नयी दिल्ली, 28 दिसंबर । छह बार की विश्व चैम्पियन एम सी मेरीकाम (51 किग्रा) ने निकहत जरीन को 9-1 से हराकर चीन में अगले साल होने वाले ओलंपिक क्वालीफायर के लिये भारतीय टीम में जगह बनायी।
इस मुकाबले में मेरीकाम ने बहुत दमदार मुक्के जमाकर स्पष्ट अंक हासिल किये।
मैरी की निखत पर जीत के बाद हुआ हंगामा
छह बार की विश्व चैंपियन एमसी मैरीकॉम ने बहुप्रतीक्षित ट्रॉयल में निखत जरीन को शनिवार को यहां इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में 9-1 के बड़े अंतर से हरा दिया और फरवरी में चीन में होने वाले मुक्केबाजी के पहले और अंतिम क्वालिफायर का टिकट हासिल कर लिया।
ओलंपिक क्वालिफायर के लिये महिलाओं के पांच वजन वर्गाें के ट्रायल हुये जिसमें सभी निगाहें 51 किग्रा वर्ग में मणिपुर की मैरीकॉम अौर तेलंगाना की निखत के बीच टक्कर पर लगी हुयी थी। इस ट्रॉयल को कवर करने के लिये भारी संख्या में मीडिया और निखत के राज्य तेलंगाना के अधिकारी तथा पिता मौजूद थे।
मुकाबला हंगामाखेज़ रहा। मुकाबले के 10 जजों ने 9-1 से मैरी के पक्ष में फैसला दिया।
मुकाबला समाप्त होने के बाद मैरी ने निखत से हाथ नहीं मिलाया और गुस्से में रिंग से बाहर निकल गयीं। दूसरी ओर अपनी हार से निखत रो पड़ीं और उनके पिता जमील अहमद रिंग से बाहर निकलती मैरीकाॅम पर बरस पड़े। माहौल अचानक गरम हो गया और हंगामा खड़ा हो गया। भारतीय मुक्केबाजी संघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने सामने आकर बीच बचाव किया और मामले को शांत करने की कोशिश की।
तेलंगाना मुक्केबाजी संघ के सह सचिव ए पी रेड्डी ने तो यहां तक कह दिया कि वह इस मुकाबले की रिकार्डिंग आईबा को देखने के लिये कहेंगे। मुकाबले के बाद सिंह ने कहा,“ ट्रॉयल पूरी तरह निष्पक्ष थे और इसके लिये 10 जजों को तैनात किया गया था।”
मैरीकॉम ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि निखत उनका सम्मान नहीं करना जानती हैं, इसलिये वह उनसे हाथ मिलाना पसंद नहीं करेंगी। मैरी ने साथ ही कहा कि उन्हें खुद को कितनी बार साबित करना पड़ेगा।
अन्य नतीजों में दो बार की विश्व रजत पदक विजेता सोनिया लाठेर (57 किग्रा) को साक्षी चौधरी ने शिकस्त दी। एशियाई पदकधारी लाठेर चौधरी के तेज तर्रार आक्रमण के सामने नहीं टिक सकीं।
वहीं 60 किग्रा वर्ग में पूर्व विश्व चैम्पियन एल सरिता देवी राष्ट्रीय चैम्पियन सिमरनजीत कौर से पराजित हो गयीं। इस मुकाबले में भी चपलता अहम रही जिससे सिमरनजीत ने सरिता को तेज मुक्कों से पस्त किया।
निखत के पिता ने भेदभाव का आरोप लगाया
एमसी मैरीकॉम से ओलम्पिक क्वालीफायर्स के लिए शनिवार को हुए 51 किग्रा वर्ग ट्रायल में 1-9 से हारने वाली तेलंगाना की मुक्केबाज निखत जरीन के पिता जमील अहमद ने इस मुकाबले में उनकी बेटी के साथ भेदभाव किये जाने का आरोप लगाया है।
जमील ने मुकाबला समाप्त होते ही अपनी जगह खड़े खोकर अपना विरोध जताया और मैरी पर बरस पड़े।
जमील ने बाद में पत्रकारों से कहा कि इस मुकाबले में उनकी बेटी जीती थी लेकिन उसके साथ भेदभाव कर मैरी को विजेता बनाया गया।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि निखत को जानबूझ कर हराया गया जबकि सबने अपनी आंखों से देखा कि निखत जीती थी।
तेलंगाना मुक्केबाजी संघ के सहायक सचिव एपी रेड्डी ने भी कहा कि तेलंगाना की लड़की जीती थी लेकिन मैरी को सीनियर होने और राज्यसभा सांसद होने के कारण जिताया गया।
उन्होंने कहा, “हम इस मुद्दे को आईबा के समक्ष उठाएंगे और उन्हें इस मुकाबले की रिकॉर्डिंग देखने के लिए कहेंगे। मैं पूछना चाहता हूं कि मैरी आखिर कब तक सीनियर बनी रहेगी।”।
