पूर्ण चंद्र ग्रहण; बुधवार, 26 मई 2021; 5 ज्येष्ठ, शक संवत 1943;चंद्रग्रहण का आंशिक चरण भारत में दिखेगा attacknews.in

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसारः

(भारत में आंशिक प्रावस्था दृश्य)

नईदिल्ली 24 मई ।26 मई 2021 (5 ज्येष्ठ, शक संवत 1943) को पूर्ण चंद्र ग्रहण घटित होगा । भारत में चंद्रोदय के तत्काल बाद ग्रहण की आंशिक प्रावस्था का अंत अल्प अवधि के लिए भारत के उत्तर पूर्वी हिस्सों (सिक्किम को छोड़कर), पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, ओड़िशा के कुछ तटीय भागों तथा अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह से दिखाई देगा ।

यह ग्रहण दक्षिण अमरीका, उत्तर अमरीका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अंटार्टिका, प्रशांत महासागर तथा हिंद महासागर के क्षेत्रों में दिखाई देगा ।

ग्रहण की आंशिक प्रावस्था का प्रारम्भ भा.मा.स. अनुसार घं.15 मि.15 पर होगा । ग्रहण की पूर्णावस्था भा.मा.स. अनुसार घं. 16 मि. 39 पर आरम्भ होगी । ग्रहण की पूर्णावस्था का अंत भा.मा.स. अनुसार घं. 16 मि. 58 पर होगा तथा इसकी आंशिक प्रावस्था का अंत भा.मा.स. अनुसार घं. 18 मि. 23 पर होगा ।

19 नवम्बर 2021 को घटित होने वाला अगला चंद्र ग्रहण भारत में दृश्य होगा । यह एक आंशिक चंद्र ग्रहण होगा जिसकी आंशिक प्रावस्था का अंत चंद्रोदय के तत्काल उपरांत अल्प अवधि के लिए अरुणांचल प्रदेश और असम के सुदूर उत्तर पूर्वी हिस्सों से दृश्य होगा ।

चंद्र ग्रहण पूर्णिमा को घटित होता है जब पृथ्वी सूर्य एवं चंद्रमा के बीच आ जाती है तथा ये तीनों एक सीधी रेखा में अवस्थित रहते हैं । पूर्ण चंद्र ग्रहण तब घटित होता है जब पूरा चंद्रमा पृथ्वी की प्रच्छाया से आवृत हो जाता है तथा आंशिक चंद्र ग्रहण तब घटित होता है जब चंद्रमा का एक हिस्सा ही पृथ्वी की प्रच्छाया से ढक पाता है।

चंद्रमा का पूर्ण ग्रहण 26 मई 2021 (5 ज्येष्ठ, 1943 शक संवत) को होगा। चन्द्रग्रहण का आंशिक चरण भारत में चंद्रोदय के तुरंत बाद कुछ समय के लिए भारत के पूर्वोत्तर भागों (सिक्किम को छोड़कर), पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, ओडिशा तथा अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के कुछ तटीय भागों में दिखेगा।

ग्रहण दक्षिण अमेरिका, उत्तरी अमेरिका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर और हिंद महासागर को कवर करने वाले क्षेत्र में दिखाई देगा।

ग्रहण का आंशिक चरण भारतीय समय के अनुसार 15 बजकर 15 मिनट पर प्रारंभ होगा। कुल चरण भारतीय समय के अनुसार 16 बजकर 39 मिनट पर प्रारंभ होगा। कुल चरण भारतीय समय के अनुसार 16 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगा। आंशिक चरण 18 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगा।

अगला चंद्रग्रहण भारत में 19 नवंबर 2021 को दिखेगा। यह आंशिक चंद्रग्रहण होगा। आंशिक चंद्रग्रहण की समाप्ति को चंद्रोदय के कुछ समय बाद कुछ समय के लिए ही अरुणाचल प्रदेश और असम के चरम पूर्वोत्तर भागों में देखा जा सकेगा।

चंद्रग्रहण पूर्णिमा के दिन होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है और जब तीनों – सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा- एक सीध में आ जाते हैं। पूर्ण चंद्रग्रहण तब होता है जब पूरा चंद्रमा पृथ्वी की छाया में आता है और आंशिक चंद्रग्रहण तब होता है जब चंद्रमा का केवल एक भाग पृथ्वी की छाया में आता है।

26 मई को भारत के कुछ स्थानों से दिखाई देने वाले ग्रहण के आंशिक चरण की अवधि

समय – चंद्रोदय समय (आईएसटी) -चंद्रोदय के बाद दिखाई देने वाले आंशिक चरण की समाप्ति की अवधि – बजे मिनट -मिनटों में

अगरतला – 18 06 -17

आयजोल – 17 59 -24

कोलकाता – 18 15 -08

चेरापूंजी -18 06 -17

कूच बिहार -18 18 -05

डायमंड हार्रबर-18 15 -08

दीघा -18 16 -07

गुवाहाटी -18 09 -14

इंफाल -17 56 -27

ईटानगर -18 02 -21

कोहिमा -17 57 -26

लुमडिंग -18 01 -22

मालदा -18 21 -02

उत्तर लखीमपुर-18 00 -23

पारादीप -18 18 -05

पासीघाट -17 57 -26

पोर्ट ब्लेयर -17 38 -45

पुरी -18 21 -02

शिलांग -18 06 -17

सिबसागर -17 58 -25

सिलचर -18 01 -22

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज कोडवीटा को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने दिया दुनिया की सबसे बड़ी कंप्यूटर प्रोग्रामिंग प्रतियोगिता का खिताब attacknews.in

बेंगलुरु, 24 मई । टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने सोमवार को बताया कि टीसीएस कोडवीटा के 9वें सत्र ने 34 देशों के 136,054 प्रतिभागियों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी कंप्यूटर प्रोग्रामिंग प्रतियोगिता के रूप में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड का खिताब हासिल किया है।

टीसीएस ने एक बयान में कहा है कि कोडवीटा प्रतियोगिता के तहत दुनिया भर के कॉलेज विद्यार्थियों को अपने प्रोग्रामिंग कौशल को प्रदर्शित करने के लिए आमंत्रित किया गया था, ताकि उन्हें विश्व स्तर पर शीर्ष छात्र प्रोग्रामर में स्थान मिल सके।

इस प्रतियोगिता के विजेताओं को नकद पुरस्कार के साथ ही टीसीएस में प्रौद्योगिकी दिग्गजों के साथ सीधे काम करने के लिए इंटर्नशिप की पेशकश भी की गई।

बयान के मुताबिक इस साल की प्रतियोगिता के विजेता न्यूजर्सी स्थित स्टीवंस इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के बेन अलेक्जेंडर हैं।

टीसीएस के सीटीओ अनंत कृष्णन ने कहा कि यह प्रतियोगिता विविध शैक्षिक, सामाजिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि वाले प्रतिभाशाली युवाओं के बीच प्रोग्रामिंग के लिए जुनून को बढ़ावा दे रही है।

बयान के मुताबिक, तीन शीर्ष विजेताओं को क्रमशः 10,000 डॉलर, 7,000 डॉलर और 3,000 डॉलर के नकद पुरस्कार दिए गए।

कोविड-19 के अत्यधिक बीमार मरीजों के इलाज के लिए दवा कंपनी रोश इंडिया और सिप्ला ने भारत में एंटीबॉडी कॉकटेल दवा पेश करने की घोषणा की, कीमत 59,750 रुपये प्रति खुराक है attacknews.in

नयी दिल्ली, 24 मई । प्रमुख दवा कंपनी रोश इंडिया और सिप्ला ने सोमवार को भारत में रोश के एंटीबॉडी कॉकटेल को पेश करने की घोषणा की, जिसकी कीमत 59,750 रुपये प्रति खुराक है और जो कोविड-19 के अत्यधिक बीमार मरीजों के इलाज के लिए है।

सिप्ला और रोश ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘‘एंटीबॉडी कॉकटेल (कैसिरिविमैब और इमदेविमाब) की पहली खेप भारत में उपलब्ध है, जबकि दूसरी खेप जून के मध्य तक उपलब्ध होगी। कुल मिलाकर इन खुराकों से दो लाख रोगियों का इलाज किया जा सकता है।’’

