भोपाल !मध्यप्रदेश में 6.34 करोड़ लोगों के आधार पंजीयन का काम पूरा हो गया है। यह कुल आबादी का लगभग 85 प्रतिशत है। यह जानकारी आज यहाँ वीडियो कान्फ्रेंस ‘परख’ में दी गई। मुख्य सचिव श्री अन्टोनी डिसा ने कलेक्टर्स और कमिश्नर्स से चर्चा के दौरान निर्देश दिए कि अगले तीन माह में प्रदेश में आधार पंजीयन का शत-प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया जाए। विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को लाभान्वित करने की दृष्टि से भी यह बहुत आवश्यक है। छूटे हुए लोगों का आधार पंजीयन करने के लिए अभियान के स्तर पर कार्य किया जायगा। मुख्य सचिव ने कलेक्टर डिंडोरी श्रीमती छवि भारद्वाज को आधार पंजीयन कार्य में 94 प्रतिशत की उपलब्धि के लिए बधाई दी। ‘परख’ में मुख्य सचिव ने 13 महत्वपूर्ण बिंदु पर बातचीत की।
मुख्य सचिव ने राज्य के पेयजल प्रबंध की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों को हर स्थिति में पीने का पानी उपलब्ध करवाया जाए। बंद नल-जल योजनाओं को चालू करने, बिगड़े हेंडपंप के सुधार और जिन स्थानों पर कोई पेयजल स्त्रोत न हो वहाँ परिवहन के जरिये पेयजल पहुँचाने का कार्य किया जाए।
रोजगार योजनाओं की समीक्षा में बताया गया कि फरवरी माह तक राज्य में 60 हजार प्रकरण में हितग्राहियों को राशि प्राप्त हो चुकी है। करीब 11 हजार प्रकरण में इस माह के अंत तक हितग्राही लाभान्वित होंगे जिससे राज्य में इस साल की शत-प्रतिशत लक्ष्य पूर्ति हो जायगी। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि यदि कोई प्रकरण पूरे न हो सकें तो उसकी प्रक्रिया जारी रखी जाए और अगले वर्ष के प्रारंभ में ही मंजूरी देकर हितग्राही को लाभान्वित किया जाए। परख में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के लिए भू-अधिग्रहण की जिलावार चर्चा हुई। मुख्य सचिव ने कहा कि कलेक्टर्स सुनिश्चित करें कि पारित अवार्ड के विरुद्ध राशि प्राप्त होने और संबंधित को राशि के वितरण का कार्य पूरा हुआ या नहीं। इसके साथ ही कोर्ट के कारण जो प्रकरण लंबित हैं उनकी जानकारी संकलित कर राजस्व विभाग को भेजी जाए। शीघ्र ही इन मामलों की राज्य स्तर पर समीक्षा होगी।
मुख्य सचिव ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर कार्य के लिए जिलों में कार्यवाही पूरा करने के निर्देश दिए। परख में पेंशन योजना में हितग्राहियों के बैंक अकाउंट सीडिंग, आधार सीडिंग एवं मोबाइल नंबर की समग्र डाटाबेस में प्रविष्टि की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली गई। मुख्य सचिव ने एसिड बिक्री लायसेंस और परमिट जारी करने के संबंध में निर्देशों, से कलेक्टर्स को अवगत करवाया। उन्होंने नियमों का उल्लघंन करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन के लिए जिला स्तर पर की जा रही तैयारियों की जानकारी प्राप्त की। मुख्य सचिव ने कहा कि भौगोलिक आधार पर राज्य के संभागों को पाँच क्लस्टर्स में विभक्त कर बीमा कंपनियों को आवंटन किया गया है। योजना से अधिकाधिक किसानों को जोड़ने के प्रयास किए जाएं। इसके लिए कृषि और राजस्व विभाग के साथ ही जिला प्रशासन को सक्रिय भूमिका निभानी है। मुख्य सचिव ने कहा कि योजना में यह भी प्रावधान है कि निर्धारित प्रपत्र में प्रक्रिया पूरी होने के पश्चात यदि बैंक से सात दिवस में हितग्राही को राशि नहीं मिलेगी तो राशि की वसूली बैंक से की जायगी। समस्त जिलों को योजना की नियमावली और किसान हितैषी प्रावधान से अवगत करवाया जा रहा है ।
मुख्य सचिव ने पाँच हेक्टेयर तक के लघु खनिजों की पर्यावरण मंजूरी के लिए जिला स्तरीय पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण (डिया) और जिला स्तरीय विशेषज्ञ आकलन समिति (डेक ) के गठन एवं उन्हें क्रियाशील बनाने के संबंध में कलेक्टर्स से बातचीत की। राज्य में 33 जिलों में कार्यवाही पूरी हो गयी है। शेष जिलों में इसी महीने यह कार्यवाही पूरी की जा रही है। मुख्य सचिव ने कहा कि भारत सरकार के निर्णय के अनुसार लागू इस व्यवस्था में अब प्रकरणों का जिला स्तर पर शीघ्र निराकरण संभव होगा। राज्य स्तर पर निर्णय के लिए शेष मामले पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन (एप्को)से वापिस लेकर अब जिला स्तर पर उनका निराकरण किया जायगा। पूर्व में राज्य स्तरीय संस्था ‘सिया और सियेक’ द्वारा मंजूरी का कार्य किया जाता था। वीडियो कान्फ्रेंस में अपर मुख्य सचिव और कृषि उत्पादन आयुक्त श्री पी सी मीना सहित संबंधित विभाग के सचिव और प्रमुख सचिव उपस्थित थे।