रिसर्च एनालिसिस विंग (रॉ) में भी अपनी लंबी सेवाएं दी हैं।

सीबीआई के निदेशक का पद फरवरी के पहले सप्ताह से खाली था। तत्कालीन निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला की सेवानिवृत्ति के बाद एजेंसी के कार्यकारी निदेशक प्रवीण सिन्हा अंतरिम प्रमुख के तौर पर कार्यभार संभाल रहे थे।

सूत्रों के अनुसार, सीबीआई के निदेशक के चयन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में चयन समिति की बैठक हुई थी।

पीएम केयर और सार्वजनिक उपक्रम कोष से देशभर में 1500 ऑक्सीजन संयंत्र किए जा रहे हैं स्थापित: संयंत्र के नज़दीक ही कोविड सेंटर भी तैयार किए जाएँगे attacknews.in

शिमला, 26 मई ।केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों के राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि कोरोना आपदा की दूसरी लहर को देखते हुये प्रधानमंत्री केयर और सार्वजनिक उपक्रम कोष देशभर में 1500 ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किये जाएंगे।

श्री ठाकुर ने आज यहां एक वक्तव्य में कहा कि कोरोना महामारी के मद्देनजर देशभर में मरीजों को ऑक्सीज़न की जरूरत बढ़ी है तथा केंद्र सरकार युद्धस्तर पर इसे उपलब्ध करा रही है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री केयर और सार्वजनिक उपक्रम कोष से देशभर में 1500 ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किये जा रहे हैं।ऑक्सीजन संयंत्र के नज़दीक ही कोविड सेंटर भी तैयार किए जाएँगे।

मरीजों को जल्द ऑक्सीज़न मुहैया कराने के लिये सरकार वायुसेना और ऑक्सीजन एक्सप्रेस रेल का सहारा ले रही है।गत दो सप्ताह से राज्यों को मांग के अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है।केंद्र सरकार आपदा की इस घड़ी में युद्धस्तर पर काम कर रही है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा “केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों ने एक सुगम और व्यवस्थित तंत्र के जरिए विश्व समुदाय की ओर से आने वाली सहायता को राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में तेजी से वितरित करने के लिए निर्बाध रूप से सहयोग किया है।

27 अप्रैल से लेकर अब तक कुल मिलाकर 17,755 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, 16031 ऑक्सीजन सिलेंडर, 19 ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र, 13,449 वेंटिलेटर, 6.9 लाख रेमडिसिविर के टीके सड़क और हवाई मार्ग के जरिए भेजे जा चुके हैं।

उत्तरप्रदेश में अपहरण करके जंगल ले जाकर नाबालिग से सामूहिक बलात्कार, तीन आरोपी गिरफ्तार, किशोरी को भेजा अस्पताल attacknews.in

सुलतानपुर,26मई । उत्तर-प्रदेश में सुलतानपुर जिले के वल्दीराय क्षेत्र में बुधवार को एक किशोरी के साथ सामूहिक बलात्कार का मामला प्रकाश में आया है।
इस मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार जेल भेज दिया जबकि पीड़िता को जांच और इलाज के लिए जिला महिला अस्पताल भेजा दिया ।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक बल्दीराय क्षेत्र में सुबह घर से निकली एक किशोरी को तीन युवकों ने दबोच लिया और जंगल में लेगए।

किशोरी का आरोप है कि उन्होंने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और फरार हो गए।

घटना के बाद किशोरी घर पहुंची और परिजनों को उसने आप बीती बताई।

परिजनों ने मामले की सूचना पुलिस को दी।

सूचना मिलते ही बल्दीराय इलाके के पुलिस उपाधीक्षक राजाराम चौधरी पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और पीड़िता को जिला महिला अस्पताल भेजा।

उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में मामला दर्ज कर पुलिस ने तीनों आरोपी को विरधौरा गांव के मोड़ के पास गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तार आरोपियों में इलियास निवासी अरवल, शिवकुमार निवासी गौरा बरामऊ और सुजीत सरोज निवासी विरधौरा शामिल हैं।

गिरफ्तार आरोपियों को जेल भेज दिया।

अ भा अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी और शिष्य आनंद गिरी के बीच चल रहा संपत्ति विवाद का पटाक्षेप ,पैर पकड़कर माफी मांगते हुए सोशल मीडिया, टीवी चैनलों और समाचार पत्रों में दिए बयान को वापस लिया attacknews.in

प्रयागराज,26 मई । साधु संतो की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी और उनके शिष्य योग गुरू आनंद गिरी के बीच पिछले कई दिनों से चल रहा संपत्ति विवाद का पटाक्षेप हो गया।

परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने आज यहां बताया कि आनंद गिरि ने उनके पैर पकड़कर माफी मांगते हुए सोशल मीडिया, टीवी चैनलों और समाचार पत्रों में दिए गए बयान को वापस लिया ले लिया।

आनंद गिरी ने बताया कि परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरी के साथ सभी प्रकार के पिछले विवदों को लेकर बुधवार को यहां बैठक हुई।

बैठक में उन्होंने अपने गुरू पर लगाये सभी आरोपों को पैर पकड़कर मांगी माफी मांगते हुए सोशल मीडिया, टीवी चैनलों और समाचार पत्रों में दिए गए बयान को वापस लिया ले लिया।

उन्होंने कहा कि गुरू शिष्य परंपरा को बनाये रखने के लिए भवावेश में जो भी गलत बयान दिया उसको वापस लेता हूं, क्षमा मांग रहा हूं।

उन्होंने कहा कि साथ ही साथ अखाड़ा एवं पंच परमेश्वर से भी क्षमा प्रार्थी हूं।अत: अपने गुरू की कृपा में हमेशा बना रहूंगा।

महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा,“शिष्य आनंद गिरी द्वारा किये गये सभी कृत्यों की माफी मांग लेने पर संत हृदय एवं गुरू परंपरा “ क्षमा बड़न को चाहिए छोटन को अपराध” के उच्च् मानदंडों के कारण माफ करता हूं।” उन्हे आगामी गुरू पूर्णिमा पर आश्रम में आकर गुरू की पूजा करने की इजाजत देता हूं।

महंत नरेंद्र गिरि ने श्री मठ बाघम्बरी गद्दी एवं बड़े हनुमान मंदिर में आनंद गिरी के आने पर लगाई पाबंदी हटाई और उनपर लगाए आरोपों को भी वापस लिया।

मठ की तरफ से जारी एक विडियो आंनंद गिरी को अध्यक्ष नरेन्द्र गिरी से पैर पकड़कर अपनी गलत बयानी पर माफी मांगते दिखाया गया है।

गौरतलब है कि 14 मई को पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी से स्वामी आनंद गिरी पर परिवार से संबंध रखने पर निष्कासित होने और मठ और मंदिर के धन के दुरुपयोग के मामले में कार्रवाई हुई थी, जिसके बाद गुरु शिष्य के बीच बढ़ गया था।

विवाद इस कदर बढ़ गया था कि आनंद गिरी सोशल मीडिया पर लगातार अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरी के खिलाफ बयान दे रहे थे।

सात राज्यों में 143 खेलो इंडिया केंद्र खोलेगी भारत सरकार;महाराष्ट्र, मिजोरम, गोवा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में स्थापित होने वाले प्रत्येक केंद्र में किसी एक खेल की सुविधा उपलब्ध होगी attacknews.in

नयी दिल्ली, 25 मई । खेल मंत्रालय ने जमीनी स्तर पर प्रतिभाओं को निखारने के लिये सात राज्यों में कुल 143 खेलो इंडिया केंद्र खोलने का फैसला किया है जिस पर कुल 14.30 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

इन केंद्रों को महाराष्ट्र, मिजोरम, गोवा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में स्थापित किया जाएगा। प्रत्येक केंद्र में किसी एक खेल की सुविधा उपलब्ध होगी।

खेल मंत्री कीरेन रीजीजू ने बयान में कहा, ‘भारत को 2028 ओलंपिक में शीर्ष दस देशों में शामिल करने का हमारा प्रयास है। इसे हासिल करने के लिये हमें खिलाड़ियों की उनकी छोटी उम्र में ही पहचान करने और उन्हें निखारने की आवश्यकता है। ‘ उन्होंने कहा, ‘जिलास्तरीय खेलो इंडिया केंद्रों पर अच्छे प्रशिक्षकों और उपकरणों की मौजूदगी में मुझे विश्वास है कि हम सही समय पर सही खेल के लिये सही बच्चे ढूंढने में सफल रहेंगे।’ मंत्रालय ने जून 2020 में चार साल में 1000 खेलो इंडिया केंद्र खोलने की योजना बनायी थी। इनमें से कम से कम प्रत्येक जिले में एक केंद्र खोलने की योजना है।

