नयी दिल्ली/कोलकाता , एक जुलाई । सीबीआई पश्चिम बंगाल में 22 स्थानों पर छापेमारी कर रही है जो न्यू लैंड एग्रो इंडस्ट्रीज के निदेशक एवं प्रमोटरों के परिसर हैं। न्यू लैंड एग्रो इंडस्ट्रीज पोंजी घोटाला मामले में आरोपित कंपनियों में से एक है। यह जानकारी सोमवार को अधिकारियों ने दी।
अधिकारियों ने बताया कि कंपनी के खिलाफ उच्चतम न्यायालय के आदेशों पर मई 2017 में मामला दर्ज किया गया था।
अधिकारियों ने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने एजेंसी को पोंजी घोटाले में कथित रूप से शामिल सभी कंपनियों की जांच करने का निर्देश दिया था जिसकी जांच पश्चिम बंगाल की एक विशेष जांच टीम कर रही है।
शिकायत में यह आरोप लगाया गया कि 250 से अधिक एजेंटों ने उनसे एजेंसी के प्रमोटर और निदेशकों द्वारा आकर्षक वापसी का वादा करके धोखा किया गया था। इन एजेंटों में से प्रत्येक ने करीब एक करोड़ रुपये जमा किये थे।
यह आरोप लगाया गया कि निवेशकों को परिपक्व राशि का भुगतान नहीं किया गया।
चिटफंड कंपनियों के खिलाफ सीबीआई ने एक बार फिर अपनी जांच और छापेमारी तेज कर दी । इसी कड़ी में सोमवार को 50 से 60 की संख्या में सीबीआई अधिकारियों ने अलग-अलग टीम में बंटकर पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के अलावा दुर्गापुर, आसनसोल, आरामबाग आदि क्षेत्रों में 22 ठिकानों पर छापेमारी की। बताया गया है कि न्यूलैंड एग्रो लिमिटेड नाम की एक चिटफंड कंपनी के दफ्तर और अधिकारियों के घरों पर छापेमारी हुई ।
जांच एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि न्यूलैंड एग्रो लिमिटेड नाम की चिटफंड कंपनी ने सेबी के नियमों को दरकिनार कर राजधानी कोलकाता के अलावा आसनसोल, दुर्गापुर, आरामबाग और बर्दवान जिले में अपना व्यापक कारोबार किया था।
बाजार नियामक संस्था सेबी के नियमों को दरकिनार कर इस चिटफंड कंपनी ने भारी रिटर्न के नाम पर बाजार से करोड़ों रुपये उठाए थे और बाद में निवेशकों की मूल धनराशि भी वापस देने के बजाय कंपनी के निदेशकों ने चिटफंड के दफ्तरों पर ताला लगा दिया था और फरार हो गए थे।
सेबी द्वारा दी गई रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई ने इसकी जांच शुरू की थी। सोमवार सुबह करीब 60 की संख्या में सीबीआई अधिकारी सॉल्ट लेक के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित जांच एजेंसी के पूर्वी क्षेत्रीय मुख्यालय से निकले थे और कोलकाता के अलावा अन्य क्षेत्रों में छापेमारी के लिए रवाना हो गए। महानगर के बउबाजार इलाके में स्थित चिटफंड कंपनी के दफ्तर में छापेमारी की गई।
जांच एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए, जिसमें निवेशकों की सूची भी शामिल है। किससे कितने रुपये लिए गए इसकी भी एक सूची मिली है। इसके अलावा चिटफंड के जरिए उठाए गए रुपये को कहां खर्च किया गया, इसकी जांच के लिए निवेशकों से पूछताछ की भी कोशिश की गई। हालांकि सीबीआई के पहुंचने पर अधिकतर अधिकारी नदारद रहे।
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