सिप्ला देश भर में अपनी मजबूत वितरण क्षमता की मदद से इस दवा का वितरण करेगी।

बयान के मुताबिक प्रत्येक रोगी के लिए खुराक की कीमत 59,750 रुपये होगी, जिसमें सभी कर शामिल हैं।

बयान में आगे कहा गया कि दवा प्रमुख अस्पतालों और कोविड उपचार केंद्रों के माध्यम से उपलब्ध होगी।

CBSE की 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के बारे में अंतिम निर्णय व्यापक विचार-विमर्श के बाद वर्तमान स्थिति और छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा attacknews.in

नयी दिल्ली, 24 मई । बारहवीं बोर्ड की परीक्षाओं के बारे में अंतिम निर्णय व्यापक विचार-विमर्श के बाद वर्तमान स्थिति और छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा। यह जानकारी सोमवार को सरकारी सूत्रों ने दी।

सूत्रों ने बताया कि बोर्ड परीक्षाओं के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों से और विचार व सुझाव लेने को कहा था। इसके बाद रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई थी।

डिजिटल माध्यम से आयोजित इस बैठक में सिंह के अलावा केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, प्रकाश जावड़ेकर, शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे के अलावा राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्रियों व सचिवों ने भी हिस्सा लिया था।

सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने 21 मई को एक बैठक की अध्यक्षता की थी जिसमें उन्हें शिक्षा मंत्रालय की ओर से परीक्षाओं के बारे में किए शिक्षकों और अभिभावकों के साथ किए गए विचार-विमर्श और परीक्षा संपन्न कराने के विकल्पों के बारे में अवगत कराया गया था।

सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री ने कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर छात्रों की सुरक्षा और उनके भविष्य को देखते हुए सरकार को कोई फैसला लेना है। उन्होंने शिक्षा मंत्रालय को सभी राज्यों और वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक करने और सलाह-मश्विरा करने को कहा था।

एक सूत्र ने बताया, ‘‘अंतिम निर्णय व्यापक विमर्श की प्रक्रिया पर आधारित होगा और इस दौरान वर्तमान परिस्थितियों और छात्रों के भविष्य को देखते हुए सबसे अच्छा विकल्प अपनाया जाएगा।’’

रविवार की बैठक के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा था कि बारहवीं कक्षा की बोर्ड की लंबित परीक्षा कराने के संबंध में राज्यों के बीच व्यापक सहमति है और इस बारे में जल्द सुविचारित एवं सामूहिक निर्णय एक जून तक लिया जाएगा।

बोर्ड ने दो विकल्पों का प्रस्ताव किया, जिसमें अधिसूचित केंद्रों पर 19 प्रमुख विषयों की नियमित परीक्षा लेने या छात्रों के पंजीकरण वाले स्कूलों में लघु अवधि की परीक्षा लेने की बात कही गई।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राज्य सरकारों से 25 मई तक विस्तृत सुझाव भेजने का आग्रह किया।

वहीं, सूत्रों ने दावा किया कि ज्यादातर राज्य दूसरे विकल्प के पक्ष में है जबकि कुछ राज्य इनके मिले-जुले स्वरूप की बात कह रहे हैं ।

गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण 14 अप्रैल को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं स्थगित कर दी गई थीं और 10वीं कक्षा की बोर्ड की परीक्षा को रद्द कर दिया गया था। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई बैठक में किया गया था। ये परीक्षाएं 4 मई से 14 जून के बीच होनी थीं।

इसी तरह, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) और अन्य राष्ट्रीय परीक्षा आयोजित करने वाले संस्थानों ने भी व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अपनी प्रवेश परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस संक्रमण में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को ₹ 4 लाख अनुग्रह राशि देने का अनुरोध करने वाली याचिका पर केन्द्र से मांगा जवाब attacknews.in

नयी दिल्ली, 24 मई । उच्चतम न्यायालय ने कोरोना वायरस संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को चार लाख रुपये अनुग्रह राशि दिए जाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर केन्द्र से सोमवार को जवाब मांगा ।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एमआर शाह की अवकाशकालीन पीठ ने केन्द्र को कोविड-19 से मरने वाले लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दिशा-निर्देशों की जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा कि इसके लिये समान नीति अपनाई जाए।

शीर्ष अदालत दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। इन याचिकाओं में केन्द्र तथा राज्यों को 2005 के आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को चार लाख रुपये अनुग्रह राशि देने और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए समान नीति अपनाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

पीठ ने कहा कि जब तक कोई आधिकारिक दस्तावेज या मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक समान नीति नहीं होगी, जिसमें कहा गया हो कि मृत्यु का कारण कोविड था, तब तक मृतक के परिवार वाले किसी भी योजना के तहत, अगर ऐसी कोई है, मुआवजे का दावा नहीं कर पाएंगे ।

पीठ ने केन्द्र को अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश देते हुए मामले की आगे की सुनवाई के लिये 11 जून की तारीख तय की।

गुजरात में दो समुदायों के बीच हुआ दंगा: 2,000 से अधिक लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज; एक दूसरे पर लाठी-डंडों, तलवार,लोहे और प्लास्टिक की पाइपों से किया वार, पत्थर तथा खाली बोतलें भी फेंकी attacknews.in

गिर सोमनाथ (गुजरात), 24 मई । गुजरात के गिर सोमनाथ में दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प के बाद पुलिस ने करीब 2,000 अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास और दंगा फैलाने के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की है। घटना में करीब छह पुलिसकर्मी और कई अन्य लोग घायल हो गये हैं। एक अधिकारी ने सोमवार को इस बारे में बताया।

रविवार को हुई घटना से संबंधित प्राथमिकी में इसी तरह के अपराधों के लिए 47 अन्य लोगों का नाम भी दर्ज है।

उन्होंने बताया कि गिर सोमनाथ के उना तालुका के नवा बंदर गांव स्थित जेट्टी में मछली पकड़ने की दो नौकाओं की टक्कर के बाद यह विवाद पैदा हुआ।

अधिकारी ने बताया कि अलग-अलग समुदायों से करीब 1,500 से 2,000 लोगों ने कथित रूप से एक दूसरे पर लाठी-डंडों, तलवार और लोहे और प्लास्टिक की पाइपों से वार किया और पत्थर तथा खाली बोतलें भी फेंकी।

नवा बंदर मरीन पुलिस थाना से एक अधिकारी ने बताया कि जब पुलिस ने भीड़ को काबू में करने के लिए दखल दिया तो दंगाइयों ने उन भी हमला किया जिससे सहायक पुलिस अधीक्षक ओम प्रकाश जट, दो उपनिरीक्षक और तीन कांस्टेबल समेत छह पुलिसकर्मी घायल हो गये।

उन्होंने बताया कि पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।

उन्होंने बताया कि रविवार देर रात हुई घटना के संबंध में दोनों समुदायों से 47 ज्ञात और 1,500 से 2,000 अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 307 (हत्या के प्रयास), 332, 333 (लोकसेवकों को जानबूझकर गंभीर रूप से चोट पहुंचाने), 337, 338 (मानव जीवन को नुकसान पहुंचाने वाले कृत्य करना), 143 (गैर कानूनी रूप से जमा होना), 147 और 148 (दंगा फैलाना) के तहत मामले दर्ज किये गये हैं।

अधिकारी ने बताया दोषियों को गिरफ्तार करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि झड़प के बाद पास के तीन पुलिस थानों उना, गिर्गाधादा और कोडिनार से बड़ी तादाद में पुलिसकर्मियों के साथ स्थानीय अपराध शाखा और विशेष अभियान समूह से कर्मियों को भीड़ पर नियंत्रण के लिए भेजा गया।

दिल्ली की रोहिणी अदालत ने हत्या मामले में ओलम्पिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार को छह दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा attacknews.in

