उज्जैन 23 अप्रैल ।पुलिस महानिरीक्षक उज्जैन श्री राकेश गुप्ता ,पुलिस उप महानिरीक्षक उज्जैन श्री अनील शर्मा एवं पुलिस अधीक्षक श्री सचिन अतुलकर द्वारा उ.प्र.की महिला पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या के प्रयास का खुलासा किया गया ।
थाना चिमनगंज उज्जैन के अप.क्र/373/19 धारा 307,458,324,34 भादवि के अपराध का खुलासा किया गया जिसमें 4 आरोपी हिरासत में और इंस्पेक्टर का पति और ससुर फरार हैं ।
घटना अनुसार दि.3/4/19 की रात 2-3 बजे घटना को अंजाम दिया गया । उत्तर प्रदेश की महिला पुलिस इंस्पेक्टर सीता सिंह व उनकी बहन के ऊपर जानलेवा हमला करने आए तीन हमलावर गजेंद्र, करणवीर, चंद्रशेखर गिरफ्तार, इंस्पेक्टर सीता सिंह का ससुर यादकरण हमले का मास्टरमाइंड है तथा साजिश में पति अनुज ननंद नीतू भी शामिल है । ननंद नीतू को भी गिरफ्तार कर लिया गया हैं जबकि ससुर यादकरण तथा पति अनुज फरार है इनकी पुलिस टीम द्वारा तलाश की जा रही है ।
घटना में पुलिस अधीक्षक द्वारा अलग -अलग टीमों का गठन कर मॉनिटरिंग की गई तथा दिशा निर्देश दिए गए ।
घटनाक्रम इस प्रकार हैं:
देवदर्शन के लिये करीब 20 दिन पहले उज्जैन आईं उत्तर प्रदेश पुलिस में दरोगा सीता सिंह और उनकी बहन नीता सिंह पर पर हुए जानलेवा हमले के बहुचर्चित मामले का पुलिस ने पर्दाफाश कििया है।
पुलिस ने अपने तरह के इस अनूठे मामले में उन तीन हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया है जो सीसीटीवी फुटेज में नजर आ रहे थे।
गौर करने की बात ये है इन तीनों हमलावरों को उत्तर प्रदेश से ही हायर कर इंस्पेक्टर सीता सिंह और उसकी बहन नीता सिंह की हत्या करने की साजिश रची गई थी।
इसमे खास बात यह है कि इंसपेक्टर सीता सिंह और उसकी बहन नीता सिंह की हत्या की साजिश रचने वाला कोई और नहीं बल्कि इंस्पेक्टर का पति अनुज सिंह जो सीआईएसएफ में एसएसआई है वो और ससुर यादकरण सिंह थे। जिन्होंने इन्स्पेक्टर सीता सिंह की हत्या की साजिश रची थी और हमलावरों को उन्हीं के साथ उसी ट्रेन से उत्तर प्रदेश से उज्जैन भेजा था जिस ट्रेन से इंस्पेक्टर सीता सिंह अपने पति और बहन नीता और उसके पति के साथ उज्जैन आई थी।
मंगलवार को पुलिस महानिरीक्षक उज्जैन राकेश गुप्ता ने डीआईजी अविनाश शर्मा,एसपी सचिन अतुलकर, एडिशनल एसपी नीरज पांडेय और प्रमोद सोनकर की उपस्थिति में प्रेस कांफ्रेंस लेकर इस बहुचर्चित जानलेवा हमले का खुलासा किया।
दरअसल घटना 3 अप्रैल की है। उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद के नोएडा में इंस्पेक्टर सीता सिंह अपने पति सीआईएसएफ में एएसआई अनुज सिंह, अपनी बहन नीता सिंह और उसके पति के साथ 31 मार्च को उज्जैन देवदर्शन के लिए आई थी। वे यहाँ तिरुपति धाम कालोनी में अपने परिचित वैभव मिश्रा के घर रुके थे।
