उज्जैन 29 जुलाई। श्रावण के दूसरे सोमवार पर भगवान महाकालेश्वर पालकी में चन्द्रमोलेश्वर रूप में तथा हाथी पर मनमहेश के स्वरूप में नगर भ्रमण पर निकले। सवारी के निकलने के पूर्व सभामंडप में पूजन-अर्चन शासकीय पुजारी पं. घनश्याम शर्मा द्वारा संपन्न कराया गया। सर्व प्रथम भगवान श्री महाकालेश्वर का षोडशोपचार से पूजन-अर्चन किया गया। इसके पश्चात भगवान की आरती की गई।
पूजन के पश्चात भगवान श्री महाकालेश्वर की पालकी को कंधा देकर प्रभारी मंत्री श्री सज्जन सिंह वर्मा एवं गृह मंत्री श्री बाला बच्चन ने नगर भ्रमण के लिए रवाना किया।
मार्ग में श्रद्धालुओं ने जय महाकाल के घोष के साथ पुष्प वर्षा की :
भगवान श्री चंद्रमोलेश्वर पालकी में सवार होकर अपनी प्रजा का हाल जानने और भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकले। पालकी जैसे ही श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में सवार श्री चन्द्रमोलेश्वर को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी गई। सवारी मार्ग में स्थान-स्थान पर खडे श्रद्धालुओं ने जय महाकाल के घोष के साथ महाकाल राजा पर पुष्प वर्षा की।
बाबा महाकाल की एक झलक के लिए असंख्य श्रद्धालु हुए आतुर –
श्रावण के दूसरे सोमवार पर भगवान की सवारी के दौरान पूरी नगरी शिवमय हो गई। श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी में हजारों भक्त झांझ,मंजीरे, डमरू, ढोल आदि वाद्य बजाते हुए महाकाल की आराधना करते हुए पालकी के साथ चल रहे थे। साथ ही बाहर से आये हुए भक्तगण बाबा महाकाल की एक झलक पाने के लिए उत्सुक थे।
श्री महाकालेश्वर की सवारी महाकाल मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी होते हुए रामघाट पहुंची।
रामघाट शिप्रा तट पर चंद्रमोलेश्वर का शिप्रा जल से अभिषेक :
रामघाट पर श्री चंद्रमोलेश्वर का मां क्षिप्रा के जल से अभिषेक पूजन किया गया। पूजन-अर्चन पं.आशीष पुजारी एवं अन्य पुजारियों द्वारा किया गया।
पूजन-अर्चन के बाद भगवान महाकाल की सवारी रामघाट से निर्धारित मार्ग पर रवाना हुई।
श्री महाकालेश्वर भगवान की तीसरी सवारी 5 अगस्त को निकाली जायेगी। साथ ही इसी दिन 5 अगस्त को नागपंचमी का पर्व भी मनाया जाएगा । attacknews.in