नयी दिल्ली, 23 मई । दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में जूनियर गोल्ड मेडलिस्ट पहलवान सागर राणा की हत्या के मामले में फरार चल रहे ओलम्पिक रजत विजेता पहलवान सुशील कुमार को दिल्ली पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया ।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने करीब 20 दिन बाद सुशील कुमार और उसके साथी अजय बक्करवाला को दिल्ली के ही मुंडका इलाके से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने सुशील को रोहिणी कोर्ट में पेशकर 12 दिन की रिमांड मांगी थी लेकिन अदालत ने सुशील को छह दिन की पुलिस हिरासत में दिया है।

पुलिस ने करीब आधे घंटे तक सुशील से अदालत में पूछताछ करने के बाद 12 दिन की हिरासत मांगी थी लेकिन मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा ने सुशील को छह दिन के लिए पुलिस हिरासत दी है।

अदालत की कार्यवाही के दौरान सरकारी वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि सुशील से पुलिस हिरासत में पूछताछ यह जानने के लिए जरूरी है कि इस हत्याकांड के पीछे का पूरा षड़यंत्र और उद्देश्य क्या था।

दोनों आरोपी चार मई को देर रात हुई घटना के बाद से फरार थे। 38 वर्ष के पहलवान सुशील पर पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था जबकि अजय पर 50 हजार का इनाम था।

स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज बताया कि इंस्पेक्टर शिवकुमार और इंस्पेक्टर कर्मबीर के नेतृत्व वाली स्पेशल सेल की टीम ने सुशील और अजय (48) को यहाँ मुंडका से गिरफ़्तार किया है। इस टीम को एसीपी अत्तर सिंह सुपरवाइज कर रहे थे।

दिल्ली पुलिस ने बताया कि 23 वर्षीय सागर राणा की हत्या के मामले में दोनों उक्त आरोपियों को रविवार सुबह दिल्ली के मुंडका इलाके से गिरफ्तार किया गया है। इंस्पेक्टर शिवकुमार के निर्देशन में स्पेशल सेल की टीम ने दोनों वांछित लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान पहलवान सुशील कुमार और उसके साथ अजय उर्फ सुनील के रूप में हुई।

इससे पहले, सुशील कुमार की तलाश में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली के अलावा यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा और अब पंजाब में ताबड़तोड़ छापेमारी की। दिल्ली में कई ठिकानों पर पुलिस ने छापा मारा लेकिन सुशील का कोई सुराग नहीं लगा। पुलिस को सबसे पहले सुशील के उत्तराखंड जाने की जानकारी मिली थी। उसके बाद से पुलिस लगातार उसकी गिरफ्तारी के लिए पांच राज्यों में दबिश दे रही थी।

शनिवार को भी सूचना आ रही थी कि दिल्ली पुलिस ने सुशील को पंजाब से गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों ने उसकी गिरफ्तारी की बात से इनकार कर दिया था।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में चार मई की रात दिल्ली के मॉडल टॉउन थाने के इलाके में पहलवान सुशील और उसके साथियों ने एक फ्लैट से सागर और उसके दोस्तों का अपहरण किया। फिर छत्रसाल स्टेडियम में ले जाकर उनकी बेरहमी से पिटाई की। इसमें सागर बुरी तरह घायल हो गया था। इलाज के दौरान सागर की मौत हो गई थी।

वारदात के बाद पुलिस को स्टेडियम का एक सीसीटीवी फुटेज भी हाथ लगा है। सीसीटीवी फुटेज में सुशील 20-25 पहलवानों और असौदा गिरोह के बदमाशों के साथ सागर धनखड़ और दो अन्य को पीटता दिखा है। सभी लोग सागर को लात-घूंसों, डंडों, बैट व हॉकी से मारते दिख रहे हैं। फुटेज में सुशील सागर व दो अन्य पीड़ितों पर हॉकी चलाता भी दिखा है। सभी पहलवान और बदमाश स्टेडियम के सीसीटीवी कैमरे में कैद हैं।

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 20 से 25 लोगों ने सागर व दो अन्य को अधमरा होने तक पीटा था। फुटेज से पता लग रहा है कि पीड़ितों को बुरी तरह से पीटा गया। उनके मुताबिक, सुशील के साथ असौदा गिरोह के बदमाश और कुछ पहलवान भी थे।

गिरफ्तारी के बाद सुशील ने पुलिस पूछताछ में बताया कि गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने कई रातें सड़क के किनारे गाड़ी में ही बितायी थीं। सुशील ने अपना मोबाइल भी बंद कर रखा था। सुशील ने बताया कि हत्या वाली रात वह दिल्ली हरिद्वार हाईवे पर स्थित मेरठ टोल प्लाजा से निकला था। इसके बाद वह तीसरे दिन भी इसी टोल प्लाजा से निकला था लेकिन जब पुलिस का शिकंजा कसा जाने लगा तो उसने हाईवे से निकलना बंद कर दिया और वह राज्यमार्गों से भाग जाने की फिराक में था।
सुशील देश के लगातार दो ओलम्पिक में पदक जीतने वाला एकमात्र खिलाड़ी है । सुशील ने 2008 के बीजिंग ओलम्पिक में कांस्य पदक और 2012 के लंदन ओलम्पिक में रजत पदक जीता था। वह 2010 में विश्व चैंपियन भी रहे हैं। राष्ट्रमंडल खेल 2010, 2014 और 2018 में उन्होंने लगातार तीन स्वर्ण पदक जीते हैं। उन्होंने गत 18 मई को रोहिणी कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी लेकिन अदालत ने उनकी यह याचिका खारिज कर दी थी।

चक्रवात ‘यास’ के 26 मई की शाम को 155-165 किमी की गति से हवा के तेज होकर 185 किमी चलने से प बंगाल और ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में 4 मीटर तक ऊंचा तूफान आ सकता है attacknews.in

मोदी ने चक्रवाती तूफान ‘यास’ के मद्देनजर स्थिति की समीक्षा की

नयी दिल्ली 23 मई । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चक्रवात ‘यास’ से निपटने के लिए संबंधित राज्यों तथा केंद्रीय मंत्रालयों और एजेंसियों की तैयारियों की आज एक बैठक में समीक्षा की।

मौसम विज्ञान विभाग ने सूचित किया कि चक्रवात ‘यास’ के 26 मई की शाम को 155-165 किलो मीटर की गति से चलने वाली हवा के तेज होकर 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने के अनुमान के साथ पश्चिम बंगाल तथा उत्तर ओडिशा तटों को पार करने की संभावना है। इससे पश्चिम बंगाल तथा उत्तर ओडिशा के तटीय जिलों में भारी वर्षा हो सकती है।

विभाग ने यह चेतावनी भी दी है कि पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में लगभग 2 से 4 मीटर ऊंचा तूफान आ सकता है। मौसम विभाग नियमित रूप से सभी संबंधित राज्यों को नवीनतम पूर्वानुमान के साथ बुलेटिन जारी कर रहा है।

प्रधानमंत्री को बताया गया कि कैबिनेट सचिव ने सभी तटीय राज्यों के मुख्य सचिव और संबंधित मंत्रालयों व एजेंसियों के अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति की बैठक की। गृह मंत्रालय निरंतर स्थिति की समीक्षा कर रहा है और तटीय राज्यों तथा संबंधित मंत्रालयों और एजेंसियों के संपर्क में है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने राज्यों में नौकाओं, पेड़ काटने वाले उपकरणों, दूरसंचार उपकरणों आदि के साथ 46 टीमों को पहले से तैयार कर रखा है। इसके अतिरिक्त तैनाती के लिए 13 टीमें विमान से रवाना की जा रही हैं और 10 टीमें आपात स्थिति के लिए रखी गई हैं।

तटरक्षक बल तथा नौसेना ने राहत, खोज और बचाव कार्यों के लिए जहाज तथा हेलीकॉप्टरों की तैनाती की है। वायु सेना तथा सेना की इंजीनियर टास्क फोर्स इकाइयां तैनाती के लिए तैयार रखी गई हैं। मानवीय सहायता के साथ सात जहाज और आपदा राहत इकाइयां पश्चिमी तट पर तैयार हैं।

पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा समुद्र में सभी तेल प्रतिष्ठानों को सुरक्षित रखने तथा जहाजों को सुरक्षित बंदरगाह पर लाने के कदम उठाए गए हैं।

