कोलकाता 29 मार्च । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को उत्तरी 24 परगना जिले में स्थित निमता रेजिडेंस में पिछले माह कथित तौर पर तृणमूल समर्थकों के हमले में 84 वर्षीय शोभा मजुमदार के निधन पर शोक व्यक्त किया।
तृणमूल समर्थकों पर श्रीमती मजुमदार और उनके बेटे की बेरहमी से पिटाई करने का आरोप है। श्री शाह ने ट्वीट कर कहा, “बंगाल की बेटी शोभा मजुमदार जी के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ जिन्हें तृणमूल के गुंडों ने बेरहमी से पीटा था।”
एक महीने तक चेहरा समेत विभिन्न हिस्सों पर अपनी जख्मों से लड़ने के बाद श्रीमती मजुमदारने सोमवार को तड़के निमता थाना क्षेत्र के पटना-ठाकुरतला निवास में अंतिम सांस ली।
उत्तरी दमदम विधानसभा क्षेत्र के वार्ड नंबर छह की निवासी श्री मजुमदार 27 फरवरी को अपने पुत्र और भाजपा कार्यकर्ता गोपाल मजुमदार को बचाने का प्रयास कर रही थीं, तो उसी दौरान युवकों के एक गिरोह ने उनपर भी हमला कर दिया था।
श्री गोपाल जन्म से ही दिव्यांग है। हमलावर किसी तरह घर में घुसने में कामयाब रहे और मां-बेटे को मारकर बुरीतरह घायल कर दिया था। श्रीमती मजुमदार को चार-पांच दिनों तक अस्पताल में ही भर्ती रहना पड़ा। बाद में उन्हें निमता स्थित निवास पर ही उनका इलाज किया जा रहा था, जहां आज सुबह उन्होंने आखिरी सांस ली।
इस हमले के दौरान श्रीमती मजुमदार का चेहरा बुरीतरह क्षतिग्रस्त हो गया था। उनके उपर बनाये गया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसकी तीखी आलोचना की गयी।
केंद्रीय गृह मंत्री ने ट्वीट किया,“उनके परिवार का दर्द और घाव लंबे समय तक ममता दीदी (मुख्यमंत्री एवं तृणमूल प्रमुख) को परेशान करेगा। बंगाल हिंसा मुक्त राज्य के लिए लड़ेगा, तथा बंगाल हमारी बहनों और माताओं के लिए एक सुरक्षित राज्य की लड़ाई लड़ेगा।”
भाजपा समर्थकों ने निमता पुलिस थाने पर धरना दिया और एम बी रोड पर टायर जला कर विरोध प्रदर्शन किया है।
हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि उनके कार्यकर्ता किसी हमले में शामिल नहीं रहे हैं और महिला की मौत उम्र संबंधी बीमारियों के कारण हुई है।
केंद्रीय मंत्री देबाश्री चौधरी ने कहा कि शोभा मजुमदार 27 फरवरी को तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हमले में घायल हो गयी थी और और इस वजह से उनकी मौत हो गयी ।
वहीं दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस सांसद सौगत राय ने इन आरोपों को खारिज करते हुये कहा कि इस घटना का राजनीति से कोई संबंध नहीं है और भारतीय जनता पार्टी इस मौत का अनावश्यक रूप से फायदा उठाना चाहती है।
बुजुर्ग महिला की मौत को लेकर पर ममता का शाह से सवाल, ‘हाथरस मामले पर चुप क्यों रहे’
नंदीग्राम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में ‘भाजपा कार्यकर्ता की मां’ की मौत को लेकर उत्पन्न आक्रोश के बीच सोमवार को कहा कि वह महिलाओं के खिलाफ हिंसा का समर्थन नहीं करतीं और उन्हें मौत की असली वजह नहीं पता।
बनर्जी ने पूछा कि जब भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में महिला को ‘उत्पीड़न कर जान से मार दिया गया’, तब केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह क्यों चुप थे।
भाजपा का दावा है कि पिछले महीने पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के निमता इलाके में तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने भगवा पार्टी कार्यकर्ता की 82 वर्षीय बुजुर्ग मां पर हमला किया था और चोट के चलते उनकी मौत हो गई।
बनर्जी ने नंदीग्राम में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं नहीं जानती की बहन की मौत कैसे हुई। हम महिलाओं के खिलाफ हिंसा का समर्थन नहीं करते। मैंने अपनी बहनों और माताओं के खिलाफ हिंसा का समर्थन नहीं किया है। ‘
उन्होंने कहा, ‘लेकिन भाजपा अब इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है। अमित शाह ट्वीट कर रहे हैं कि बंगाल का क्या हाल है। उत्तर प्रदेश के हाथरस में जब महिला पर हमला किया गया और बर्बरता दिखाई गई तब वह क्यों चुप रहे?’
बनर्जी ने कहा कि फिलहाल राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू है, लिहाजा कानून-व्यवस्था चुनाव आयोग के हाथ में हैं।
उन्होंने कहा, ‘बीते कुछ दिन में तृणमूल कांग्रेस के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या की गई है।’