नयी दिल्ली, 10 जून । पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल के कार्यकर्ताओं में जारी हिंसक झडपों के बीच राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उन्हें राज्य की स्थिति के बारे में जानकारी दी।
श्री त्रिपाठी की इस मुलाकात को राजनीतिक गलियारों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के महासचिव एवं पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि वहां हालत काबू में नही है और केंद्र सरकार वहां की स्थिति के अध्ययन के लिए एक समिति भेजे।
गौरतलब है कि भाजपा ने सोमवार को राज्य में काला दिवस और बंद का आह्वान किया है। केंद्र सरकार ने कल राज्य सरकार को परामर्श जारी किया था और भाजपा ने संकेत दिया है कि वहां राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग पर वह विचार भी कर सकती है।
श्री त्रिपाठी ने कहा “ मैंने श्री मोदी से शिष्टाचार मुलाकात के लिए समय माँगा था। शपथ ग्रहण समारोह के दिन मैं श्री मोदी से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उनको बधाई नही दी पाया था। आज प्रधनमंत्री ने समय दिया तो उनसे मिलने आया।”
उन्होंने श्री मोदी को राज्य में कानून एवं व्यवस्था की हालत की जानकारी दी। वह गृह मंत्री श्री शाह से भी मिले और उन्हें भी सारी वस्तु स्थिति से अवगत कराया।
सत्रहवीं लोकसभा चुनाव के दौरान तृणमूल और भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच अनेक झड़पें हुई और चुनाव के बाद भी दोनों में हिंसक संघर्ष जारी रहा जिसमें पिछले दिनों चार लोग मारे गये थे। इस घटना से राज्य में तनाव उत्पन्न हो गया है और स्थिति विस्फोटक होती जा रही है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पश्चिम बंगाल में पांच पार्टी कार्यकर्ताओं की हत्या के बाद आज मांग की कि केन्द्र सरकार राज्य के हालात के अध्ययन के लिए केन्द्रीय दल भेजे तथा राष्ट्रपति शासन लगाने के बारे में विचार करे।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद भाजपा में इस राज्य के प्रभारी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ये संकेत दिये।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वैचारिक रूप से हम इस बात के पक्षधर हैं कि चुनी हुई सरकार को अपना कार्यकाल पूरा करने देना चाहिए। राज्य के लोगों के जानमाल की सुरक्षा राज्य सरकार की जिम्मेदारी होती है पर जिस तरह से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कसम खाकर विरोधियों को मिटा देने की बात कह रहीं हैं, चाहे अराजकता ही फैल जाये। तब फिर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के बारे में सोचा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को पश्चिम बंगाल के हालात के अध्ययन के लिए केन्द्रीय दल को भेजना चाहिए। वहां के हालात बेहद खराब हो चुके हैं, चुनाव बीत चुके हैं लेकिन राजनीतिक हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है और मुख्यमंत्री द्वारा बेहद आपत्तिजनक एवं भड़काऊ बयान दिये जा रहे हैं।
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच लगातार बढ़ रहे संघर्ष के बीच भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं की मौत के विरोध में सोमवार को उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट उप मंडल में 12 घंटे का बंद रखा जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। बंद के दौरान दुकानें बंद रहीं। सड़कें वीरान नजर आईं और बंद समर्थकों ने रेल पटरी पर एकत्र होकर सियालदाह को जोड़ने वाली रेल सेवाओं को रोका।
ममता का आरोप ,तृणमूल की सरकार गिराने की साजिश
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) पर राज्य में हिंसा फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी सरकार को गिराने की साजिश की जा रही है।
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