विद्युत मंत्रालय ने आपात कार्य प्रणाली को सक्रिय कर दिया है तथा ट्रांसफार्रमरों, डीजी सेटों तथा उपकरण आदि को तैयार रखा है ताकि बिजली की फौरन बहाली की जा सके। दूरसंचार मंत्रालय टावरों तथा एक्सचेंजों पर निरंतर निगरानी रखे हुए है और दूरसंचार नेटवर्क को बहाल करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने प्रभावित होने वाले राज्यों को स्वास्थ्य क्षेत्र की तैयारियों और प्रभावित इलाकों में कोविड की स्थिति से निपटने के लिए परामर्श जारी किया है। बंदरगाह, नौवहन तथा जल मार्ग मंत्रालय ने सभी जहाजों को सुरक्षित रखने के उपाय किए हैं तथा आपातकालीन जहाजों की तैनाती की है।

एनडीआरएफ खतरनाक स्थानों से लोगों को निकालने की तैयारियों में राज्य की एजेंसियों की सहायता कर रहा है और चक्रवात की स्थिति से निपटने के लिए निरंतर रूप से सामुदायिक जागरूकता अभियान चला रहा है।

प्रधानमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों को राज्यों के साथ निकट सहयोग के साथ काम करने को कहा है ताकि अधिक जोखिम वाले क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित ढंग से निकालने का काम सुनिश्चित हो सके। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिया है कि अपतटीय गतिविधियों में शामिल लोगों की समय से निकासी सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने सभी संबद्ध विभागों को बिजली तथा दूरसंचार नेटवर्क में कटौती का समय कम करने और बिजली तथा दूरसंचार नेटवर्क की तेजी से बहाली के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को राज्य सरकारों के साथ उचित तालमेल और नियोजन कार्य करने को भी कहा ताकि अस्पतालों में कोविड के मरीजों के इलाज और टीकाकरण कार्य में कोई व्यवधान नहीं हो।

उन्होंने श्रेष्ठ व्यवहारों से अच्छी सीख लेने के लिए नियोजन और तैयारी की प्रक्रिया में जिला प्रशासन को शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रभावित जिलों के नागरिकों को समझने लायक स्थानीय भाषा में क्या करे, क्या नहीं करें का परामर्श और निर्देश दें। प्रधानमंत्री ने तटीय समुदायों, उद्योगों आदि विभिन्न हितधारकों से सीधे संपर्क साधने और उन्हें संवेदी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

बैठक में गृह मंत्री, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, गृह राज्य मंत्री, कैबिनेट सचिव, गृह, दूरसंचार, मत्स्यपालन, नागर विमानन, विद्युत, बंदरगाह, नौवहन तथा जल मार्ग, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालयों के सचिव, रेल बोर्ड के अध्यक्ष ,सदस्य तथा एनडीएमए के सचिव सदस्य, आईएमडी तथा एनडीआरएफ के महानिदेशक, प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

मध्यप्रदेश में।रविवार को कोरोना से 75 की मृत्यु,सामने आए 3375 नए मामले;अबतक संक्रमितों की संख्या 7,64,338 और मृतकों की संख्या 7558 हुई attacknews.in

भोपाल, 23 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के आज औसतन 4़ 2 प्रतिशत संक्रमण दर के साथ 3375 नए मामले सामने आए और 75 संक्रमितों की मृत्यु हो गयी।वर्तमान में एक्टिव केस घटकर 57,766 पर आ गए हैं।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार 79083 सैंपल की जांच में 3375 पॉजिटिव पाए गए और 75708 नेगेटिव रहे।

136 सैंपल रिजेक्ट हुए।

इस तरह औसत संक्रमण दर 4़ 2 प्रतिशत रही।

अप्रैल माह में औसत संक्रमण दर 25 प्रतिशत को पार कर गयी थी।

बुलेटिन के अनुसार 3375 नए मामलों के साथ अब तक कुल 7,64,338 व्यक्ति संक्रमित हुए हैं, जिनमें से 7558 की जान जा चुकी है।

वहीं 7587 व्यक्ति स्वस्थ हुए हैं और अब तक कुल 6,99,014 व्यक्ति कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं।

वर्तमान में सक्रिय मामलों की संख्या 57, 766 है और सबसे अधिक सक्रिय मामले इंदौर में 9684 तथा भोपाल में 9084 हैं।

इसके अलावा ग्वालियर में 4644 तथा जबलपुर में 2240 है।

आज भी राज्य में सबसे अधिक मामले इंदौर जिले में 829 और भोपाल जिले में 577 मिले।

इसके अलावा ग्वालियर में 110, जबलपुर में 186 और रतलाम में 110 मिले।

इसके अलावा सागर जिले में सबसे अधिक 10 और जबलपुर में 09 मौत दर्ज की गयीं।

वहीं इंदौर में 06, भोपाल में 04 और ग्वालियर में 07 मृत्यु दर्ज की गयीं।

कमलनाथ ने कहा:हम पुलिस FIR से डरने वाले नहीं हैं;रोनी सूरत बनाकर ड्रामेबाज़ी व मुद्दों से ध्यान भटकाने की बजाय शिवराज सिंह चौहान प्रदेश हित में मेरे सवालों का जवाब दे attacknews.in

भोपाल, 23 मई। मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने आज कहा कि वे राज्य की जनता के प्रति भी जवाबदेह हैं और जनता के हितों के लिए लड़ते रहेंगे।

श्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के उन पर हमले के बाद अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि उन्होंने तो संकट के दौर में सरकार का सहयोग किया है, लेकिन उनकी जवाबदेही जनता के प्रति भी है। वे झूठे आरोपों की परवाह नहीं करते हैं और किसी भी एफआईआर से डरने वाले नहीं हैं।

प्रदेश कांग्रेस की ओर से जारी विज्ञप्ति में श्री कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संकटकाल के दौरान मौत के आकड़े दबाएं और छिपाएं जाएं, यह सहन नहीं किया जाएगा।

उन्होंने दोहराया कि सरकार को तीन माह के दौरान हुयी मौतों के मामले में जानकारी सार्वजनिक करना चाहिए।

श्री कमलनाथ ने कहा कि श्री चौहान ने उन पर ‘भारतीय कोविड’ शब्द का असत्य आरोप लगाया है। उन्होंने जो कहा है वह अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों और विभिन्न देशों के प्रमुखों के बयान के आधार पर कहा है। जिस कोरोना को पहले चीन का वायरस कहा जाता था, अब केंद्र सरकार की नाकामी के कारण अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों में और कई देशों में इसे भारतीय कोरोना वेरिएंट कहा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि यदि वे देशवासियों को वास्तविकता बता रहे हैं, तो इसमें गलत क्या हैं।इसके पहले आज यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस के समक्ष पहुंचा और इसी मामले में श्री कमलनाथ के खिलाफ शिकायत की। दल ने एक शिकायत पत्र देकर आरोप लगाया है कि श्री कमलनाथ ने जो बातें कहीं हैं, वे देशहित में नहीं हैं, इसलिए उनके खिलाफ मामला दर्ज कर वैधानिक कार्रवाई होना चाहिए।

रोनी सूरत बनाकर ड्रामेबाज़ी व मुद्दों से ध्यान भटकाने की बजाय मुख्यमंत्री शिवराज जी प्रदेश हित में मेरे सवालों का जवाब दे –

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के आरोपो पर पलटवार करते हुए कहा कि रोनी सूरत बनाकर ड्रामेबाज़ी व मुद्दों से ध्यान भटकाने की बजाय शिवराज जी प्रदेश हित में मेरे सवालों का जवाब दे।

-देश,प्रदेश की जनता मोदी जी , शिवराज जी और भाजपा की सच्चाई जानती है कि जब भी देश और प्रदेश के सामने कोई संकट आये, समस्याएं आये उनसे जनता का ध्यान मोड़ने की राजनीति करें , झूठे मुद्दों को हवा दो।

-जब देश और प्रदेश में हजारों लोग बेमौत मारे जा रहे हैं ,तब देश का प्रधानमंत्री आंसू बहाने का नाटक कर रहा है और मुख्यमंत्री “रोनी सूरत” बना कर ड्रामेबाज़ी कर मुझसे जवाब मांग रहे हैं ?

