राजस्थान के रणभूमि की खोज “बाटी” अब तो हरेक का व्यंजन है;दाल-बाटी उज्जैन-मालवा के इलाक़े की खास पसन्द है तो;पूर्वांचल का अतिविशिष्ट व्यंजन बाटी-चोखा है attacknews.in

उज्जैन/मऊ 25 मई । दाल-बाटी जितना राजस्थान में पसन्द किया जाता है, उतना ही उज्जैन-मालवा के इलाक़े में भी पसन्द किया जाता है।

मालवा के दाल-बाटी चूरमा लड्डू और हरी चटनी के साथ खाये जाते हैं। यदि मालवा में जाकर कोई व्यक्ति लड्डू और चूरमा नहीं खाया, तो उसकी मालवा-यात्रा अधूरी ही रह गयी

बाटी चोखा एक ऐसा व्यंजन जिसका नाम सुनते पूर्वांचल के लोगों में खाने की ललक जाग उठती है। इसकी लोकप्रियता व पहुंच का आलम यह है कि यदि इसे दिहाड़ी मजदूर पसंद करता है तो वहीं अमीर व सुविधा सम्पन्न व तथाकथित रईस धनाढ्य भी शौक से बनाना व खाना पसंद करते हैं।

देखा जाए तो बाटी चोखा ही एक ऐसा व्यंजन है जिसके भोज में इसे बनाते समय आयोजक से लेकर आगंतुक तक की सहभागिता शामिल रहती है।

बाटी चोखा के महत्ता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि पूर्वांचल के लगभग सभी जिलों में गांव गिराव से लेकर शहरों तक बड़े भोज आयोजन के बाद बाटी चोखा का भोज देकर ही आयोजन की पूर्णता मानी जाती है। ऐसे में बाटी-चोखा व्यंजन की उत्पत्ति के सम्बंध में बात करते हैं।

जानकारी के अनुसार बाटी मूलत राजस्थान का पारम्परिक व्यंजन है। इसका इतिहास करीब 1300 वर्ष पुराना है। 8वीं सदी में राजस्थान में बप्पा रावल ने मेवाड़ के सिसोदिया राजवंश की स्थापना की।

उस समय राजपूत सरदार अपने साम्राज्यों का विस्तार कर रहे थे। इसके लिए युद्ध भी होते थे। उस दौरान ही बाटी बनने की शुरुआत हुई।

वस्तुतः युद्ध के समय सहस्रों सैनिकों के लिए भोजन का प्रबन्ध करना चुनौतीपूर्ण कार्य होता था। कई बार सैनिक भूखे-प्यासे ही रह जाते थे। ऐसे ही एक बार एक सैनिक ने सुबह रोटी के लिए आटा गूँथा, लेकिन रोटी बनने से पहले युद्ध की घड़ी आ गयी और सैनिक आटे की लोइयाँ तप्त मरुस्थल में छोड़कर रणभूमि में चले गये। शाम को जब वे लौटे तो लोइयाँ तप्त रेत में दब चुकी थीं। जब उन्हें रेत से बाहर से निकाला तो दिनभर सूर्य और रेत की तपन से वे पूरी तरह सिंक चुकी थी। थककर चूर हो चुके सैनिकों ने उसे खाकर देखा तो वह बहुत स्वादिष्ट लगी। उसे पूरी सेना ने आपस में बाँटकर खाया। बस यहीं इसका अविष्कार हुआ और नाम मिला बाटी।

उसके बाद बाटी युद्ध के दौरान खाया जानेवाला पसन्दीदा भोजन बन गया। अब रोज़ सुबह सैनिक आटे की गोलियाँ बनाकर रेत में दबाकर चले जाते और शाम को लौटकर उन्हें चटनी, अचार और रणभूमि में उपलब्ध ऊँटनी एवं बकरी के दूध से बनी दही के साथ खाते। इस भोजन से उन्हें ऊर्जा भी मिलती और समय भी बचता।

इसके बाद शनैः शनैः यह पकवान पूरे राज्य में प्रसिद्ध हो गया और यह कण्डों पर बनने लगा।

मुग़ल बादशाह अकबर के राजस्थान में आने की वजह से बाटी मुग़ल साम्राज्य तक भी पहुँच गयी।

मुग़ल ख़ानसामे बाटी को बाफकर (उबालकर) बनाने लगे और इसे नाम दिया बाफला। इसके बाद यह पकवान देशभर में प्रसिद्ध हुआ और आज भी है और कई तरीकों से बनाया जाता है।

अब बात करते हैं दाल की। दक्षिण के कुछ व्यापारी मेवाड़ में रहने आये, तो उन्होंने बाटी को दाल के साथ चूरकर खाना शुरू किया। यह जायका प्रसिद्ध हो गया और आज भी दाल-बाटी का गठजोड़ बना हुआ है।

उस दौरान पंचमेर दाल खायी जाती थी। यह पाँच तरह की दाल चना, मूँग, उड़द, तुअर और मसूर से मिलकर बनायी जाती थी। इसमें सरसो के तेल या घी में तेज मसालों का तड़का होता था।

अब चूरमा की बारी आती है। यह मीठा पकवान अनजाने में ही बन गया। दरअसल एक बार मेवाड़ के गुहिलोत कबीले के रसोइये के हाथ से छूटकर बाटियाँ गन्ने के रस में गिर गयीं। इससे बाटी नरम हो गयी और स्वादिष्ट भी। इसके बाद से इसे गन्ने के रस में डुबोकर बनाया जाना लगा। मिश्री, इलायची और ढेर सारा घी भी इसमें डलने लगा।

बाटी को चूरकर बनाने के कारण इसका नाम चूरमा पड़ा। दाल-बाटी जितना राजस्थान में पसन्द किया जाता है, उतना ही उज्जैन-मालवा के इलाक़े में भी पसन्द किया जाता है।

मालवा के दाल-बाटी चूरमा लड्डू और हरी चटनी के साथ खाये जाते हैं। यदि मालवा में जाकर कोई व्यक्ति लड्डू और चूरमा नहीं खाया, तो उसकी मालवा-यात्रा अधूरी ही रह गयी।

