कोलकाता, 04 मार्च । पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के समीप आने के साथ ही सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और उसकी प्रमुख प्रतिद्वंदी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच सियासी घमासान तेज हो गया है।
राज्य विधानसभा चुनावों के लिए दोनों पार्टियां कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। भाजपा और सत्तारूढ़ तृणमूल के बीच ज्यादा से ज्यादा पोस्टर लगाने की होड़ मची हुई है।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों से ही भाजपा सुश्री बनर्जी के करिश्मे को चुनौती देते हुए सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ मजबूती से सामने आने के प्रयास में जुटी है।
बंगाल में अभी तक भाजपा कभी भी सत्ता में नहीं आयी है लेकिन वर्ष 2019 में लोक सभा चुनावों में पार्टी ने 42 सीटों में से 18 सीटों पर जीत हासिल कर अपना दखखम दिखा दिया था। भगवा पार्टी का वोट प्रतिशत वर्ष 2016 के 10.16 से बढ़कर 40.64 फीसदी तक हो गया।
वर्ष 2019 के परिणाम से भाजपा के नेताओं का मनोबल बढ़ा है। भाजपा दावा है कि पार्टी विधानसभा चुनावों में राजनीतिक रूप से ध्रुवीकृत राज्य में ‘दीदी’ के दशक लंबे शासन का खात्मा कर देगी।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि आगामी चुनावी जंग में सुश्री बनर्जी के अस्तित्व की लड़ाई होगी क्योंकि भगवा खेमे की बंगाल के चुनावी क्षेत्र में मतों की हिस्सेदारी 40 फीसदी तक पहुंच गयी है जो सत्ताधारी पार्टी से मात्र तीन फीसदी पीछे है। बंगाल में जीत भाजपा के लिए सर्वाधिक सुखद होगी।
राज्य में हालांकि वाम मोर्चा और कांग्रेस ने एक गठबंधन बनाया है, लेकिन इन चुनावों में तृणमूल और भाजपा के बीच ही कड़ी टक्कर होने के आसार दिखाई दे रहे हैं।
वाम मोर्चा, कांग्रेस, आईएसएफ में गठबंधन के आसार
इधर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नीत वाम मोर्चा, कांग्रेस और नवगठित इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) में चुनावी गठबंधन होने के आसार बढ़ गये हैं तथा इसके साथ ही पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच वोटों का ध्रुवीकरण बढ़ने के भी संकेत हैं।
चुनावी पर्यवेक्षकों का कहना है कि जल्द ही संयुक्त मोर्चा के गठन की उम्मीद है और इसे जल्द ही अस्तित्व में देखा जा सकता है क्योंकि माकपा के नेतृत्व वाले वाम दल कांग्रेस और अब्बास सिद्दीकी के बीच 294 सीटों के लिए सीट बंटवारे के फॉर्मूले पर आईएसएफ का नेतृत्व कर रहे थे। पश्चिम बंगाल विधानसभा का आठ चरणों का मतदान 27 मार्च से शुरू होगा।
शिव सेना ममता के समर्थन में बंगाल में नहीं लड़ेेगी चुनाव:राउत
मुंबई, में शिवसेना सांसद और मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के समर्थन में शिव सेना पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेगी।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में ‘ममता बनर्जी बनाम अन्य’ की चुनावी लड़ाई में शिव सेना चुनाव नहीं लड़ेगी लेकिन सुश्री बनर्जी के सहयोग में उनके साथ खड़ी रहेगी।