-बेहतर हो शिवराज जी आप मध्य प्रदेश की 7.5 करोड़ जनता के मुखिया हैं , कोरोना के इस संकटकाल में आप उनकी चिंता करें ,उनके स्वास्थ्य की रक्षा सुनिश्चित करें ,ब्लेक फ़ंगस के इलाज व इंजेक्शन की कमी दूर करे ,जिसमें आप अभी तक असफल साबित हुए हैं , कांग्रेस और विपक्ष से तो आप बाद में निपट लेना।आपने पिछले 16 वर्ष किया ही क्या है सिर्फ़ राजनीति- भाषण व झूठी घोषणाएँ ?

-हेड-लाइन मैनेजमेंट का काम बाद में कर लेना शिवराज सिंह जी।

-पूरा प्रदेश जानता है कि कोरोना के संकट काल में आप कितनी चैन की नींद सोए रहे , आप तो मेरी सरकार के समय कोरोना को डरोना बताकर मेरा मज़ाक़ उड़ाते थे ?जनता-इलाज-ऑक्सीजन-जीवन रक्षक दवाइयों व इंजेक्शन के लिए दर-दर भटकती रही और आप और आपकी सरकार संकट के इस दौर में सिर्फ चैन की नींद सोए रहे ?

-सत्याग्रह आग्रह ,मेरा मास्क-मेरा अभियान ,शारीरिक दूरी के गोले बनाना ,प्रचार रथ पर बैठकर बीच बाजारों में निकल जाना ,संकट के दौर में आपकी इन नौटंकीयों को प्रदेश के हर नागरिक ने देखा है।

-प्रदेश के कई जिलों में कई लोगों ने ऑक्सीजन के अभाव में दम तोड़ा है और आपने आज तक उन पीड़ितों से मिलने की हिम्मत नहीं दिखायी है , इन घटनाओं पर आज तक किसी जांच की घोषणा नहीं की है ? आप जवाब दे कि प्रदेश में बेड-इलाज-ऑक्सीजन-इंजेक्शन के अभाव में कितने लोगों ने दम तोड़ा है ?

-संकट के समय आप और आपकी सरकार मैदान से पूरी तरह से गायब रहे , बैठकों की नौटंकी करते रहे ,आज तीन माह आप प्रदेश की जनता की सुध लेने निकले है , जब हज़ारों लोग प्रदेश में दम तोड़ चुके है ? इस सच्चाई को तो आपकी पार्टी के ही कई नेताओं ने भी समय-समय पर जनता के बीच में उजागर किया है।

-हमने तो संकट के दौर में आपकी सरकार का सहयोग किया है लेकिन हमारी जवाबदारी प्रदेश की जनता के प्रति भी है।हम उनको मरता नहीं छोड़ सकते हैं ,हम आपके झूठ पर मुहर नहीं लगा सकते हैं।हम जनता के हित के लिये लड़ते रहेंगे , हमें आपके झूठे आरोपो की परवाह नहीं है।आपकी किसी भी FIR से हम डरने वाले नहीं है।

-आप प्रदेश में मौत के आंकड़े दबाए व छुपाए ,हम यह सहन नहीं करेंगे।बेहतर होता कि आप मुझ पर झूठे आरोप लगाने के बजाय , मेरी चुनौती स्वीकार कर प्रदेश के मुक्तिधामो व कब्रिस्तानो में इन तीन माह में हुई मौत के आंकड़े को ,रजिस्टर को सार्वजनिक करते ,उस पर तो आपने एक शब्द भी नहीं बोला ?

-आपकी योजनाओं की सच्चाई मै जनता को ना बताऊँ ?

-आप मुझ पर जो भारतीय कोविड शब्द का झूठा आरोप लगा रहे हैं ,उसकी सच्चाई आपको बता दूँ कि मैंने जो कहा है वह अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों व विभिन्न देशों के प्रमुखों के बयान के आधार पर कहा है कि जिस कोरोना को पहले चीन का वायरस कहा जाता था ,अब केंद्र सरकार की नाकामी व निकम्मेपन के कारण और हमारे देश की वर्तमान हालत को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों में और कई देशों में इसे भारतीय कोरोना वैरीअंट कहा जा रहा है ,हमारे देश के कई छात्रों को ,नौकरी करने वालों का कई देशों में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है ,उड़ानों पर प्रतिबंध लग गया है।यदि मैं देशवासियों को वास्तविकता बता रहा हूं तो इसमें गलत क्या है ? भारत को महान बनाने की बात करने वालों ने आज भारत को विश्व भर में बदनाम कर दिया है।
-पूरा प्रदेश देख रहा है कि प्रदेश में कोविड की इस महामारी में किस प्रकार आपकी पार्टी से जुड़े हुए लोग बेड-इंजेक्शन-जीवन रक्षक दवाइयां व उपकरणों की कालाबाजारी में पकड़े जा रहे हैं , आपदा में अवसर तलाश रहे है ?

-आप तो जवाब दें कि प्रदेश में ऑक्सीजन,इलाज,बेड ,जीवन रक्षक दवाइयों व उपकरणों के अभाव में जितनी भी मौतें हुई है ,उसका दोषी कौन है ? उसके लिए कौन जिम्मेदार है ? आप पर तो समाज द्रोह , राज्य द्रोह की कार्यवाही होना चाहिये ?

-जब डब्ल्यूएचओ सहित तमाम मीडिया रिपोर्टों ने कोरोना की दूसरी लहर की चेतावनी अक्टुबर माह में ही दे दी थी तो आपने प्रदेश में ऑक्सीजन की उपलब्धता ,उत्पादन ,इलाज ,बेड व जीवन रक्षक दवाइयों का पर्याप्त इंतजाम क्यों नहीं किया ? आपकी प्रदेश में एक वर्ष से सरकार है ,आप प्रदेश की जनता को भगवान भरोसे छोड़ राजनीति में लगे रहे ,पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार में व दमोह उपचुनाव में लगे रहे हैं और प्रदेश की जनता से आज माफी मांगने की बजाय ,मुझसे सवाल कर रहे हैं ?

-आज प्रदेश में हर वर्ग परेशान है ,किसान परेशान है ,आप बताएं कि संकटकाल में आपने उनके लिए क्या किया ?

-लेकिन आप यह सब नहीं करेंगे ,आप तो देशद्रोह-राष्ट्रद्रोह की बात कर मुद्दों से भटकाने का काम करेंगे जिसमें आप माहिर है।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की 22 मई को उज्जैन में मीडिया से चर्चा –

-आज मै महाकाल दर्शन करने आया हूँ , प्रदेशवासियो को कोरोना महामारी से मुक्ति मिले , उनके स्वास्थ्य, समृद्धि व ख़ुशहाली समृद्धि की कामना के लिए आया हूँ।

-आज प्रदेशवासी सरकार के भरोसे नहीं , भगवान भरोसे है।

  • किस तरह हमारा भारत आज भाजपा सरकार के कारण विश्व भर में बदनाम हो रहा है।पहले चीन का कोरोना कहा जाता था ,आज पूरे विश्व में सारी मीडिया रिपोर्ट ने इसका नाम भारतीय वैरीअंट कोरोना लिख दिया है।कई देशों के प्रमुख इसे भारतीय वैरीअंट के नाम से पुकार रहे हैं।हमारे देश के कई छात्र व जो नौकरी कर रहे है वो वापस नहीं जा पा रहे है।कुछ भारतीय जो विदेशों में टैक्सी चलाते हैं ,उनकी टैक्सी में लोग बैठने को तैयार नहीं है ? यह जो भारत महान बनाने की बात बाद करते थे , उनकी असलियत सामने आ रही है ?

-आज सरकार कोरोना से नहीं लड़ रही है , आलोचना से लड़ रही हैं , मीडिया के लोगों को भी दबाया जा रहा है ,उन पर भी प्रकरण दर्ज किए जा रहे हैं।
-यह आज इमेज मैनेजमेंट में लगे हैं।

-मोदी जी खुद को विश्वगुरु बताते थे ,कहते थे कोरोना की लड़ाई हम जीत गयें ? 6.60 लाख वैक्सीन का निर्यात कर दिया ? आज देशवासी वैक्सीन के लिये भटक रहे है ?

