नयी दिल्ली/मुंबई , आठ मार्च। प्रवर्तन निदेशालय की यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर के खिलाफ जांच में 2,000 करोड़ रुपये मूल्य के निवेश, 44 महंगी पेटिंग और एक दर्जन से कथित मुखौटा कंपनियां केंद्र में हैं। कपूर को मनी लांड्रिंग के मामले में रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी को कुछ ऐसे दस्तावेज भी मिले हैं जो बताते हैं कि कपूर परिवार के लंदन में कुछ संपत्ति हैं। अब उस संपत्ति की खरीद के लिये इस्तेमाल हुए कोष के स्रोत की जांच की जा रही है।
ईडी एक कंपनी द्वारा कथित रूप से प्राप्त 600 करोड़ रुपये के कोष के मामले में कपूर, उनकी पत्नी तथा तीन बेटियों के खिलाफ जांच कर रहा है। जिस कंपनी को यह राशि मिली, उसका नियंत्रण कथित रूप से उनके द्वारा नियंत्रित थी। कंपनी को यह राशि दीवान हाउसिंग फाइनेंस लि. (डीएचएफएल) से जुड़ी इकाई से मिली थी।
कपूर से जुड़ी कंपनी डीओआईटी अरबन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लि. कथित रूप से यह कोष प्राप्त किया। यह कोष उस समय प्राप्त किया गया जब 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज डीएचएफएल को दिया गया था। डीएचएफएल के खिलाफ कथित वित्तीय अनियमिततताओं को लेकर जांच जारी है।
सूत्रों के अनुसार बैंक ने फंसे कर्ज (एनपीए) की वसूली को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की। एजेंसी को संदेह है कि 600 करोड़ रुपये का कोष कथित रिश्वत का हिस्सा हो सकता है। यह राशि एक-दूसरे को लाभ पहुंचाने के लिये उस कंपनी को मिली जिसका नियंत्रण कपूर परिवार के पास था।
अधिकारियों ने कहा कि ईडी छापे के दौरान मिली अपराध की राशि पर ध्यान रही है। छापा के दौरान कपूर उनकी पत्नी बिंदु तथा तीनों बेटियों के निवास की तलाशी ली। जांच के दौरान परिवार द्वारा 2,000 करोड़ रुपये का निवेश तथा एक दर्जन से अधिक मुखौटा कंपनियों के बारे में जानकारी मिली। इन मुखौटा कंपनियों का उपयोग कथित रिश्वत की हेराफेरी के लिये किया जाता था।
इसके अलावा परिवार के पास 44 महंगी पेंटिंग भी मिले। इनमें से कुछ पेंटिंग कथित तौर पर राजनेताओं से खरीदा गया।
मनी लांड्रिंग निरोधक कानून के तहत यस बैंक के पूर्व प्रमुख 62 साल के कपूर को बेलार्ड एस्टेट में ईडी के कार्यालय में कपूर को गिरफ्तार कर लिया गया। केंद्रीय एजेंसी ने कपूर के आवास पर शुक्रवार रात को छापा मारा था। उसके बाद 20 घंटे से अधिक समय तक चली पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया।
इस बीच, ईडी कपूर की पत्नी और बेटियों के भी बयान रिकार्ड कर रही है।
ईडी ने तब कार्रवाई की है जब भारतीय रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को पूंजी की कमी से जूझ रहे यस बैंक पर पाबंदी लगाई है। इससे उसका हर खाताधारक केवल 50,000 रुपये तक ही निकाल सकता है और निजी क्षेत्र के इस बैंक के बोर्ड को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया।
सीबीआई ने यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर, अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की:
सीबीआई ने यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर, दीवान हाउसिंह (डीएचएफएल) और डीओआईटी अर्बन वेंचर्स कंपनी के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
कपूर इस समय प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में हैं।
सूत्रों ने पहचान जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि एजेंसी जल्द ही मुंबई में छापे मार सकती है।
उन्होंने बताया कि यह आरोप है कि जब घोटाले से ग्रसित डीएचएफएल को यस बैंक ने 3,000 करोड़ रुपये का कर्ज दिया, तो राणा के परिवार से जुड़ी कंपनी डीओआईटी अर्बन वेंचर्स को कथित रूप से 600 करोड़ रुपये मिले।
सूत्रों ने बताया कि यह आरोप है कि बैंक ने धन की वसूली के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं किए और ऐसा संदेह है कि बैंक के उस उदार रख का डीओआईटी वेंचर्स को मिले धन से संबंध है।
इससे पहले सूत्रों ने बताया था कि सीबीआई ने यस बैंक के मामलों की जांच शुरू कर दी है और अधिकारी इस मामले में दस्तावेज इकट्ठा कर रहे हैं।
कथित अनियमतताओं के कारण वित्तीय संकट में घिरे यस बैंक पर भारतीय रिजर्व बैंक की नियामकीय कार्रवाई के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने राणा कपूर को मनी लांडरिंग (स्याह धन को सफेद करने) के आरोपों की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया है। कपूर (62) से पूछताछ की जा रही है।