मालवा के दाल-बाटी और दाल-बाफले इतने प्रसिद्ध हैं की इन्हें खाने के लिए लोग देश-विदेश से आते हैं। दाल-बाफले के खाने के बाद व्यक्ति आनन्दमयी हो जाता है और पानी पी पीकर नींद के आगोश में चला जाता है।

बाटी चोखा का जन सुर्खियों के अनुसार इतिहास देखने पर भले इसकी उपज राजस्थान का रणक्षेत्र बना। लेकिन आज बाटी चोखा व पूर्वांचल दोनों एक दूसरे के पहचान बन चुके हैं।

स्थिति यह है की बाटी चोखा पूर्वी भारत खासकर पूर्वांचल व बिहार में एक शाही व्यंजन बन चुका है। इसकी उपलब्धता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यह पूर्वांचल के प्राय सभी रेलवे स्टेशन, प्रमुख बाजार, कोर्ट कचहरी, सरकारी दफ्तर, विद्यालय महाविद्यालय इत्यादि के पास ठेला खोमचा व फुटपाथ की दुकानों पर भी नजर आने लगा है।

वही बड़े-बड़े रेस्टोरेंट्स भी बाटी चोखा के नाम से खुलने लगे हैं। खासकर लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज व गोरखपुर जैसे पूर्वांचल के बड़े महानगरों में बाटी चोखा की एक रेस्टोरेंट श्रृंखला चल पड़ी है। इसके बिना पूर्वांचल के जनसामान्य से गणमान्य तक कहीं कोई पार्टी दावत महाभोज पूर्ण नहीं हो पाती है।

खासकर पूर्वांचल में गाजीपुर, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, आज़मगढ़, मऊ, जौनपुर, वाराणसी, मिर्ज़ापुर, सोनभद्र से होते हुए बिहार तक दाल-बाटी और चोखा की परम्परा विद्यमान है। पूर्वांचल की बाटी में मसालेदार सत्तू भरा होता है, जिसे लिट्टी कहते हैं। लिट्टी को उबलते पानी में पकाकर घी में छानने की भी परम्परा है, जिसे घाठी कहते हैं। घाठी की परम्परा गोरखपुर अंचल में है।

आलम यह है कि पूर्वांचल में दाल चावल, बाटी चोखा, चटनी, अचार, देसी घी, दही, खीर एक महा व्यंजन का स्वरूप अख्तियार कर चुका है।

देश में वित्त वर्ष 2020-21 में के दौरान 81.72 अरब डॉलर का एफडीआई- विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आया attacknews.in

नयी दिल्ली, 24 मई । वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान देश में अब तक का सबसे अधिक 81.72 अरब डॉलर का विदेशी प्रत्यक्ष – एफडीआई आया है।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को यहां बताया कि यह पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 के 74.39 अरब डॉलर की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है। पिछले वर्ष वित्त वर्ष 2019-20 के 49.98 अरब डालर की तुलना में वित्त वर्ष 2020-21 59.64 अरब डालर की इक्विटी आयी है। इसमें 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

शीर्ष निवेशक देशों में सिंगापुर’ 29 प्रतिशत एफडीआई के साथ शीर्ष पर है। इसके बाद अमेरिका 23 प्रतिशत और मॉरीशस नौ प्रतिशत है।

वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान ‘कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर’ कुल एफडीआई इक्विटी प्रवाह के लगभग 44 प्रतिशत हिस्से के साथ शीर्ष क्षेत्र के रूप में उभरा है, इसके बाद निर्माण गतिविधियां 13 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र आठ प्रतिशत हैं।

वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान कुल एफडीआई इक्विटी प्रवाह में 37 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ गुजरात शीर्ष पर है। इसके बाद महाराष्ट्र 27 प्रतिशत और कर्नाटक 13 प्रतिशत का स्थान है।

देश के प्रत्येक किन्नर को 1500 रुपये का निर्वाह भत्ता देने का फैसला किया attacknews.in

नयी दिल्ली 24 मई । केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने किन्नर समुदाय के प्रत्येक व्यक्ति को बुनियादी जरूरतें पूरी करने के लिए फौरी राहत के रूप में 1,500 रुपये का निर्वाह भत्ता देने का फैसला किया है।

मंत्रालय ने सोमवार को यहां बताया कि इस वित्तीय सहायता से किन्नर समुदाय को अपनी दैनिक जरूरतें पूरी करने में मदद मिलेगी।

इन लोगों के लिए काम कर रहे गैर सरकारी संगठनों और समुदाय आधारित संगठनों (सीबीओ) से इस कदम के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए कहा गया है।

मंत्रालय के अनुसार देश कोविड-19 से जूझ रहा है।

ऐसे में महामारी के चलते किन्नर समुदाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है क्योंकि उनकी आजीविका व्यापक स्तर पर बाधित हुई है।

देश के मौजूदा हालात में यह कमजोर समुदाय भारी संकट और खाना और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी जरूरतों की गंभीर कमी से जूझ रहा है।

कोई भी किन्नर व्यक्ति या उसकी तरफ से सीबीओ प्रपत्र में बुनियादी विवरण, आधार और बैंक खाता संख्या उपलब्ध कराने के बाद वित्तीय सहायता के लिए आवेदन कर सकता है।

यह प्रपत्र सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत आने वाली एक स्वायत्त संस्था राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संस्थान की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

टूलकिट मामले की जाँच को लेकर ट्विटर के दोनों दफ़्तर पहुँची दिल्ली पुलिस जानना चाहती है कि, ट्विटर के पास कुछ ऐसी सूचना है जो पुलिस के पास नहीं है और यह जानकारी जांच से जुड़ी है attacknews.in

नयी दिल्ली, 24 मई । दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम सोमवार शाम को टूलकिट विवाद मामले की जाँच को लेकर ट्विटर इंडिया के दो कार्यालयों में पहुँची।

दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी चिन्मय बिश्वाल ने बताया कि दिल्ली पुलिस नियमित प्रक्रिया के तहत ट्विटर के कार्यालय में नोटिस देने गई।