-हमारा छोटा-मध्यमवर्गीय व्यापारी ,किसान युवा ,बेरोजगार नौजवान परेशान है ,अर्थव्यवस्था चौपट है। कई लोगों ने अपनो को खोया है और आगे आने वाला आर्थिक प्रभाव प्रदेश और देश को कहां ले जाएगा , हमें उसकी भी चिंता है ?

-मैंने कल ही प्रश्न पूछा था कि कोरोना के मौत के आंकड़े क्यों दबाए-छुपाए जा रहे हैं ?मैंने कल ही कहा था कि कितने शव मुक्तिधाम-कब्रिस्तान में आये है ,इसका रिकॉर्ड दे दीजिए ,जनता खुद फैसला कर लेगी?

-आज जनता के पास इलाज के पैसे नहीं ,लोग बर्बाद हो गए , शव के अंतिम संस्कार तक के पैसे नहीं , अब वह क्या मृत्यु के प्रमाण पत्र के लिए दर-दर भटकेगी ?

-मेने प्रदेश के सभी 52 जिलों से जानकारी बुलायी है , जिसमें एक लाख 27 हज़ार शव मार्च और अप्रैल में मुक्तिधाम और कब्रिस्तान में पहुंचे है।मेरे हिसाब से उसमें से 80% की मृत्यु कोविड से हुई।

-शिवराज जी ने कहा कि जिनकी कोरोना से मृत्यु हुई , उन्हें एक लाख की अनुग्रह राशि देंगे।मैंने कहा एक लाख नहीं 5 लाख दीजिए और किस सर्टिफिकेट पर आप देंगे , किस आधार पर देंगे , यह भी बताइये ?
आप जो भी शपथ पत्र दे कि मेरे परिवार के सदस्य की मृत्यु कोरोना से हुई है , उसे 5 लाख दीजिये।यह सिर्फ घोषणा कर जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं ,इस सच्चाई को प्रदेश की जनता को समझना है।

-आज किसान के साथ कितना अन्याय हो रहा है ,गेहूं खरीदी में उसके साथ क्या हो रहा है ,छोटे व्यापारियों का क्या हो रहा है ,इन सब की मुझे चिंता है ,मैंने महाकाल मंदिर में दर्शन कर सभी की ख़ुशहाली की प्रार्थना की है।

-आज हमारे सामने दो चुनौती है ,पहली टेस्टिंग के अभाव में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है ,रिपोर्ट 5 -6 दिन में आ रही है , दूसरी वैक्सीन की कमी की ? 18 से 44 वर्ष की घोषणा जब हुई ,जब पश्चिम बंगाल मैं आखिरी चरण का चुनाव था ,युवा मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए झूठ बोला गया , तब तक तो वैक्सीन का आर्डर तक नहीं दिया था और आज मोदी जी के फोटो लगे प्रमाण पत्र दिए जा रहे हैं और जनता से पैसे वसूले जा रहे हैं ?

-नरोत्तम मिश्रा मुझसे प्रमाण मांग रहे है ,आपके पास तो रिकॉर्ड है ,आप शमशान ,मुक्तिधाम ,कब्रस्तान के रिकॉर्ड और रजिस्टर को सार्वजनिक करिए ,मुझे गलत साबित करिये ,मैं माफी मांग लूंगा।

-मैं प्रदेश की जनता के साथ खड़ा हूं मुझे किसी f.i.r. व मुकदमे से डर नहीं लगता है।

-आज हमारी सरकार होती तो हम इंजेक्शन का बफ़र स्टॉक बनाते ,केयर सेंटर बनाते ,ऑक्सीजन की भरपूर व्यवस्था करते ,आइसोलेशन सेंटर बनाते ,इलाज-बेड की पर्याप्त व्यवस्था करते ,हम तमाम चेतावनियो को नजरअंदाज नहीं करते ,लोगों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने का पर्याप्त इंतजाम करते।

-मध्य प्रदेश की 70% अर्थव्यवस्था कृषि क्षेत्र पर आधारित है ।ये किसान सम्मान निधि के नाम पर एक तरफ़ दो हज़ार रुपये की राशि दे रहे है और दूसरी तरफ डीजल-बीज और खाद का दाम बढ़ा रहे है ? यह किसानों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं।
-ये प्रदेश में कोरोना के आँकड़े छुपाने और दबाने के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट ज्यादा कर रहे हैं।
-मैं पुलिस के अधिकारियों से भी कहना चाहता हूं कि याद रखें कल के बाद परसों आएगा ,पक्षपातपूर्ण कार्य बंद करें।

-मोदी सरकार पिछले 1 सप्ताह से अपनी गलती को छुपाने और दूसरों पर ढ़ोलने की तैयारी में लग गई है।अब यह स्वास्थ्य को राज्य सरकार का विषय और राज्य सरकारों को हम चेतावनी दे चुके थे , इसमें
लग गये है।जबकि सच्चाई यह है कि यह 2020 में आपदा प्रबंधन कानून लाए थे ,उन्होंने राज्यों से पूरे अधिकार ले लिए थे। ये रेमदेसीविर का एक्सपोर्ट कर रहे थे ,ऑक्सीजन का निर्यात कर रहे थे।

-मै प्रदेश का मुख्यमंत्री था ,मेरे पास सभी तरह की जानकारी थी ,मैं सरकार का प्रमुख था।हनी ट्रैप की सीडी तो प्रदेश में कई लोगों के पास है , ऐसा कई लोग दावा भी करते है।

-मै मध्य प्रदेश का नाम इस स्तर की राजनीति से कलंकित नहीं करना चाहता था। मै चाहता था प्रदेश का नाम रोशन हो ,लोगों में मध्यप्रदेश के प्रति विश्वास बड़े ,उससे प्रदेश में निवेश आता है।

-मोदी जी की असलियत पूरे देश की जनता समझ रही है ,जनता समझ रही कि हर वर्ग के साथ धोखा हुआ है।2014 से हम देख रहे हैं स्कील इंडिया ,मेक इन इंडिया ,डिजिटल इंडिया ,नोटबंदी ,जीएसटी इसकी असलीयत देश की जनता ने देख ली है ,नारों से देश चलने वाला नहीं है ,कलाकारी और गुमराह की राजनीति का अब अंतिम समय आ गया है।
-प्रदेश में एक नया माफिया सामने आया है वो है कोविड माफिया।मेने माफ़ियाओ के ख़िलाफ़ , मिलावट के खिलाफ युद्ध चलाया।

-आज भाजपा से जुड़े हुए लोग जीवन रक्षक दवाइयो-बेड-इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहे हैं।

-हनी ट्रैप का मुद्दा व आग लगाने के वीडियो कोरोना से ध्यान हटाने के लिए उछाले जा रहे हैं।

-आज ब्लैक फंगस का इंजेक्शन प्रदेश से गायब है।

-आज जो इनकी आलोचना करें वो देश द्रोही – राज द्रोही।

मध्यप्रदेश में एक जून से क्रमबद्ध रूप से हटेगा कोरोना कर्फ्यू-शिवराज सिंह चौहान का दावा, अब मप्र में कोरोना संक्रमण नियंत्रण में attacknews.in

होशंगाबाद/भोपाल , 23 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थित नियंत्रण में है। प्रदेश में एक जून से क्रमबद्ध रूप से कोरोना कर्फ्यू को हटाया जाएगा। नर्मदापुरम संभाग को 31 मई तक कोरोना मुक्त किया जाएं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज यहाँ जिले के एनआईसी कक्ष में नर्मदापुरम संभाग के तीनों जिले बैतूल, हरदा और होशंगाबाद में कोविड़ की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में आ गई है। सभी के समन्वित प्रयासों से यह संभव हो पाया है। प्रदेश में पॉजिटिविटी रेट घटकर 4.2 प्रतिशत पर पहुँच गई है। कोरोना की जड़ों पर अंतिम प्रहार कर ग्राम, वार्ड, पंचायत और पूरे जिले को 31 मई तक कोरोना मुक्त करें। कोरोना कर्फ्यू का कड़ाई से पालन किया जाए। शादी समारोह आदि भीड़भाड़ वाले आयोजन 31 मई तक टाले। प्रत्येक काेरोना पीड़ित परिवार की हरसम्भव मदद सरकार करेगी।

