नयी दिल्ली 28 मई । पश्चिम बंगाल से तृणमूल कांग्रेस के दो और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के एक विधायक और 50 से अधिक नगर निगम के पार्षद भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये ।
पश्चिम बंगाल के बीजपुर से तृणमूल कांग्रेस के विधायक शुभ्रांशु राय और विष्णुपुर से तुषारकांति भट्टाचार्य तथा हेमताबाद से मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के विधायक देवेन्द्र नाथ राय ने यहां भाजपा मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ली । इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस के कई पार्षदों ने भी भाजपा में शामिल हो गये । श्री शुभ्राशु राय श्री मुकुल राय के पुत्र हैं जो तृणमूल छोड़कर पहले ही भाजपा में शामिल हो गये थे ।
इस अवसर पर भाजपा के पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलास विजयवर्गीय तथा मीडिया प्रभारी अनिल बलुनी भी उपस्थित थे ।
लोकसभा चुनाव में राज्य में भाजपा को मिली भारी जीत से राजनीति दलों में अफरा तफरी मची हुयी है ।
पश्चिम बंगाल के तीन विधायकों जिनमें भाजपा नेता मुकुल रॉय के पुत्र शुभ्रांशु रॉय और 50 से अधिक नगर निगम के पार्षद शामिल हैं, उनमें से अधिकतर तृणमूल कांग्रेस से मंगलवार को भाजपा में शामिल हो गए ।
एक संवाददाता सम्मेलन में भाजपा में शामिल होने वाले विधायकों में टीएमसी के तुषारकांति भट्टाचार्य और माकपा के देवेंद्रनाथ रॉय के अलावा आम चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी से ‘ पार्टी विरोधी ‘ गतिविधियों के लिए निलंबित किए गए रॉय भी शामिल हैं, ने पत्रकारों को यह जानकारी दी ।
भारतीय जनता पार्टी के महासचिव और राज्य मामलों के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय और मुकुल रॉय ने संवाददाताओं को बताया कि टीएमसी से ज्यादा विधायक जो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में हैं, वे आने वाले दिनों में भाजपामें शामिल होंगे ।
एक समय बनर्जी के विश्वासपात्र और 2017 में भाजपा में शामिल होने से पहले मुकुल रॉय ने भी अपने उन दावों पर मुख्यमंत्री का मज़ाक उड़ाया कि वे आम चुनावों में अपनी पार्टी की अपेक्षा से कम प्रदर्शन के बाद इस्तीफा देना चाहती हैं, यह ‘ नाटक ‘ था ।
“वह हर कीमत पर अपनी कुर्सी से चिपकी रहेंगी जब तक लोग उसे हटाने का फैसला नहीं ले लेंगे ,” उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में, जो 2021 मेें होोने वाले हैं , ममता बनर्जी की पार्टी को विपक्षी पार्टी का दर्जा प्राप्त करने के लिए भी संघर्ष करना पड़ेगा।
टीएमसी ने 2016 में विधानसभा की 294 सीटों में से 211 पर जीत दर्ज की थी । भाजपा को केवल तीन सीटें मिली थीं, लेकिन उसके बाद से वह प्रमुख चुनौती के रूप में उभरा है । एक पार्टी को आधिकारिक तौर पर मुख्य विपक्षी पार्टी के रूप में मान्यता देने के लिए कम से 10 प्रतिशत सीटें जीतने की जरूरत है ।
राय ने कहा कि,’ भाजपा में शामिल होने के लिए लोग टीएमसी छोड़कर भाग रहे हैं ।आने वाले हफ्तों में कई और जुड़ जाएंगे ।
50 से अधिक पार्षदों के भाजपा में शामिल होने से पार्टी को कम से तीन नगर पालिका परिषदों में बहुमत मिला है ।
विजयवर्गीय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने प्रचार के दौरान एक भाषण में कहा था कि ४० टीएमसी विधायक भाजपा के संपर्क में हैं और कई क्षेत्रीय पार्टी के नेता बनर्जी के ‘ तानाशाही ‘ कामकाज के कारण घुटन महसूस कर रहे हैं ।
उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि उनकी सरकार 2021 तक जारी रहे, लेकिन अगर यह उनके कामकाज की वजह से चली जाती है तो हम इसकी मदद नहीं कर सकते ।
मुकुल रॉय ने टीएमसी के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि भाजपा अपने नेताओं को बहला-फुसलाकर खरीद-फरोख्त की प्रैक्टिस कर रही है ।
कांग्रेस सहित अन्य दलों के कई विधायक ‘ खरीद-फरोख्त ‘ के कारण टीएमसी में शामिल हो गए, उन्होंने इसका मुकाबला किया ।
मुकुल रॉय को टीएमसी नेताओं के दल-बदल करके भाजपा में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते देखा जा रहा है और राजनीतिक जानकारों का मानना है कि वह राज्य में पार्टी के अब तक के सर्वश्रेष्ठ लोक सभा चुनाव परिणामों के प्रमुख सूत्रधार में से एक हैं, जहां 2011 से बनर्जी सत्ता में हैं ।
चुनाव में टीएमसी की अंकतालिका 34 से 22 सीटों पर सिमट गई, जबकि भाजपा को दो से 18 पर बढ़त मिली ।
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