ट्विटर इंडिया के एमडी की ओर से अस्पष्ट जवाब मिलने के कारण कार्यालय के ज़िम्मेदार व्यक्ति को नोटिस देने के लिए दिल्ली पुलिस ट्विटर के कार्यालय गई।

इससे पहले दिल्ली पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा के ट्वीट पर मैनिपुलेटेड मीडिया का टैग लगाने को लेकर ट्विटर को नोटिस भेजा है।

श्री बिस्वाल ने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि ट्विटर के पास कुछ ऐसी सूचना है जो दिल्ली पुलिस के पास नहीं है और यह जानकारी जांच से जुड़ी हुई है।

पुलिस ने ट्विटर से पूछा है कि उनके पास ऐसी कौन सी जानकारी है जिसके आधार पर श्री पात्रा के ट्वीट को मैनिपुलेटेड बता रहे हैं।

ग़ौरतलब है कि ट्विटर ने श्री पात्रा के उस ट्वीट को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया करार दिया है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने मोदी सरकार को निशाना बनाने के लिए एक टूलकिट तैयार किया था।

वहीं कांग्रेस भाजपा द्वारा जारी टूलकिट के दस्तावेज को फर्जी करार देते हुए श्री पात्रा समेत कई नेताओं के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है।
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा के ट्वीट पर मेनिपुलेटेड मीडिया का टैग लगाने को लेकर ट्विटर को नोटिस भेजा ।

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी आज बताया कि पुलिस ने ट्विटर से पूछा है कि उनके पास ऐसी कौन सी जानकारी है जिसके आधार पर पात्रा के ट्वीट को मेनिपुलेटेड बता रहे हैं। इस मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ट्विटर को नोटिस जारी किया है।

दिल्ली पुलिस ने ट्विटर से पूछा है“ लगता है आपको टूलकिट की सच्चाई के बारे में पता है तभी आपकी की तरफ से संबित पात्रा के ट्वीट को मैनिपुलेटिड मीडिया कहा गया। ”

ग़ौरतलब है कि ट्विटर ने पात्रा के उस ट्वीट को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया करार दिया है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने मोदी सरकार को निशाना बनाने के लिए एक टूलकिट तैयार किया था।वहीं कांग्रेस भाजपा द्वारा जारी टूलकिट के दस्तावेज को फर्जी करार देते हुए पात्रा समेत कई नेताओं के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है।

रमन ने टूलकिट मामले में पुलिस को ट्विटर एक्सेस देने से किया इंकार

इधर रायपुर में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह टूलकिट मामले में अपने खिलाफ दर्ज मामले में पुलिस को ट्विटर एक्सेस देने से इंकार कर दिया है।

डा.सिंह ने राजधानी के सिविल लाइन थाने के प्रभारी को उसके द्वारा जारी नोटिस पर आज दिए लिखित जवाब में पुलिस द्वारा ट्विटर एकाउन्ट की मांगी गई एक्सेस देने से इंकार करते हुए कहा कि.. एक्सेस मांगना विधिक एवं संवैधानिक प्रावधानो का उल्लंघन हैं,उससे मेरे निजता और मौलिक अधिकारों का हनन होगा..।

देश भर में ब्लैक फंगस के 8,000 से अधिक मामले: दूषित अस्पताल की व्यवस्था भी इम्यूनोकॉम्प्रोमाइज्ड कोरोना रोगियों में वृद्धि के प्रमुख कारणों में से एक attacknews.in

पुणे 24 मई । भारत में अब तक ब्लैक फंगस के 8,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं और देश में इस बीमारी का अनुमानित प्रसार वैश्विक औसत की तुलना में लगभग 70 गुना अधिक है, जबकि म्यूकोर्मिकोसिस (ब्लैक फंगस) से जुड़ी मृत्यु दर भी 50 प्रतिशत तक है।

फेडरेशन ऑफ हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर के कार्यकारी सदस्य डॉ नरेश पुरोहित ने ‘कोरोना की ओर से उत्पन्न खतरों के बीच ब्लैक फंगस’ पर एक वेबिनार को संबोधित करने के बाद यहां बताया कि दूषित अस्पताल की व्यवस्था भी इम्यूनोकॉम्प्रोमाइज्ड कोरोना रोगियों और देश में संक्रमण से उबरने वालों के बीच ब्लैक फंगस के मामलों में वृद्धि के प्रमुख कारणों में से एक हो सकती है।

वेबिनार महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, नासिक द्वारा सोमवार को आयोजित किया गया।

मध्यप्रदेश के जनसम्पर्क विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों का आंदोलन समाप्त,खंडवा पीआरओ का निलंबन समाप्त करके इंदौर कार्यालय में पदस्थ किया attacknews.in

भोपाल, 24 मई । मध्यप्रदेश के खंडवा जिले के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) बृजेंद्र शर्मा का निलंबन समाप्त किया जाकर उन्हें इंदौर स्थित संभागीय संयुक्त संचालक, जनसंपर्क कार्यालय में पदस्थ करने के साथ ही जनसंपर्क अधिकारियों का आज प्रारंभ हुआ आंदोलन देर शाम समाप्त हो गया।

मध्यप्रदेश जनसंपर्क अधिकारी संघ के पदाधिकारियों के अनुसार उन्होंने आंदाेलन समाप्ति के बारे में राज्य के जनसंपर्क आयुक्त को सूचित कर दिया है।

पदाधिकारियों ने कहा कि वे जनसंपर्क अधिकारी का निलंबन समाप्त करने के लिए मुख्यमंत्री और जनसंपर्क आयुक्त के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।

पदाधिकारियों ने उम्मीद जतायी है कि उनकी दूसरी मांग खंडवा कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई के संबंध में भी सरकार की ओर से शीघ्र कार्रवाई होगी।

इस बीच देर शाम इंदौर संभाग आयुक्त कार्यालय की ओर से जारी आदेश के अनुसार श्री बृजेंद्र शर्मा का निलंबन समाप्त कर दिया गया है और उन्हें इंदौर के संभागीय संयुक्त संचालक, जनसंपर्क कार्यालय में पदस्थ करने के आदेश दिए गए हैं।