इनमें से 217 केंद्र पहले ही कई राज्यों में खोले जा चुके हैं। इसके अलावा मंत्रालय ने पूर्वोत्तर, जम्मू—कश्मीर, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप और लद्दाख के प्रत्येक जिले में दो — दो केंद्र खोलने का फैसला किया था।

राज्यवार खेलो इंडिया केंद्रों का विवरण इस प्रकार है महाराष्ट्र: 3.60 करोड़ रुपये के बजट अनुमान के साथ 30 जिलों में 36 खेलो इंडिया केंद्र।

मिजोरम: 20 लाख रुपये के बजट अनुमान के साथ कोलासिब जिले में दो खेलो इंडिया केंद्र।

अरुणाचल प्रदेश: 4.12 करोड़ रुपये के बजट अनुमान के साथ 26 जिलों में 52 खेलो इंडिया केंद्र।

मध्य प्रदेश: 40 लाख रुपये के बजट अनुमान के साथ चार खेलो इंडिया केंद्र।

कर्नाटक: 3.10 करोड़ रुपये के बजट अनुमान के साथ 31 खेलो इंडिया केंद्र।

मणिपुर: 1.60 करोड़ रुपये के बजट अनुमान के साथ 16 खेलो इंडिया केंद्र।

गोवा: 20 लाख रुपये के बजट अनुमान के साथ दो खेलो इंडिया केंद्र।

सुबोध कुमार जायसवाल CBI के निदेशक नियुक्त: 1985 बैच के IPS अधिकारी वर्तमान में सीआईएसएफ महानिदेशक पदस्थ हैं attacknews.in

नयी दिल्ली, 25 मई । भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1985 बैच के अधिकारी सुबोध कुमार जायसवाल को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का निदेशक नियुक्त किया गया है।

कार्मिक, जन शिकायत और पेंशन मंत्रालय के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से मंगलवार को देर शाम जारी एक अधिसूचना के अनुसार, नियुक्ति संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति ने महाराष्ट्र कैडर के 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी श्री जायसवाल को देश की प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई का निदेशक नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

श्री जायसवाल फिलहाल सीअीईएसएफ के महानिदेशक पद पर कार्यरत हैं। वह मुंबई के पुलिस आयुक्त और महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक भी रह चुके हैं।

श्री जायसवाल ने खुफिया ब्यूरो और रिसर्च एनालिसिस विंग (रॉ) में भी अपनी लंबी सेवाएं दी हैं।
सीबीआई के निदेशक का पद फरवरी के पहले सप्ताह से खाली था। तत्कालीन निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला की सेवानिवृत्ति के बाद एजेंसी के कार्यकारी निदेशक प्रवीण सिन्हा अंतरिम प्रमुख के तौर पर कार्यभार संभाल रहे थे।

सूत्रों के अनुसार, सीबीआई के निदेशक के चयन के लिए कल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में चयन समिति की बैठक हुई थी।

मध्यप्रदेश में मंगलवार को मिले चौबीस सौ से अधिक कोरोना मरीज, 68 की मौत;अबतक संक्रमितों की संख्या 7,69,696 और मृतकों की संख्या 7686 हुई attacknews.in

भोपाल, 25 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति में प्रतिदिन सुधार आ रहा है।राज्य की पॉजिटिविटी दर घटकर 3.3 प्रतिशत पर पहुंच गई है।

मध्यप्रदेश के लिए राहत की खबर है कि कोरोना संक्रमण दर 20 प्रतिशत से घटकर अब 3़ 3 पर पहुंच गयी है।

साप्ताहिक प्रकरणों की संख्या घटकर 26978 हो गई है।

प्रदेश के सभी 52 जिलों में संक्रमण अब 10 फीसदी नीचे आ गया है तथा 07 जिलों इंदौर,भोपाल, सागर, रतलाम, रीवा, अनूपपुर तथा सीधी में ही साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 5 फीस से अधिक है।