यह रहा मुकाबले का घटनाक्रम:
इस मुकाबले में 36 साल की मेरीकाम ने बहुत दमदार मुक्के जमाकर स्पष्ट अंक हासिल किये और टीम में जगह सुनिश्चित की लेकिन बाक्सिंग हॉल के अंदर माहौल तनावपूर्ण रहा क्योंकि जरीन (23 साल) ने ट्रायल की सार्वजनिक मांग कर विवाद खड़ा कर दिया था।
मुकाबले के दौरान और रिंग के बाहर दोनों मुक्केबाजों के बीच बहस भी हुई। जब नतीजा घोषित किया गया तो जरीन के घरेलू राज्य तेलंगाना मुक्केबाजी संघ के कुछ प्रतिनिधि इसका विरोध करने लगे।
मेरीकाम ने मुकाबले के बाद कहा, ‘‘मैं थोड़ी नाराज थी। इसमें कोई शक नहीं। लेकिन अब सबकुछ हो गया। मैं आगे बढ़ गयी। मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहूंगी कि बोलने से पहले प्रदर्शन करो, इससे पहले नहीं। आप रिंग में जो करते हो, उसे हर कोई देख सकता है। ’’
ओलंपिक क्वालीफायर चीन में तीन से 14 फरवरी तक कराये जायेंगे।
मुकाबले के बाद दोनों ने हाथ भी नहीं मिलाये और जरीन के गले लगाने की कोशिश की लेकिन मेरीकाम ने ऐसा नहीं किया।
इसके बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘‘हमारे खेल में इसे पकड़ना बोला जाता है। ’’
मेरीकाम ने कहा, ‘‘मैंने यह विवाद खड़ा नहीं किया। मैंने ऐसा कभी नहीं कहा कि मैं ट्रायल के लिये नहीं आऊंगी। इसलिये मैं बर्दाश्त नहीं कर सकती जब कोई आरोप लगायेगा कि यह मेरी गलती थी। यह मेरी गलती नहीं थी और मेरा नाम इसमें नहीं घसीटा जाना चाहिए। ’’
जरीन ने कहा, ‘‘उन्होंने जैसा बर्ताव किया, उससे मैं आहत हूं। उन्होंने रिंग के अंदर भी कुछ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, लेकिन ठीक है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं जूनियर हूं, मुकाबला खत्म होने के बाद अगर वह गले लग जाती तो यह अच्छा होता। लेकिन मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती। ’’
तेलंगाना मुक्केबाजी संघ के प्रतिनिधित्व कर रहे एपी रेड्डी ने इस फैसले का जोरदार विरोध किया। भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने बीच में आकर हालात नियंत्रित किये।
अजय सिंह ने उन्हें रिंग के पास से हटने को कहा और निराश जरीन ने खुद उन्हें शांत किया। रेड्डी ने बाद में पत्रकारों से कहा, ‘‘इस तरह की राजनीति में मुक्केबाजी आगे कैसे बढ़ेगी। ’’
अजय सिंह ने कहा, ‘‘मेरीकाम के बारे में कोई क्या कह सकता है, यह हमेशा ही कम होगा। वह प्रतिशाशाली मुक्केबाज हैं। जहां तक निकहत की बात है तो वह भविष्य के लिये अच्छी उम्मीद है और उन्होंने इस मुकाबले में भी प्रभावित किया। ’’
अन्य नतीजों में दो बार की विश्व रजत पदक विजेता सोनिया लाठेर (57 किग्रा) को साक्षी चौधरी ने शिकस्त दी। एशियाई पदकधारी लाठेर चौधरी के तेज तर्रार आक्रमण के सामने नहीं टिक सकीं।
वहीं 60 किग्रा वर्ग में पूर्व विश्व चैम्पियन एल सरिता देवी राष्ट्रीय चैम्पियन सिमरनजीत कौर से पराजित हो गयीं। इस मुकाबले में भी चपलता अहम रही जिससे सिमरनजीत ने सरिता को तेज मुक्कों से पस्त किया।
विश्व चैम्पियनशिप में दो बार की कांस्य पदकधारी लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा) ने ललीता को हराकर टीम में जगह बनायी। एशियाई खेलों की पूर्व कांस्य पदक विजेता पूजा रानी ने नुपुर को हराकर 75 किग्रा वर्ग का स्थान हासिल किया।
भारतीय टीम इस प्रकार है :
एमसी मेरीकाम (51 किग्रा), साक्षी चौधरी (57 किग्रा), सिमरनजीत कौर (60 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा) और पूजा रानी (75 किग्रा)।
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