वाराणसी। नए वर्ष पर हर कोई अपनी मुरादों को पूरा करने के लिए ईश्वर के दरबार में जा रहा है। वहीं धर्मनगरी काशी में रहनेवाली नाजनीन अंसारी को उनके संघर्षों की बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है।
नाजनीन समाज में अपने कार्यों से गंगा-जमुनी संस्कृति की एक मिसाल पेश करती हैं और इसी काम के लिए उन्हें 22 जनवरी को महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी सम्मानित करेंगे।
पिछले 11 महीनों से नाजनीन मुस्लिम होने के बावजूद रामचरितमानस का उर्दू अनुवाद कर रही हैं। इससे पहले वो हनुमान चालीसा और दुर्गा चालीसा का भी उर्दू में अनुवाद कर चुकी हैं।