श्री चौहान ने कहा कि अधिक संक्रमण वाले ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाया जाए। ऐसे क्षेत्रों में प्रशासन पूरी ताकत से सर्दी, खांसी एवं बुखार के मरीजों को पहचान कर तत्काल मेडिकल किट उपलब्ध कराकर इलाज कराये। इस कार्य में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप सक्रिय भूमिका निभाएं। संक्रमित व्यक्तियों के लिए होम आइसोलेशन की व्यवस्था परफेक्ट हो। घरों में पर्याप्त स्थान न होने की दशा में कोविड केयर सेंटर में भर्ती किया जाए। सैनिटाईजेशन कार्य निरंतर जारी रखे।

उन्होंने कहा कि आक्रामक टेस्टिंग रणनीति अपनाई जाकर ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग कार्य किया जाए। वेंटिलेटर, ऑक्सीजन बेड्स में भर्ती प्रत्येक मरीज की सघन निगरानी करें। प्रत्येक व्यक्ति की जान बचाना जरूरी है। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का सामना करने के लिए भी आवश्यक तैयारियाँ सुनिश्चित की जाएं। कोरोना प्रोटोकॉल का इतना सख्ती से पालन किया जाए कि तीसरी लहर आएं ही नहीं।

उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना पर राज्य सरकार अनुदान और बिजली शुल्क में रियायत देगी। प्रदेश में ब्लैक फंगस के इलाज की भी समुचित व्यवस्थाएँ एवं दवाइयों की व्यवस्था भी सरकार द्वारा की जा रही है। प्रदेश में किल कोरोना अभियान जारी रखा जाए। सर्दी, खाँसी, जुकाम से प्रभावित प्रत्येक व्यक्ति की पहचान कर उसे तत्काल मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने संभाग के तीनों जिले में ब्लैक फंगस की जाँच के लिए व्यवस्थाएँ बनाने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र एवं अन्य राज्यों से कोरोना संक्रमण के बढ़ने का खतरा अधिक है। महाराष्ट्र की बॉर्डर को पूरी तरह सील रखें। इटारसी रेलवे स्टेशन पर भी टीम नियोजित रहे, जिनके द्वारा स्टेशन पर बाहर से आने वाले नागरिकों की सघन स्क्रीनिंग की जाए। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी उपाय है। क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा टीकाकरण के खिलाफ फैली भ्रांतियों को दूर किया जाये और लोगों में जागरूकता लायी जाये। वैक्सीन को एक भी डोज को बेकार नहीं होने दें।

उन्हाेंने कहा कि कोरोना शरीर के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी लोगों को तोड़ देता है। मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना के तहत सभी गरीब एवं मध्यमवर्गीय परिवारों का नि:शुल्क कोविड इलाज हो यह सुनिश्चित किया जाए। कोरोना के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में गरीब परिवारों की सहायता के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा तीन माह का राशन उपलब्ध कराया गया है। सभी पात्र हितग्राहियों को निशुल्क राशन का वितरण हो जाए। राशन वितरण के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो इसका विशेष ध्यान रखें।

उन्होंने कहा कि तेंदूपत्ता तुड़ाई के दौरान भी कोरोना से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियों का पालन किया जाए। कोरोना के प्रकोप में जो बच्चे अनाथ हो गये हैं उनके लिए पाँच हजार रूपये प्रतिमाह की पेंशन, नि:शुल्क राशन और उनकी पढ़ाई की व्यवस्था की जा रही है। निर्माण श्रमिकों और स्व-सहायता समूहों के खातों में राशि जारी की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिन परिवारों में कोविड़ से मृत्यु हुई है, उन्हें एक लाख रुपये की सहायता देने का निर्णय भी लिया गया है।

इस समीक्षा बैठक में होशंगाबाद, हरदा एवं बैतूल जिले के कलेक्टरों ने भी जिले में कोविड नियंत्रण के लिए किए गए प्रयासों के बारे जानकारी दी। विधायकों ने भी स्वास्थ्य सुविधाओं को और अधिक मजबूत बनाने के सुझाव दिए हैं।

शिवराज का दावा, अब मप्र में कोरोना संक्रमण नियंत्रण में

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण अब पूरी तरह से नियंत्रित है।

श्री चौहान ने वीडियो संदेश के जरिए कहा कि राज्य में औसत कोरोना संक्रमण दर (पॉजिटिविटी रेट) कम हाे रही है। आज की संक्रमण दर 4़ 26 प्रतिशत है। आज के पॉजीटिव केस 3375 हैं और स्वस्थ होकर घर जाने वालों की संख्या 7587 है।

उन्होंने बताया कि स्वस्थ होने वालों की दर बढ़कर 91़ 5 प्रतिशत हो गयी है। उन्होंने कहा कि जनता के सहयोग से स्थिति लगातार सुधर रही है। उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि राज्य की जनता के सहयोग से कोरोना पर पूर्ण तरीके से काबू पा लिया जाएगा।

मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर ने अप्रैल माह में अभूतपूर्व तबाही मचायी है। हालात यह थे कि अप्रैल माह में लोगों को चिकित्सकों, अस्पतालों, ऑक्सीजन और दवाइयों के लिए दर दर भटकना पड़ रहा था।

झाबुआ जिले में 24 मई से खुलेंगी आवश्यक दुकानें

मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले में 24 मई से आवश्यक किराना, कृषि उपकरण और अन्य दुकानों को सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक खोला जा सकेगा, लेकिन वहीं साप्ताहिक हाट बाजारों पर प्रतिबंध रहेगा।

जिले के प्रभारी मंत्री हरदीप सिंह डंग ने आज कोरोना संक्रमण के संबंध में बैठक कर समीक्षा की। इस बैठक में बताया गया कि जिले में कोरोना संक्रमण पर तेजी से नियंत्रण हो रहा है और 31 मई तक जिले में कोरेाना संक्रमण पर विजय प्राप्त की जा सकेगी। जिले में 24 मई से झाबुआ जिले में आवश्यक किराना, कृषि उपकरण और अन्य दुकानों को सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक खोला जा सकेगा। साप्ताहिक हाट बाजारों पर प्रतिबंध जारी रहेगा तथा होटल और रेस्टोरेंट भी अभी बंद ही रहेगें।

मध्यप्रदेश से महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के बीच बस सेवाएं स्थगित रहने की अवधि बढ़ाकर 31 मई कर दी गयी attacknews.in

भोपाल, 23 मई । कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप के कारण मध्यप्रदेश से महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के बीच बस सेवाएं स्थगित रहने की अवधि बढ़ाकर 31 मई कर दी गयी है।

राज्य के अपर परिवहन आयुक्त (प्रवर्तन) एवं राज्य परिवहन प्राधिकार के सचिव अरविंद सक्सेना ने इस संबंध में आज आदेश जारी कर दिए। अभी तक यह अवधि 23 मई थी, जिसे बढ़ाकर 31 मई किया गया है। निर्धारित अवधि में इन राज्यों से मध्यप्रदेश में बस सेवाओं के संचालन पर पहले की तरह पूरी तरह रोक रहेगी।

मध्यप्रदेश में बारहवीं की परीक्षा के आयोजन संबंधी निर्णय जून के प्रथम सप्ताह में लिया जायेगा,पुराने पैटर्न के अनुसार ही परीक्षाएँ आयोजित की जायेंगी attacknews.in

भोपाल,23 मई । मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) और सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इन्दर सिंह परमार ने बताया कि जून के प्रथम सप्ताह में कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए बारहवीं की परीक्षा के आयोजन के संबंध में आवश्यक निर्णय लिया जायेगा।