कहा जा रहा है कि डीओआईटी अर्बन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लि कपूर परिवार की कंपनी है और उसे घोटाले से प्रभावित गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी डीएचएफल को 3000 करोड़ रुपये का कर्ज देने के बाद 600 रुपये की राशि मिली जो कथित तौर पर रिश्वत थी। दीवान हाउसिंग फाइनेंस लि पर उत्तर प्रदेश में बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों के भाविष्य निधि कोष से 2200 करोड़ रुपये के गबन के आरोप में सीबीआई पहले ही मुकदमा कायम कर चुकी है।
इसके साथ ही इस बैंक के स्वामित्व का पुनर्गठन करने की योजना पर काम भी शुरू कर दिया है ताकि बैंक को बचाया जा सके और इसमें धन जमा करने वाले इसके ग्राहकों का हित सुरक्षित किया जाएगा।
आरबीआई की योजना के मसौदे के अनुसार भारतीय स्टेट बैंक यस बैंक में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगा।
ईडी ने यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को पीएमएलए के तहत किया गिरफ्तार:
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को धन शोधन के आरोपों के तहत यहां रविवार तड़के गिरफ्तार कर लिया।
अधिकारियों ने बताया कि बैंकर को तड़के करीब तीन बजे धन शोधन निवारण कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया क्योंकि वह जांच में कथित तौर पर सहयोग नहीं कर रहे थे।
केंद्रीय एजेंसी ने कपूर के आवास पर शुक्रवार रात को छापा मारा था जिसके बाद 20 घंटे से अधिक समय तक चली पूछताछ के बाद बेलार्ड एस्टेट में ईडी के कार्यालय में कपूर को गिरफ्तार कर लिया गया।
यह गिरफ्तारी तब हुई है जब इस निजी बैंक में वित्तीय अनियमितताओं और इसके संचालन में कुप्रबंधन के आरोप सामने आए हैं और आरबीआई एवं केंद्र सरकार ने इसके मामलों को नियंत्रित करने के लिए कार्रवाई शुरू की है।
अधिकारियों ने बताया कि 62 वर्षीय कपूर को एक स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा ताकि उन्हें हिरासत में लिया जा सके।
मामले के जांच अधिकारी ने उस समय पीएमएलए के तहत कपूर का बयान दर्ज किया था जब उनसे यहां वर्ली इलाके में ‘समुद्र महल’ में उनके आवास पर शुक्रवार रात को पहली बार पूछताछ की गई थी।
उन्हें नये सिरे से पूछताछ के लिए शनिवार दोपहर को ईडी कार्यालय लाया गया।
एजेंसी ने शनिवार को मामले में अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए और जानकारी एवं सबूत जुटाने के वास्ते दिल्ली एवं मुंबई में कपूर की तीन बेटियों के परिसरों की तलाशी ली।
अधिकारियों के अनुसार, कपूर की पत्नी बिंदु और बेटियां राखी कपूर टंडन, रोशनी कपूर और राधा कपूर उन कंपनियों से कथित तौर पर जुड़ी है जिनमें ‘‘आपराधिक गतिविधियों’’ का पता चला है।
उन्होंने बताया कि कपूर के खिलाफ मामला घोटालों से घिरी डीएचएफएल से जुड़ा है। डीएचएफएल ने बैंक से कर्ज लिया था लेकिन उसे चुकाया नहीं और वह गैर निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) में बदल गया।
अधिकारियों ने बताया कि डीएचएफएल द्वारा एक कंपनी को दिए 600 करोड़ रुपये का कर्ज भी ईडी की जांच के केंद्र में है।
केंद्रीय एजेंसी कुछ कॉरपोरेट कंपनियों को कर्ज देने में कपूर की भूमिका और इसके बाद उनकी पत्नी के खातों में रिश्वत की रकम डाले जाने के मामले की भी जांच कर रही है।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश बिजली निगम में कथित पीएफ धोखाधड़ी से संबंधित एक मामले समेत अन्य कथित अनियमितताएं भी एजेंसी की जांच के घेरे में है।
सीबीआई ने हाल ही में उत्तर प्रदेश में 2,267 करोड़ रुपये के कर्मचारी भविष्य निधि घोटाले की जांच हाथ में ली थी जहां बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों की गाढ़ी कमाई को दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (डीएचएफएल) में निवेश किया गया था।
ईडी ने तब कार्रवाई की है जब भारतीय रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को पूंजी की कमी से जूझ रहे यस बैंक पर पाबंदी लगाई, जिससे उसका हर खाताधारक केवल 50,000 रुपये तक ही निकाल सकता है और निजी क्षेत्र के इस बैंक के बोर्ड को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया।