नयी दिल्ली, 20 अगस्त । दो बार के ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार ने विश्व कुश्ती प्रतियोगिता के लिए मंगलवार को यहां आईजी स्पोर्ट्स कॉम्पलैक्स के केडी जाधव कुश्ती स्टेडियम में आयोजित 74 किग्रा वर्ग का ट्रायल जीत लिया लेकिन इस ट्रायल पर आखिर में विवाद की छाया पड़ गयी।
सुशील ने 14 से 22 सितंबर तक कजाखस्तान में होने वाली विश्व चैम्पियनशिप के लिए क्वालीफाई कर लिया है जो 2020 के टोक्यो ओलंपिक के लिए पहला क्वालीफाइंग टूर्नामेंट है। विश्व चैंपियनशिप में प्रत्येक वजन वर्ग में शीर्ष छह पहलवान अपने देश को टोक्यो ओलंपिक का कोटा दिलाएंगे।
वर्ष 2008 के बीजिंग ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता, 2012 लंदन ओलंपिक के रजत विजेता और 2010 में विश्व चैंपियन रह चुके सुशील के 74 किग्रा वजन वर्ग का ट्रायल पिछले महीने 26 जुलाई को होना था लेकिन उनके दो प्रतिद्वंद्वी पहलवानों के अनफिट होने के कारण इस ट्रायल को स्थगित कर दिया गया था।
यह ट्रायल आज आजोयित हुआ जिसमें सुशील ने बेहद कड़े मुकाबले में हरियाणा के जितेंद्र को 4-2 से हराकर विश्व चैंपियनशिप का टिकट हासिल कर लिया। सुशील ने पहले ही राउंड में 4-0 की बढ़त बना ली थी लेकिन दूसरे राउंड में मुकाबला काफी कड़ा रहा।
सुशील ने 4-2 से यह मुकाबला जीता। यह मुकाबला हारने के बाद जितेंद्र काफी हताश नजर आए जबकि उनके कोच जयवीर ने आरोप लगाया कि रेफरी ने मुकाबले के दौरान फाउल को नजरअंदाज किया।
दरअसल दूसरा राउंड शुरु होते ही जितेंद्र की आंख में चोट लग गयी थी जिससे उन्होंने मेडिकल टाइम आउट लिया।
दूसरे राउंड में जितेंद्र की कोहनी में दो बार चोट लगी जबकि सुशील की नाक से दो बार खून भी निकला।
जितेंद्र के कोच ने आरोप लगाया कि सुशील जानबूझकर मेडिकल टाइम आउट ले रहे थे ताकि वह खुद को ताजा रख सके।
हालांकि सुशील ने मुकाबले के बाद संवाददाताओं से कहा, “कुश्ती के मुकाबलों में ऐसा कई बार हो जाता है कि आपको चोट लग जाती है। कोई भी पहलवान जानबूझकर ऐसा नहीं करता है। जितेंद्र अच्छा पहलवान है और वह मेरे छोटे भाई की तरह है। मैं अभी उसे बधाई देकर आया हूं कि उसने काफी अच्छा मुकाबला लड़ा और उसमें भविष्य के लिए काफी संभावनाएं हैं।”