खंडवा में पदस्थ पीआरआे को दो दिन पहले कलेक्टर कार्यालय से जारी एक आदेश में तत्काल कार्यमुक्त कर जनसंपर्क संचालनालय भोपाल में आमद देने के लिए कहा गया है।

इसके बाद कलेक्टर की रिपोर्ट के आधार पर श्री शर्मा को इंदौर संभाग आयुक्त ने निलंबित भी कर दिया था।

खंडवा पीआरओ मामले में विभाग के अधिकारी कर्मचारियों ने प्रारंभ किया आंदोलन

इससे पहले खंडवा जिला प्रशासन द्वारा वहां के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) बृजेंद्र शर्मा के तबादले और निलंबन के मामले में जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों ने आज से संपूर्ण प्रदेश में ‘कामबंद’ आंदोलन प्रारंभ करते हुए इस संबंध में राज्य सरकार को ज्ञापन सौंपा ।

मध्यप्रदेश जनसंपर्क अधिकारी संघ के अध्यक्ष अरुण राठौर की अगुवायी में एक प्रतिनिधिमंडल ने यहां जनसंपर्क आयुक्त सुदाम पी खाड़े से मुलाकात कर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। इसमें खंडवा कलेक्टर को निलंबित करने की मांग भी की गयी है।

ज्ञापन में खंडवा कलेक्टर द्वारा पीआरओ के तबादले और इंदौर संभाग आयुक्त द्वारा श्री शर्मा के निलंबन की कार्रवाई संबंधी आदेश को तत्काल वापस लेने की मांग की गयी है। इसके अलावा खंडवा कलेक्टर को तत्काल निलंबित करने की मांग भी की गयी है।

राकेश टिकैत ने कहा:कृषि कानून जब तक वापस नहीं लिये जाते, किसानों का आंदोलन जारी रहेगा और जून 2024 तक आंदोलन की योजना बना ली attacknews.in

हिसार(हरियाणा)/आदमपुर (पंजाब), 24 मई । किसान नेता राकेश टिकैत ने आज कहा कि केंद्रीय कृषि कानून जब तक वापस नहीं लिये जाते, किसानों का आंदोलन जारी रहेगा और जून 2024 तक यानी अगले तीन साल तक के आंदोलन की योजना बना ली गई है।

श्री टिकैत यहां 16 मई को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में किसानों पर हुए लाठीचार्ज व मुकदमे दर्ज किये जाने के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन में आये थे। उन्होंने कहा कि हिसार के प्रशासन ने झूठे मुकदमे दर्ज किये और उन्हें वापस लेने के फैसले को भी नहीं माना, इसलिए हिसार को भी आज से आंदोलन का एक केंद्र बना दिया गया है।

शिअद कार्यकर्ता 26 मई को अपने घरों पर काला झंडा फहराएं: बादल

इधर शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वह 26 मई को अपने घरों पर काले झंडे फहराएं।

श्री बादल यहां राज्य में शिरोमणि समिति द्वारा कालरा गांव के गुरु नानक संगत अस्पताल में शुरू किए गए ऑक्सीजन सांद्रता के साथ 25 बेड की सुविधा वाले आठवें कोविड देखभाल केंद्र का उद्घाटन करने आए थे।

उन्होंने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हुए उन किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त की जो पिछले छह महीनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। शिअद अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किसानों की सभी शिकायतों के समाधान के लिए तुरंत बात करने का अनुरोध करते हुए कहा कि लोकतंत्र में अहंकार की कोई गुंजाइश नहीं है और केवल तानाशाहों ने लोगों के प्रति अड़ियल रवैया अपनाया ।

आंध्र प्रदेश में गिरोह सरगना अब्दुल सम्मद उर्फ मुन्ना समेत 12 अपराधियों को फांसी की सजा, सात को आजीवन कारावास;राजमार्ग पर करीब 27 लॉरी ड्राइवरों और क्लीनर को मार डाला attacknews.in

ओंगोल, 24 मई ।आंध्र प्रदेश में ओंगोल की एक अदालत ने सोमवार को यहां 12 कुख्यात अपराधियों को मृत्युदंड दिया और सात अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनायी।

आठवें अतिरिक्त सत्र अदालत के न्यायाधीश एम मनोहर रेड्डी ने गिरोह के सरगना अब्दुल सम्मद उर्फ मुन्ना समेत कुख्यात गिरोह के 12 सदस्यों को तीन अपराधों में मौत की सजा सुनाई।

अभियोजन पक्ष के अनुसार 12 सदस्यीय गिरोह ने 2008 में प्रकाशम जिले में चेन्नई-कोलकाता राजमार्ग पर कई लॉरी ड्राइवरों और क्लीनर को मार डाला। वे पहले लॉरी के साथ लूटा गया सामान बेचते थे। बाद में गिरोह मद्दीपाडु गांव में लॉरियों को तोड़कर कबाड़ के रूप में बेच देता था।

मुख्य आरोपी अब्दुल सम्मद खुद को पुलिस अधिकारी बताकर लॉरियों को रोकता था। गिरोह के सदस्य लॉरी के चालक और क्लीनर पर हमला करते थे, उन्हें मारते थे और पास के सुनसान इलाकों में दफना देते थे। गिरोह ने चालकों और क्लीनर की हत्या करने के बाद उनके शवों को अलग-अलग जगहों पर दफना दिया था।

पुलिस ने जांच के दौरान शवों को जमीन से बाहर निकाला। पुलिस ने बताया कि गिरोह ने 13 लॉरी चालकों और क्लीनर को मार डाला और गिरोह के खिलाफ 22 मामले दर्ज किए गए थे।

वर्ष 2008 में एक लॉरी मालिक वीरप्पन मुप्पू स्वामी की शिकायत मिलने पर प्रकाशम जिले के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक वी. विनयचंद ने सिलसिलेवार हत्याओं की जांच के लिए विशेष टीमों का गठन किया और व्यक्तिगत रूप से जांच की निगरानी की। अदालत ने तीन जघन्य अपराधों में 19 आरोपियों को मौत की सजा और आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

बदायूं में कार हुई लॉक, अंदर बैठे मासूम की दम घुटने से मौत, दो बहनों की हालत गंभीर attacknews.in

बदायूं 24 मई । उत्तर प्रदेश मेे बदायूं के कोतवाली दातागंज क्षेत्र के एक मोहल्ले में बीती देर रात खेल खेल में कार में बैठे तीन बच्चों में से एक मासूम बच्चे की दम घुटने से मौत हो गई जबकि दो बच्चियों को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है ।

पुलिस सूत्रों के अनुसार कोतवाली दातागंज क्षेत्र के मोहल्ला परा निवासी कैसर अली की बेटी की रविवार को शादी थी जिसमें शामिल होने के लिए कस्बा अलापुर निवासी राशिद और उसका भाई साजिद अपने परिवारों के साथ कार से पहुंचे थे । देर रात विवाह समारोह चल रहा था कि राशिद की बेटियां आसिफा(03) और मंतशा(5) साजिद के बेटे पप्पू (6) के साथ कार में जाकर बैठ गए । परिजन विवाह समारोह में व्यस्त हो गए ।

कमलनाध पर FIR के बाद कांग्रेस नेताओं ने जिला मुख्यालयों में कोरोना आंकड़े छिपाने के दोषी शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ FIR के लिए पुलिस को आवेदन दिये attacknews.in

भोपाल, 24 मई । मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के दूसरे दिन आज विपक्षी दल के नेताओं ने राजधानी समेत विभिन्न जिला मुख्यालयों पर पुलिस के समक्ष आवेदन लगाकर कोरोना संबंधी वास्तविक आकड़े छिपाने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री और अन्य जिम्मेदार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की।

भोपाल में पूर्व मंत्री जीतू पटवारी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल यहां पुलिस के समक्ष पहुंचा और आवेदन पत्र प्रस्तुत किया। इसमें आरोप लगाया गया है कि राज्य में कोरोना संबंधी मृत्यु के वास्तविक आकड़े छिपाए जा रहे हैं। कांग्रेस नेताओं ने इसके लिए मुख्यमंत्री और अन्य संबंधितों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा:हमें कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर अपनाते हुए इसके साथ ही ज़िंदगी शुरू करना है,जन सहयोग से कोरोना संक्रमण कुछ हद तक नियंत्रण में attacknews.in

सागर, 24 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सभी के सहयोग और परिश्रम से कोरोना संक्रमण अब काफ़ी हद तक नियंत्रण में आ रहा है। इस नियंत्रण को क़ायम रखने के लिए हमें प्रयासरत रहना होगा।

श्री चौहान ने आज यह बात संभागीय मुख्यालय सागर में समीक्षा के दौरान कही। उन्होंने कहा कि हमें कोरोना के रहते हुए ही ज़िंदगी शुरू करना है। इस पर सभी जनप्रतिनिधि और अधिकारी कार्य करें। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण शीघ्र समाप्त होने वाला नहीं है। संक्रमण की दर लगातार कम हो रही है परंतु हमें कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर अपनाते हुए इसके साथ ही ज़िंदगी शुरू करना है। इस पर रणनीति की बनाते हुए लगातार कार्य करें।

उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण सागर ज़िले की एक विस्तृत कार्ययोजना बनाएँ, जिस पर कार्य करते हुए 31 मई तक कोरोना संक्रमण पर क़ाबू पाएँ और 1 जून से अनलॉक की प्रक्रिया धीरे-धीरे शुरू की जाए। सागर की 312 ग्राम पंचायतें कोरोना मुक्त हैं और यहाँ 15 दिवस से भी अधिक से कोरोना का एक भी पॉज़िटिव प्रकरण सामने नहीं आया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सागर संभाग सहित प्रदेश के सभी संभागों में 1 जून से वैक्सीनेशन का वृहद अभियान चलाया जाए जिसमें अधिक से अधिक व्यक्तियों का टीकाकरण किया जाए। उन्होंने कहा कि संक्रमण के नियंत्रण में वैक्सीनेशन की प्रभावी भूमिका है। उन्होंने कहा कि सागर मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाएँ और सुदृढ़ की जाएँ।

बुंदेलखंड में जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ मुहैया कराने की दृष्टि से बीएमसी के लिए रणनीति तैयार की जाए। कोविड-19 को समाप्त करने के लिए एक सप्ताह तक कोरोना कर्फ्यू में सख्ती बरती जाए। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज को अन्य बेहतरीन अस्पतालों की तर्ज़ पर अपडेट किया जाए। यहाँ 50 बैड की क्षमता वाला अलग से वार्ड तैयार किये जाने के निर्देश दिये।

श्री चौहान ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर के लिए पूरी तरह से तैयार रहते हुए बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल तथा बीना के अस्थाई अस्पताल में पहले से समस्त प्रकार की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि, सागर संभाग के पन्ना ज़िले में अच्छा काम किया जा रहा है। यह सभी की सजगता से ही संभव हो पाया। परंतु, अभी और सख़्ती की ज़रूरत है जिससे किसी भी परिस्थिति में अब संक्रमण और न फैले। छतरपुर ज़िले की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि, यहाँ वैक्सीनेशन तथा टेस्टिंग बढ़ाने की आवश्यकता है। इसी प्रकार निवाड़ी में संक्रमण रोकने के लिए अच्छा कार्य किया गया है, उन्होंने कहा कि, यहाँ ग्रामीण इलाकों में नियंत्रण बेहतर है, इसे शहरी क्षेत्रों में भी अपनाएँ।

श्री चौहान ने कहा कि ब्लैक फंगस के उपचार के 12 हजार टैबलेट आ रहीं हैं। इस बीमारी के इलाज के लिए राज्य शासन हर स्तर पर प्रयास कर रही है। किसी भी मरीज़ को कोई दिक़्क़त नहीं आयेगी।

अमेरिका की 19 कर्मचारियों वाली अनजान कंपनी की भारत में 500 अरब डॉलर के ‘निवेश’ की पेशकश attacknews.in

नयी दिल्ली, 24 मई । अमेरिका की एक अनजान कंपनी ने भारत की राष्ट्रीय संरचना पाइपलाइन (एनआईपी) में इक्विटी के रूप में 500 अरब डॉलर का निवेश करने की पेशकश की है। इस अमेरिकी कंपनी लैंडोमस रियल्टी वेंचर्स के कर्मचारियों की संख्या सिर्फ 19 है और इसका राजस्व 1.5 करोड़ डॉलर है। कंपनी की वेबसाइट सिर्फ एक पेज की है।

लैंडोमस रियल्टी ने विज्ञापनों के जरिये तथा अपनी वेबसाइट पर बयान जारी कर कहा है कि वह भारत निर्माण के तहत एनआईपी और भारत सरकार की सूचीबद्ध गैर-एनआईपी परियोजनाओं में 2,000 अरब डॉलर के निवेश के पहले चरण में इक्विटी के रूप में 500 अरब डॉलर का निवेश करना चाहती है।

देश के प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापन में लैंडोमस समूह के चेयरमैन प्रदीप कुमार सत्यप्रकाश ने कहा कि उनका समूह भारत के पुन:निर्माण और 5,000 अरब डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लक्ष्य के लिए सरकार की मदद करना चाहता है।

विज्ञापन में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से जारी अपील में कहा, ‘‘लैंडोमस समूह नव भारत के आपके दृष्टिकोण में योगदान करने का अवसर चाहता है। हमारा आपसे आग्रह है कि हमें यह अवसर प्रदान किया जाए।’’

दिलचस्प बात यह है कि यह एक अनजान सी कंपनी है और इसके बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। कंपनी की वेबसाइट भी एक ही पेज की है जिसपर अधिक ब्योरा उपलब्ध नहीं है।

जूमइन्फो के अनुसार कंपनी के कर्मचारियों की संख्या मात्र 19 है।

वेबसाइट पर कंपनी का पता अमेरिका के न्यूजर्सी का है। जूमइन्फो लैंडोमस रियल्टी वेंचर्स का गठन भारत में जमीन के टुकड़ों के अधिग्रहण और ‘लैंड बैंक’ बनाने के लिए किया गया था। कंपनी के ई-मेल पते पर भेजे गए मेल का जवाब नहीं मिला।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिसंबर, 2019 में एनआईपी की घोषणा की थी। एनआईपी के तहत वित्त वर्ष 2019-20 से 2024-25 तक कुल 111 लाख करोड़ रुपये के बुनियादी ढांचा निवेश का अनुमान है।

केंद्र सरकार ने राज्यों को 21.80 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की खुराक दी;1.80 करोड़ से ज्यादा अभी भी उपलब्ध;18-44 साल को एक करोड़ टीके लगाकर ऐतिहासिक उपलब्धि प्राप्त की attacknews.in

नईदिल्ली 24 मई । देश भर में चल रहे कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत भारत सरकार सभी राज्यों और केंद्र-शासित राज्यों को मुफ्त में वैक्सीन मुहैया करवा रही है। इसके अलावा भारत सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सीधे तौर पर वैक्सीन खरीदने में भी मदद कर रही है।

‘टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट’ की रणनीति और उचित कोविड व्यवहार के साथ-साथ टीकाकरण भी भारत सरकार की कोविड महामारी के नियंत्रण और प्रबंधन की रणनीति का अहम हिस्सा है।

कोविड-19 टीकाकरण की रणनीति ‘उदारीकृत और त्वरित चरण-3’ का कार्यान्वयन 1 मई 2021 से शुरू हो गया है।

इस रणनीति के तहत, हर महीने किसी भी निर्माता की कुल सेंट्रल ड्रग्स लैबरेट्री (सीडीएल) द्वारा स्वीकृत वैक्सीन खुराक का 50 प्रतिशत भारत सरकार द्वारा खरीदा जाएगा। सरकार इन खुराकों को राज्य सरकारों को पूरी तरह से मुफ्त में उपलब्ध कराना जारी रखेगी जैसा कि पहले किया जा रहा था।

भारत सरकार ने अब तक राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को 21.80 करोड़ से अधिक टीके की खुराक (21,80,51,890) नि:शुल्क श्रेणी और राज्य द्वारा सीधी खरीद श्रेणी के माध्यम से प्रदान की है।

23 मई 2021 तक 20,00,08,875 खुराक की कुल खपत हुई है जिसे इस दिन तक औसत के आधार पर निकाला गया है और इसमें अपव्यय हुईं खुराक भी शामिल हैं। यह आंकड़ा 24 मई की सुबह 8 बजे तक का है।

1.80 करोड़ से अधिक कोविड वैक्सीन खुराक (1,80,43,015) अभी भी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के पास उपलब्ध हैं जिन्हें अभी लगाया जाना बाकी है।

इसके अलावा, 48 लाख (48,00,650) से अधिक वैक्सीन खुराक पाइपलाइन में हैं और अगले 3 दिनों के भीतर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को प्राप्त होंगी।


भारत ने टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण के तहत 18-44 साल के आयु वर्ग समूह को एक करोड़ टीके देने के साथ एक बड़ा ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया

लगातार 11वें दिन कोविड-19 से दैनिक स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या संक्रमण के दैनिक नये मामलों से ज्यादा

लगातार आठवें दिन कोविड-19 के दैनिक मामलों की संख्या तीन लाख से कम

साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट गिरकर 12.66 प्रतिशत हुआ

भारत ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ अपनी लड़ाई में आज एक ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया। देश में कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण के तहत 18-44 वर्ष आयु समूह के लोगों को एक करोड़ से ज्यादा (1,06,21,235) खुराक दे दी गयीं।

जांच, बीमारी का पता लगाने, उपचार और कोविड उपयुक्त व्यवहार के साथ-साथ महामारी की रोकथाम और प्रबंधन के लिए टीकाकरण भारत सरकार की व्यापक रणनीति का एक अभिन्न स्तंभ है।

कोविड-19 टीकाकरण की तीसरे चरण की उदारीकृत और त्वरित रणनीति का कार्यान्वयन 1 मई 2021 से शुरू हो गया है।

भारत में देशव्यापी टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण का विस्तार होने के साथ अब तक दिए गए कोविड-19 टीके की कुल खुराक की संख्या आज 19.60 करोड़ से ज्यादा हो गयी।

अस्थायी रिपोर्ट के अनुसार आज सुबह सात बजे तक 28,16,725 सत्रों में कोविड-19 के टीके की कुल 19,60,51,962 खुराक दी जा चुकी हैं। इनमें वे 97,60,444 स्वास्थ्य सेवा कर्मी (एचसीडब्ल्यू) शामिल हैं, जिन्होंने वैक्सीन की पहली खुराक ली है और 67,06,890 ऐसे एचसीडब्ल्यू भी शामिल हैं, जिन्होंने वैक्सीन की दूसरी खुराक ले ली है। इसके अलावा पहली खुराक लेने वाले 1,49,91,357 अग्रिम पंक्ति के कर्मी (एफएलडब्ल्यू), दूसरी खुराक लेने 83,33,774 एफएलडब्ल्यू, और 18 से 44 साल के आयु समूह में पहली खुराक लेने वाले 1,06,21,235 लोग शामिल हैं।

इसके साथ-साथ 45 से 60 वर्ष की आयु के पहली खुराक लेने वाले और दूसरी 6,09,11,756 खुराक लेने वाले 98,18,384 लाभार्थियों के साथ-साथ 5,66,45,457 पहली खुराक लेने वाले और 1,82,62,665 दूसरी खुराक लेने वाले 60 वर्ष की आयु से ज्यादा के लाभार्थी भी शामिल हैं।

भारत में लगातार 11वें दिन कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या संक्रमण के नये मामलों से ज्यादा थी। पिछले 24 घंटे में बीमारी से 3,02,544 लोग स्वस्थ हुए।

बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की कुल संख्या आज 2,37,28,011 हो गयी। बीमारी से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर बढ़कर 88.69 प्रतिशत हो गयी।

स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या में 10 राज्यों की 72.23 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

एक और सकारात्मक घटनाक्रम के तहत भारत में दर्ज किए जा रहे कोविड-19 के दैनिक नए मामले लगातार आठवें दिन तीन लाख से कम हैं। कोविड-19 संक्रमण के दैनिक नये मामलों और बीमारी से स्वस्थ होने के दैनिक मामलों के बीच का अंतर आज कम होकर 80,229 हो गया।

पिछले 24 घंटे में 2,22,315 नए मामले दर्ज किए गए।

पिछले 24 घंटे में सामने आए नए मामलों में 10 राज्यों की 81.08 प्रतिशत हिस्सेदारी है। तमिलनाडु में सबसे ज्यादा 35,483 और उसके बाद महाराष्ट्र में 26,672 नए मामले दर्ज किए गए।

10 मई 2021 को अपने आखिरी चरम पर पहुंचने के बाद से सक्रिय मामलों की संख्या में कमी आयी है।

भारत में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या गिरकर आज 27,20,716 हो गयी। यह देश के कुल कोविडपॉजिटिव मामलों का 10.17 प्रतिशत है।

पिछले 24 घंटे में सक्रिय मामलों की संख्या में कुल 84,683 की कमी आयी है।देश के कुल सक्रिय मामलों में आठ राज्यों की हिस्सेदारी 71.62 प्रतिशत है।

भारत में पिछले 24 घंटे में कुल 19,28,127 जांच हुई जिसके साथ अब तक हुए जांच की कुल संख्या 33,05,36,064 है। आज पॉजिटिविटी रेट 8.09 प्रतिशत है। साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट भी गिरकर 12.66 प्रतिशत हो गया।

राष्ट्रीय मृत्यु दर इस समय 1.14 प्रतिशत है।पिछले 24 घंटों में 4,454 मौतें हुई हैं।

नई मौतों में दस राज्यों की हिस्सेदारी 79.52 प्रतिशत है। महाराष्ट्र में सबसे अधिक 1,320 लोगों की मृत्यु हुई। इसके बाद कर्नाटक में 624 मौतें हुईं।

18 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत (1.14 प्रतिशत) से कम है।18 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है।

समस्त COVID19 सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर 18-44 वर्ष आयु वर्ग के लिए कोविन डिजिटल प्लेटफॉर्म से स्थल पर ही पंजीकरण की सुविधा प्रदान करने का निर्णय attacknews.in

नईदिल्ली 24 मई । टीकाकारण देश जनसंख्या के सबसे संवेदनशील जनसंख्या समूहों को कोविड-19 संक्रमण से बचाने की ऐसी प्रक्रिया है और इसकी सर्वोच्च स्तर पर लगातार समीक्षा और निगरानी की जाती हैI सभी हितधारकों के साथ व्यापक विमर्श के बाद वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप इस प्रक्रिया में संशोधन करने के लिए एक वर्गीकृत, समय-पूर्व एवं पहले से ही तैयारी के साथ कार्यवाही की अनुमति दी गई है।

01 मार्च 2021 को राष्ट्रीय टीकाकारण अभियान के द्वितीय चरण की शुरुआत के साथ ही कोविन डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर केवल 45 वर्ष और उससे अधिक आयु के नागरिकों के ऑनलाइन पंजीकरण एवं टीकाकरण की तिथि और समय के निर्धारण की सुविधा दी गई थीI

बाद में इन प्राथमिकता समूहों के लिए टीकाकरण स्थल पर ही पंजीकरण और समय निर्धारण समूह पंजीकरण सुविधा को भी जोड़ा गया थाI

इसके बाद 01 मई 2021 से उदारीकृत मूल्य निर्धारण एवं त्वरित राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण रणनीति के क्रियान्वयन के साथ ही 18-44 आयु वर्ग की जनसंख्या के लिए भी टीकाकरण के कार्य क्षेत्र का विस्तार किया गया हैI

18-44 आयु वर्ग के लोगों के लिए शुरू में केवल ऑनलाइन समय निर्धारण से टीकाकरण केन्द्रों में अधिक भीड़ एकत्र होने से बचना सम्भव हो पायाI

इस सम्बन्ध में राज्यों द्वारा किए गए विभिन्न अनुरोधों और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 18-44 वर्ष आयु वर्ग के टीकाकरण के लिए प्राप्त जानकारियों के आधार पर, केंद्र सरकार ने अब निम्नलिखित बिंदुओं पर विचार करते हुए 18-44 वर्ष आयु वर्ग के लिए कोविन डिजिटल प्लेटफॉर्म पर टीकाकरण स्थल पर ही पंजीकरण/सहायक समूह पंजीकरण की सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया है:

(i) ऑनलाइन स्लॉट के साथ विशेष रूप से आयोजित टीकाकरण सत्रों के दौरान उस दिन समय की समाप्ति के समय तक यदि कुछ ऑनलाइन समय पाए हुए लाभार्थी किसी कारण से टीकाकरण के दिन नहीं आ पाते हैं। तब ऐसी स्थिति में टीकों की बर्बादी को कम से कम करने के लिए कुछ लाभार्थियों का टीकाकरण स्थल पर ही पंजीकरण आवश्यक हो सकता है।

(ii) भले ही कोविन इस समय एक मोबाइल नंबर पर आरोग्य सेतु और उमंग जैसे ऐप्स और सामान्य सेवा केन्द्रों आदि के माध्यम से 4 लाभार्थियों के पंजीकरण और समय दिए जाने की सुविधा प्रदान करता है, लेकिन समूह में सुविधा की आवश्यकता वाले लोगों या जिन लोगों की पहुँच अभी भी इंटरनेट या स्मार्ट फोन या मोबाइल फोन तक नहीं है, के लिए अभी भी टीकाकरण के विकल्प बहुत सीमित हैं।

  इसलिए अब 18-44 आयुवर्ग के लिए कोविन प्लेटफ़ॉर्म पर टीकाकरण स्थल पर ही पंजीकरण एवं समय निर्धारण की सुविधा दी जा रही है।

  हालाँकि, यह सुविधा वर्तमान समय में केवल सरकारी कोविड टीकाकरण केंद्रों (सीवीसी) के लिए ही सक्षम की जा रही है।

  वर्तमान में यह सुविधा निजी क्षेत्र के टीकाकरण केन्द्रों (सीवीसी) के लिए उपलब्ध नहीं होगी और निजी क्षेत्र के टीकाकरण केन्द्रों को अपने टीकाकरण कार्यक्रम को विशेष रूप से ऑनलाइन समय निर्धारण के लिए स्लॉट के साथ प्रकाशित करना होगा।

  संबंधित राज्य/केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के बाद ही इस सुविधा का उपयोग किया जा सकेग। ऐसा करने के लिए राज्य सरकार /केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन को 18-44 आयु वर्ग के पात्र लाभार्थियों के सामूहिक पंजीकरण और समय निर्धारण में स्थानीय सन्दर्भ के आधार पर एक अतिरिक्त उपाय टीकाकरण स्थल पर ही पंजीकरण/समूह में पंजीकरण की सुविधा शुरू करने  का निर्णय करना होगा ताकि टीकों की बर्बादी कम से कम हो सकेI

  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 18 से 44 वर्ष की आयु समूह के लिए ऑन-साइट पंजीकरण और नियुक्ति सुविधा का उपयोग करने की सीमा और तरीके के संबंध में संबंधित राज्य / केंद्र शासित प्रदेश सरकार के निर्णय का सख्ती से पालन करने के लिए सभी जिला टीकाकरण अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी करने की सलाह दी है।

  सुविधा समूहों से संबंधित लाभार्थियों को टीकाकरण सेवाएं प्रदान करने के लिए पूरी तरह से आरक्षित सत्र भी आयोजित किए जा सकते हैं। जहां कहीं भी इस तरह के पूर्ण आरक्षित सत्र आयोजित किए जाते हैं, ऐसे लाभार्थियों को पर्याप्त संख्या में बुलवाने  के लिए भी सभी प्रयास किए जाने चाहिए।

  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को यह सलाह भी दी है कि टीकाकरण केंद्रों पर भीड़भाड़ से बचने के लिए 18-44 वर्ष आयु वर्ग के लिए साइट पर पंजीकरण और टीकाकरण के लिए समय निर्धारित किए जाते समय अत्यधिक अतिरिक्त सावधानी बरती जानी चाहिए।

केंद्र सरकार ने अब तक राज्यों को 17,755 ऑक्सीजन कंसट्रेटर, 15,961 ऑक्सीजन सिलेंडर, 19 ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र, 12,913 वेंटिलेटर/बीआई पीएपी, ~6.9 लाख रेमडेसिविर इंजेक्शन शीघ्रता से वितरित किये attacknews.in

नईदिल्ली 24 मई । भारत सरकार को 27 अप्रैल, 2021 से विभिन्न देशों/संगठनों से कोविड-19 राहत चिकित्सा आपूर्तियों और उपकरणों का अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मिल रहा है। इन्हें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को तत्काल भेजा/वितरित किया जा रहा है।

27 अप्रैल, 2021 से 23 मई, 2021 तक कुल मिलाकर 17,755 ऑक्सीजन कंसट्रेटर, 15,961 ऑक्सीजन सिलेंडर, 19 ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र, 12,913 वेंटिलेटर/बीआई पीएपी, ~6.9 लाख रेमडेसिविर शीशियों को सड़क और वायु मार्ग के माध्यम से वितरित किया गया/ भेजा गया है।

ओंटारियो (कनाडा), ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, यूएसआईएसपीएफ, बुद्धिस्ट संघ (वियतनाम) और एसएंडजे चैरिटेबल ट्रस्ट (ब्रिटेन) से 22/23 मई, 2021 को प्राप्त बड़े खेप

खेप मात्रा

ऑक्सीजन कंसट्रेटर 1,125

वेंटिलेट/बीआई-पीएपी/सीपीएपी 1,397

राहत सामग्रियों को राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और संस्थानों को तुरंत आवंटन और सुव्यवस्थित वितरण करना एक सतत प्रयास है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय नियमित आधार पर इसकी व्यापक निगरानी कर रहा है। अनुदान, सहायता और दान के रूप में बतौर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग विदेशी कोविड राहत सामग्री की प्राप्ति और आवंटन के समन्वय के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में एक समर्पित समन्वय प्रकोष्ठ बनाया गया है। 26 अप्रैल, 2021 से इस प्रकोष्ठ ने काम करना शुरू कर दिया है। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की है और 2 मई, 2021 से इसे लागू किया गया है।