कमलनाध ने कहा: सुप्रीम कोर्ट के कारण भारत पूरे विश्व में बदनाम हो रहा है;मैंने कहा मेरा भारत महान है, पर यह जो आज कोर्ट की स्थिति पूरे विश्व में देखी है,मैं तो इस बदनामी से भारत को बचाने की बात कर रहा हूं attacknews.in

कमलनाथ ने दोहराया, कोरोना से मृत्यु के मामले दबाए जा रहे हैं

भोपाल, 29 मई। मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आज फिर आरोप दोहराते हुए कहा कि राज्य में कोरोना से मृत्यु संबंधी आकड़े दबाए जा रहे हैं और वे इस तरह के मुद्दे उठाने के प्रयास करते हैं, तो उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी जाती है।

प्रदेश कांग्रेस की ओर से जारी विज्ञप्ति में श्री कमलनाथ ने कहा है कि उन्होंने तीन सप्ताह पहले मांग की थी कि जितनी भी मृत्यु हुयी हैं, श्मशानघाटों के रजिस्टर में दर्ज आकड़े सामने आना चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री के अनुसार वे मानते हैं कि इनमें से लगभग 80 प्रतिशत मृत्यु कोरोना के कारण हुयी हैं।
हमारी यही मांग थी कि कम से कम लाशों के आकड़े तो सरकार की तरफ से आना चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी तरह कोरोना से मृत्यु के मामले में मुआवजे संबंधी नियम ठीक नहीं हैं।जिस परिवार में लाश पड़ी है, उसके परिवार का सदस्य उसके अंतिम संस्कार की व्यवस्था में लगा है, वह नगर पालिका और नगर निगम क्या मृत्यु प्रमाणपत्र लेने जाएगा।

श्री कमलनाथ ने कहा कि जब वे सरकार से इस तरह के कोई प्रश्न पूछते हैं तो उन्हें देशद्रोही बता दिया जाता है।जब वे कोई खुलासा करते हैं तो उनके ऊपर प्राथमिकी कर दी जाती है।

श्री कमलनाथ की ओर से विज्ञप्ति में लिखा गया है ””मैंने कहा मेरा भारत महान है, पर यह जो आज सुप्रीम कोर्ट की स्थिति पूरे विश्व में देखी है, इससे भारत बदनाम हो रहा है, मैं तो इस बदनामी से भारत को बचाने की बात कर रहा हूं।

”मेरा भारत महान” हमारा कितना अच्छा नारा था।
देश में ही नहीं पूरे विश्व में आज भारत बदनाम हो रहा है।मैंने तो नाम नहीं रखा, इंडियन कोविड, यह सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने खुद कहा है।उन्होंने एफिडेविट में यह बात कही।”’

श्री कमलनाथ ने कहा कि ””डब्ल्यूएचओ ने कहा।
इंडियन कोविड, यह चीन का है।अपना देश बदनाम नहीं होता, यह चीन का कोविड था, इसे आज इंडियन कोविड बना दिया।आज सब देशों ने रोक लगा दी।हमारे देशवासी हमारे नागरिक कहीं विदेश नहीं जा सकते।सभी एयरलाइंस ने रोक लगा दी।इससे क्या देश बदनाम नहीं होता।”’

श्री कमलनाथ ने इसके अलावा वैक्सीन के मामले में भी केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना की।