प्रदेश के 45 जिलों में संक्रमण 5 फीसदी व कम है।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार राज्य में कोरोना संक्रमण के मामले में 71,416 लोगों की जांच की गई।

इस जांच सैंपल रिपोर्ट में 2,422 लोग कोरोना संक्रमित पाये गये हैं।

जबकि 68,994 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव पाये गये और 138 कोरोना टेस्ट रिजेक्ट हुए है।

आज पॉजीटिविटी रेट आज (संक्रमण दर) घटकर 3़ 3 प्रतिशत दर्ज की गयी।

कोरोना संक्रमण की चपेट में आये 7,373 लोग आज संक्रमण से मुक्त होकर घर रवाना हुए है।

अब राज्य भर में सक्रिय मरीजों की संख्या अब 48,634 पहुंच गयी है।

प्रदेश में अब तक 7,69,696 लोग संक्रमित हो चुके है।

राहत की खबर है कि इनमें से अब तक 7,3376 लोग ठीक होकर घर पहुंच गये है।

इस महामारी ने अब तक प्रदेश भर में 7686 लोगों की जान ले चुका है।

आज 68 लोगों की मौत कोरोना संक्रमण से हुई है।

राज्य 52 जिलों में आज भी सबसे अधिक कोरोना संक्रमित मरीज इंदौर जिले में मिले हैं।

इंदौर जिले में आज 648 लोग कोरोना संक्रमित पाये गये।

वहीं दूसरे स्थान पर भोपाल जिले में 529 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।

इसके अलावा ग्वालियर में 90, जबलपुर में 115, सागर में 78 नये कोरोना मरीज मिले है।

बाकी अन्य जिलों में भी 4 से लेकर 90 के बीच कोरोना संक्रमित मिले है।

अमरोहा में बीमा कंपनियों को चूना लगाने वाले गिरोह का सरगना गिरफ्तार,गिरोह बीमार और शराब के लती लोगों को निशाना बनाते, इनकी हत्या तो कहीं व्यक्ति की मौत को हादसा बता कर बीमा की रकम हडप लेते attacknews.in

 

अमरोहा 25 मई ।उत्तर प्रदेश में अमरोहा के मंडी धनौरा क्षेत्र में गुप्तचर एजेंसियों ने बीमा कंपनियों को चूना लगाने वाले एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है।

इस सिलसिले में गिरोह के सरगना ने मंगलवार सुबह नाटकीय तरीके से पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर लिया।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि गुप्तचर एजेंसियों को सूचना मिली थी कि जिले में जालसाजों का एक गिरोह सक्रिय है जो बीमार और शराब के लती लोगों को निशाना बनाते हैं,और उनके परिवार के सदस्यों को अपनी तरफ से कुछ रकम अदा कर टर्म पालिसी खरीद लेते हैं।

गिरोह के सदस्य ऐसे लोगों की हत्या तो कहीं बीमाधारक व्यक्ति की स्वाभाविक मौत को हादसा बता कर बीमा की रकम हडप लेते हैं।

एजेंसियों की सूचना पर पुलिस ने भारी पुलिस बल ने सोमवार की शाम आरोपी युद्धवीर के घर में दबिश दी तो वह मकान में छिप गया।

सारी रात बीत जाने के बाद मंगलवार सुबह जब जेसीबी मशीन और पीएसी बुलवाने का एलान किया गया तो उसने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।

पूछताछ में पता चला कि संगठित अपराध में बीमा कंपनी, सर्वेयर, जांच अधिकारी एजेंट, बैंक के अधिकारी तथा स्थानीय पुलिस की संलिप्तता रहती है।

यह मामला तब उजागर हुआ जब एक पीडित की तहरीर पर संगठित गिरोह के सक्रिय सदस्य युद्धवीर के विरुद्ध धोखाधड़ी, कूटरचना करना, धमकी देना के संबंध में मुकदमा अपराध संख्या 374 ,2020 धारा 420,468,467,471,506 आईपीसी के तहत अमरोहा जनपद के थाना मंडी धनौरा में पंजिकृत कराया है।

सूत्रों ने बताया कि बीमे की रकम पर दावा कर जालसाज मृतकों के परिवारों और अन्य लोगों से सांठगांठ कर अलग अलग बीमा कंपनियों के समक्ष करोड़ों रुपए के बजरिये दावे रकम हडप चुके हैं।