घटना वाले दिन 3 अप्रैल को रात में तीन बदमाशों ने सीता सिंह और उसकी बहन नीता सिंह पर उस समय जानलेवा हमला कर दिया था जब वे वैभव मिश्रा के घर सोई हुई थी।
वारदात के बाद से ही पुलिस को सीता सिंह के पति अनुज सिंह पर शक था क्योंकि पुलिस के सामने ये सवाल शुरू से था कि जिस कमरे में सीता और नीता सोई हुई थीं उसका दरवाजा किसने खोला। हालांकि घर के बाहर लगे सीसीटीवी से बात साफ जाहिर हो रही थी कि तीन बदमाश घर के अंदर गए और हमला करने के बाद बाहर निकले।
आईजी राकेश गुप्ता के मुताबिक पुलिस को इस बात का शुरू से शक था कि हमलावर स्थानीय न होकर बाहरी हैं। इसलिए पुलिस ने सीता सिंह सहित उसके पति बहन नीता और उसके पति उनके परिचित वैभव मिश्रा के मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली तो पता सीता के पति अनुज सिंह पर शक और गहराया क्योंकि वो लगातार उत्तर प्रदेश के अन्य लोगों से मोबाईल पे संपर्क में था। जांच मे पुलिस को पता चला कि सीता सिंह अपनी बहन और पति के साथ जिस ट्रेन से उज्जैन आई थी उसी ट्रेन से तीनों हमलावर भी उज्जैन आये थे।
हत्या की साजिश का कारण सीता सिंह के नाम एक करोड़ का बीमा और पारिवारिक मतभेद सम्भव है।
पुलिस के मुताबिक हालांकि अभी ये पुख्ता नहीं है क्योंकि अभी सीता के पति और ससुर की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। क्योंकि दोनों सरकारी नौकरी में है लिहाजा उनकी गिरफ्तारी के लियर विभागीय तौर पर जानकारी भेजी गई है।
एसपी सचिन अतुलकर के मुताबिक हमलावर महाकाल क्षेत्र स्थित एक होटल में रुके थे। रात में जिस रोज घटना हुई उसी रात पुलिस ने अलर्ट जारी कर दिया और शहर से बाहर जा रहे हर किसी का नाम पता और अन्य डिटेल इकट्ठा की गई थी इसी जानकारी माधवनगर चेक पाइंट से गुजरे कुछ लोगों के नाम पता मिले थे जिनकी पड़ताल की गई तो पता चला कि उनकी इस जानलेवा हमले में संलिप्तता है। लिहाजा हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो इस वारदात का सच सामने आ गया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में गजेंद्र चौहान अमरोहा उप्र, करण वीर सिंह अमरोहा और चंद्रशेखर खड़गवंशी हैं जबकि चौथी आरोपी सीता सिंह की ननद अनुराधा उर्फ नीतू हैं।
आरोपियों को गिरफ्तार करने और इस बहुचर्चित मामले के खुलासे में टीआई चिमनगंज मनीष मिश्रा, टीआई महाकाल अरविंद सिंह तोमर, सब इंस्पेक्टर प्रीति सिंह,एएसआई एसएस अलावा,प्रधान आरक्षक मानसिंह, प्रवीण सिंह,राहुल कुशवाह, प्रेम सभरवाल,कुलदीप, सोमेंद्र दुबे, राहुल पंवार,जितेंद्र पाटीदार, महेश जाट,सुनील बघेल,राजपाल चंदेल, क्राइम ब्रांच के कमल सिंह ठाकुर,मंगल,रूपेश, अंकित, कपिल,बलराम, सहित जितेंद्र सिंह चौहान,शैलेष योगी,श्यामबरन, हरेंद्र, राजेश कुमार, विनोद ठाकुर,अरुण ओझा, राकेश यादव की सराहनीय भूमिका रही। आईजी ने टीम को 30 हजार का इनाम घोषित किया है
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