कोलकाता, 25 मई । तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का प्रस्ताव यह कहते हुए रखा कि आदर्श आचार संहिता का अवरोध होने के कारण वह अपने दायित्व पूरे नहीं कर सकी लेकिन पार्टी ने उसे खारिज कर दिया।
सुश्री बनर्जी ने यहां मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने अपने इस्तीफे का प्रस्ताव रखा लेकिन पार्टी ने उसे स्वीकार नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हाल के चुनावों में सांप्रदायिक कार्ड खेला और चुनाव जीतने के लिए इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में प्रोग्रामिंग की।
उन्होंने कहा, “ चुनाव आयोग ने पांच महीने के लिए राज्य का प्रशासन अपने हाथ में ले लिया। हम काम नहीं कर सके। हमें पहले कभी ऐसी स्थिति से सामना नहीं करना पड़ा। हमने सीटें खो दी और हमारा मत प्रतिशत हालांकि बढ़ा है। भाजपा ने सांप्रदायिक कार्ड का इस्तेमाल किया और चुनाव जीता। हम ऐसा कार्ड नहीं खेलते, जिससे सीटें खोयीं। बहरहाल विजेता विजेता होता है। मैं मोदी को बधाई देती हूं, क्योंकि उनकी सभी भविष्यवाणियां सही साबित हुईं।”
उन्होंने कहा,“ केंद्रीय बलों ने विपरीत काम किया। आपातकाल जैसी स्थिति निर्मित की गयी। हिन्दू-मुस्लिमों को विभाजित किया गया और वोट भी विभाजित हुए। हमने चुनाव आयोग से शिकायत की, लेकिन इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया।”
भाजपा पर लोकसभा चुनाव में बेतहाशा धन खर्च करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, “यह एक घोटाला है। उन्होंने पैसे बांटने में सरकारी अधिकारियों का उपयोग किया। बिना किसी परेशानी के पैसों का यहां लाना सुनिश्चित करने के लिए हवाई अड्डे से पुलिस अधिकारियों को हटा दिया गया।”
तृणमूल कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग, मीडिया, न्यायपालिका और केंद्रीय बल भाजपा के नियंत्रण में हैं।
उन्होंने कहा, “ ईवीएम में ‘प्रोग्रामिंग’ की गयी। ये कैसे हो सकता है कि भाजपा गुजरात, राजस्थान में सभी सीटें जीत जाए… कांग्रेस को मध्य प्रदेश में केवल एक सीट मिले। कांग्रेस कुछ नहीं कह सकती, लेकिन मैं बोल सकती हूं। भाजपा लोगों को प्रताड़ित कर रही है। मैं सभी राजनीतिक दलों से इन सबके विरोध में खड़े हाेने का अनुरोध करुंगी।”
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