पालिसी धारक की हत्या के बाद जालसाज आरोपी इसे हादसे में मौत का रुप देकर बीमा कंपनी की रकम पर दावा ठोकते हैं।

बीमा की रकम मिलने के बाद मृतक के परिवार के सदस्यों और पुलिस प्रशासन समेत अन्य लोगों को भी हिस्सेदारी दी जाती थी।

उन्होने बताया कि संगठित गिरोह के सरगना अमुक व्यक्ति की आईडी, आधार कार्ड,, फोटो लेकर निजी क्षेत्र के एक्सेस बैंक में खाता खुलवाते हैं, उसके बाद चैक बुक पर हस्ताक्षर कराकर रख लेते हैं,उस बीमाधारक की इंश्योरेंस पॉलिसी पीएनबी, मैक्स लाईफ, महिंद्रा कोटेक, और आईसीसी आदि बीमा कंपनियों में करा दिया जाता है,मगर कहां कहां बीमा कराया गया है इससे लोग अनजान रहते हैं।

बीमा धारक की आईडी पर सिम निकालने के बाद अपने मोबाइल में डाल लेते हैं जिससे बीमा कंपनियों की सारी जानकारी आरोपी जालसाजों के पास पहुंचती रहती है।

जालसाजों के कब्जे में आईडी, सिम, हस्ताक्षरित चेकबुक, आदि जरूरी दस्तावेज रहते हैं।

गौरतलब है कि ऐसे बीमाधारक बामुश्किल एक दो साल जीते हैं और क्लेम एक दो साल में जालसाजों के पास पहुंच जाता है।

इस संबंध में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र सौंप कर ऐसे तमाम लोगों के खाते की रकम और अकूत बेनामी संपत्ति की प्रवर्तन निदेशालय(ईडी),एसटीएफ तथा स्पेशल क्राइम ब्रांच से उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की गई है।

पुलिस अधीक्षक सुनीति ने बताया कि फर्जी तरीके से बीमा हडपने तथा फर्जी आईडी से सिम एक्टिवेट करने का मामला मंडी धनौरा थाने में दर्ज है।

मामला उनके संज्ञान में आने के बाद ऐसे तमाम जालसाजों के नेटवर्क का पता लगाया जा रहा है।

गाजियाबाद से भी कुछ तथ्य जुटाए जा रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार मंडी धनौरा(अमरोहा) महादेव निवासी श्याम कुमार मैक्स लाईफ इंश्योरेंस कंपनी मुरादाबाद में एजेंसी एसोसिएट पद पर कार्यरत थे।

उनका आरोप है कि उनके संपर्क में आया युद्धवीर सिंह निवासी मल्हूपुरा ने उनसे कंपनी में बीमा एजेंट बनने के लिये मनुहार की थी लेकिन जब उसके शैक्षिक प्रमाण पत्र में हाईस्कूल फेल देखा तो उसे एजेंट बनाने से इंकार कर दिया था।

इस दौरान एक अन्य एजेंट जो जालसाजी, कूटरचना कर के अकूत बेनामी संपत्ति के मालिक के सानिध्य में फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे खुद मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी,पीएनबी मैटलाइफ ब्रांच मेरठ का भी कूटरचित प्रपत्रों के आधार पर एजेंट बन गया,जबकि नियमानुसार एक व्यक्ति एक समय में सिर्फ एक ही कंपनी में एजेंट बन सकता है,और तब से उसने फिर पीछे मुडकर नहीं देखा।

आरोप है कि उसने एजेंट बन कर अपने वयोवृद्ध दादा लल्लू सिंह का बीमा मैक्स इंश्योरेंस कंपनी में कूटरचना से बीस साल उम्र कम दर्शाते हुए बीमा कर दिया, कुछ दिन बाद आरोपी के दादा की अचानक मृत्यु हो गई,और क्लेम के दावे का पूरा भुगतान ले लिया।

उसके बाद वयोवृद्ध नानी,मां एवं अपने पिता की उम्र कम दर्शाकर बीमा ले रखा है।

आरोपी के पिता के खिलाफ 1981 में धारा 353 के तहत मंडी धनौरा थाने में मामला दर्ज है,जो अभी तक पेंडिंग पडा हुआ है।