श्री परमार ने बताया कि निर्णय लेते समय परीक्षार्थियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को सर्वोच्च वरीयता दी जायेगी। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 12वीं की परीक्षा की आवश्यक तैयारियाँ पूर्व में ही कर ली गयी हैं। फिलहाल परीक्षा प्रणाली में कोई परिवर्तन प्रस्तावित नहीं है। परिस्थितियाँ अनुकूल होने पर पुराने पैटर्न के अनुसार ही परीक्षाएँ आयोजित की जायेंगी।

राजस्थान सरकार ने लागू किया जन अनुशासन लाॅकडाउन का नया माॅडल: 24 मई से आठ जून तक त्रि-स्तरीय जन अनुशासन लॉकडाउन attacknews.in

जयपुर, 23 मई । राजस्थान में वैश्विक महामारी कोरोना पर काबू पाने के लिए राज्य सरकार ने पन्द्रह दिन लाकडाउन को बढाते हुए 24 मई से आठ जून तक त्रि-स्तरीय जन अनुशासन लॉकडाउन लगाया गया है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में शनिवार को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में जन अनुशासन लॉकडाउन को 15 दिन और बढ़ाने के लिए दिए गए सुझाव के मद्देनजर प्रदेश में 24 मई से 8 जून तक त्रि-स्तरीय जन अनुशासन लॉकडाउन की गाइडलाइन जारी की गई है।

मंत्रिपरिषद ने पॉजिटिव केस की संख्या में कुछ कमी आने के बावजूद संक्रमण एवं मृत्यु दर तथा अस्पतालों पर अत्यधिक दबाव होने के कारण लॉकडाउन जैसे सख्त कदमों को जारी रखने का सुझाव दिया था।

त्रि-स्तरीय जन अनुशासन लॉकडाउन के तहत परिवार, वार्ड, ग्राम, शहर एवं राज्य स्तर पर सामाजिक व्यवहार में कोविड प्रोटोकॉल के अनुरूप बदलाव लाने की अपेक्षा की गई है।

प्रथम स्तर पर पारिवारिक जिम्मेदारी समझते हुए लोगों को कुछ समय के लिए बाहरी व्यक्तियों का घर में प्रवेश रोकना होगा। अतिआवश्यक होने पर खुले स्थान पर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मिला जा सकता है, ताकि परिवार के बुजुर्ग, बच्चे एवं अन्य लोग सुरक्षित रहें।

दूसरे स्तर पर गांव और मोहल्ले में ऐसी गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश रखना होगा, जिनसे संक्रमण फैलने की आशंका रहती है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी स्थान पर 5 से ज्यादा लोग एकत्र ना हों।

इसी प्रकार तीसरे स्तर पर मेडिकल इमरजेंसी और अनुमत श्रेणी के अलावा एक शहर से दूसरे शहर, शहर से गांव, गांव से शहर तथा एक गांव से दूसरे गांव में आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित रखना होगा। ग्राम स्तरीय निगरानी समितियों को इसमें अपनी विशेष भूमिका निभानी होगी। समस्त प्रदेशवासियों को इन दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करते हुए अपने सामाजिक व्यवहार में बदलाव लाना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि विवाह समारोह में भीड़ जुटना संक्रमण के प्रसार का एक बड़ा कारण रहा है। इसे देखते हुए विशेषज्ञों की सलाह एवं जनप्रतिनिधियों के सुझाव पर 30 जून तक विवाह स्थगित रखने की अपेक्षा की गई है।

उन्होंने कहा है कि लोग कोविड प्रोटोकॉल को आवश्यक रूप से अपने व्यवहार में शामिल करें ताकि स्थिति में सुधार होने पर लॉकडाउन की पाबंदियों में शिथिलता दी जा सके।

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से कुछ तकलीफें जरूर होती हैं, लेकिन संक्रमण प्रसार की वर्तमान स्थितियों में प्रदेशवासियों की जीवनरक्षा के लिए ये प्रतिबंध लगाना जरूरी है।

गत दिनों जयपुर जिले में संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में टेस्ट, ट्रेक एवं ट्रीट प्रोटोकॉल की व्यवस्था को और प्रभावी बनाने का निर्णय किया गया था।

जयपुर के लिए बनाए गए इस मॉडल को प्रदेशभर में लागू किया जाएगा। इसके तहत आईएलआई लक्षणों वाले मरीजों का चिन्हीकरण, मेडिकल किट वितरण, जांच, होम आइसोलेशन एवं उपचार की नियमित निगरानी की जाएगी। डोर-टू-डोर सर्वे का काम इस प्रकार किया जाएगा जिससे प्रत्येक घर का सर्वे 10 दिन में हो जाए और यह प्रक्रिया प्रत्येक 10 दिवस में दोहरायी जाए।

मध्यप्रदेश में कोरोना पर नियंत्रण पाने के बाद अब जिलों में कोरोना कर्फ्यू में ढील देने की प्रक्रिया सोमवार से शुरू, सबसे पहले पांच जिलों झाबुआ, आलिराजपुर, खंडवा, बुरहानपुर और भिंड को चुना गया attacknews.in

भोपाल, 23 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर पर काफी हद तक काबू पाने के बाद अब जिलों में कोरोना कर्फ्यू में ढील देने की प्रक्रिया सोमवार से शुरू होगी।इसके लिए सबसे पहले पांच उन जिलों को चुना गया है, जहां पर संक्रमण पर काफी नियंत्रण पा लिया गया है।

गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा ने यहां बताया कि अपेक्षाकृत कम कोरोना संक्रमण वाले जिलों झाबुआ, आलिराजपुर, खंडवा, बुरहानपुर और भिंड में सोमवार से कोरोना कर्फ्यू के कुछ प्रतिबंधों में रियायत देने संबंधी आदेश संबंधित जिला कलेक्टरों ने जिला आपदा प्रबंधन समितियों के निर्णय के आधार पर जारी कर दिए हैं।

उन्होंने कहा कि इन पांच जिलों में 24 मई से 31 मई के बीच रियायत संबंधी नए आदेश संबंधित कलेक्टरों ने जारी किए हैं।

इन जिलों के अनुभवों के आधार पर एक जून से अन्य जिलों में भी इसी तरह रियायत देने और अन्य गतिविधियों पर प्रतिबंध कम करने या हटाने की प्रक्रिया पर विचार किया जाएगा।

आज की स्थिति में सभी 52 जिलों में कोरोना कर्फ्यू प्रभावशील है और इन पांच जिलों के अलावा शेष 47 जिलों में यह 31 मई तक जारी रहेगा।

यह कर्फ्यू अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह से प्रभावशील हैं।

नए आदेशों के तहत सभी सरकारी कार्यालय एक सौ प्रतिशत अधिकारियों और 25 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति के साथ खोले जाएंगे।

पंजीयन कार्यालय भी खुले रहेंगे।

आवश्यक वस्तुओं जैसे मेडिकल, फल सब्जी, दूध, आटा चक्की, पशु आहार, राशन दुकान, खाद और कृषि उपकरण संबंधी दुकानें पूरे दिन खुली रहेंगी।

इसके अलावा शेष दुकानों में से भी 20 प्रतिशत दुकानें खोली जा सकेंगी और इनमें मुख्य रूप से सेवा क्षेत्र और निर्माण सामग्री से संबंधित दुकानें शामिल हैं।

नए आदेशों के तहत कालोनियों में स्थित दुकानें भी खुल सकेंगी।ई कॉमर्स को भी अनुमति रहेगी।

ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ दुकानें खोली जा सकेंगी।

श्रमिकों की गतिविधियां भी शुरू हो सकेंगी और कोरोना संबंधी प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करते हुए निर्माण संबंधी कार्य भी शुरू हो सकेंगे।

नए आदेशों में संबंधित जिलों की आवश्यकता के अनुरूप और भी रियायतें प्रदान की गयी हैं।

मध्यप्रदेश में अप्रैल माह में कोरोना की दूसरी लहर पीक पर थी और इस दौरान औसत संक्रमण दर 25 प्रतिशत के पार हो गयी थी।

कई जिलों में तो यह 50 प्रतिशत तक को पार कर गयी थी।

इन स्थितियों की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रतिदिन स्वयं समीक्षा करते आ रहे हैं और हाल में उन्होंने संकेत दिए थे कि एक जून से कोरोना कर्फ्यू में रियायत दी जाएगी।