लखनऊ,14 मार्च । उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के ट्रेनिंग कमाण्डर मोहम्मद राशिद को बस्ती से गिरफ्तार कर लिया।
एसटीएफ प्रवक्ता ने यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एसटीएफ को सूचना मिल रही थी कि पीएफआई के कुछ सदस्य आपराधिक षड़यन्त्र के तहत एक आंतकवादी गिरोह बनाकर निकट भविष्य में देश की एकता एवं अखण्डता को चुनौती देने एवं देष की सरकार के विरूद्ध युद्ध छेड़ने तथा समाजिक विद्वेष फैलाने के उद्देश्य से घातक हथियारों एवं शरीरिक प्रशिक्षण दिलाकर उत्तर प्रदेश के कई महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील स्थानों तथा प्रमुख हिन्दु संगठनों के बड़े पदाधिकारियों पर हमला करने की योजना बना रहे है तथा इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए भारत के विभिन्न राज्यों में अपने सदस्य बनाकर उन्हें प्रशिक्षित कर रहे है।
उन्होंने बताया कि इस सूचना को विकसित करने के लिये एसटीएफ की तकनिकी विषेशताओं के साथ-साथ संदिग्ध जिलो में मुखबिर सक्रिय किये गये।
मुखबिर से 11 मार्च को सूचना प्राप्त हुई कि ट्रेन द्वारा पीएफआई का ट्रेनिंग कमाण्डर सिद्धार्थनगर के शोहरतगढ़ इलाके के अतरी निवासी मोहम्मद राशिद बस्ती से मुम्बई जाने वाला है ।
लेकिन काफी प्रयास के बाद भी उसे लोकेट नहीं किया जा सका।
आज फिर सूचना प्राप्त हुई कि पीएफआई का ट्रेनिंग कमाण्डर मोहम्मद राशिद बस्ती में मौजूद है तथा देर रात लखनऊ के रास्ते मुम्बई भागने वाला है।वह आगामी मिटिंग/ट्रेनिंग सेश्न में भाग लेने वाला है।
इस सूचना पर गोरखपुर एसटीएफ की फील्ड इकाई और मुख्यालय लखनऊ की संयुक्त टीम ने ट्रेनिंग कमाण्डर मोहम्मद राशिद को बस्ती कोतवाली मुडघाट चौराहा के पास आज से गिरफ्तार कर लिया गया, जिसके कब्जे से फर्जी रुप से बनाया गया आधार कार्ड,एक मूल आधार कार्ड, बस प्रवास कार्ड (मुम्बई) रेलवे स्मार्ट कार्ड , आईसीआईसीआई बैक का डेबिट कार्ड, दो बण्डल देश विरोधी गतिविधियों से सम्बंधित अभिलेख और एक बण्डल ग्रेडिंग रिजल्ट प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवको का बरामद किया गया।
इसके अलावा ऊर्दू/हिन्दी में लिखे विभिन्न अभिलेख बरामद किए।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार पीएफआई के ट्रेनिंग कमाण्डर मोहम्मद राशिद ने पूछताछ पर बताया कि अपनी विचारधारा को फैलाने के लिये वर्ग विशेष के नवयुवको को जो शारीरिक रूप से मजबूत हो, का ब्रेन वास कर उनको विभिन्न हथियारों का प्रशिक्षण देकर देश के किसी कोने में घटना विशेष को अन्जाम देने के लिये तैयार करना इनका मुख्य उद्देश्य था।
गिरफ्तार मोहम्मद राशिद के विरूद्ध कोतवाली बस्ती में धारा 121ए ,420,467,468,471, 120बी भादवि के तहत मामला दर्ज कराया है।
अग्रिम विधिक कार्रवाई स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।
गौरतलब है कि इसके पहले एसटीएफ ने लखनऊ से भी पीएफआई के दो सदस्याें को गिरफ्तार कर बड़ी साजिश का पर्दाफाश किया था।
यूपी एसटीएफ आईजी अमिताभ यश मानते हैं कि राशिद को घेरने के लिए अगर एसटीएफ टीमें बेहद चौकन्नी नहीं होतीं तो वो अब भी साफ बच निकलता. गिरफ्तारी के बाद उसने माना कि वो यूपी से भागकर मुंबई जाना चाहता था।
राशिद अतरी, थाना शोहरतगढ़, जिला सिद्धार्थनगर, उत्तर प्रदेश का निवासी है।यूपी एसटीएफ राशिद की गिरफ्तारी को जहां देशहित में खुद की बड़ी कामयाबी मान रही है,वहीं दूसरी ओर हिंदुस्तान विरोधी गतिविधियों में शामिल पीएफआई के आका मोहम्मद राशिद की गिरफ्तारी को अपना बड़ा नुकसान मान रही है।
एसटीएफ के मुताबिक राशिद हाल-फिलहाल मौजूद हर हथियार चलाने का मास्टरमाइंड है. वो हथियारों की अत्याधुनिक तकनीक से भी बहुत अच्छी तरह से वाकिफ है।राशिद ने छोटी उम्र से ही हथियारों को चलाने, बनाने और निशानेबाजी में महारत हासिल कर ली थी।बाद में जब उसे लगा कि अब उसकी हथियारों के मामले में मास्टरी हो गई है तो वो नाम-काम-दाम कमाने के लिए देश-दुनिया में बदनाम पीएफआई से जुड़ गया।
बीते दिनों एसटीएफ ने दिल्ली स्थित पीएफआई के मुख्यालय पर भी छापेमारी की थी. हालांकि उस वक्त पुलिस को कुछ महत्वपूर्ण हाथ नहीं लगा था।
चाहता था पुलिस गोली चलाए
यूपी एसटीएफ के मुताबिक मोहम्मद राशिद की गिरफ्तारी के वक्त उसके कब्जे से कई सनसनीखेज दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं. आरोपी को रविवार दोपहर बाद करीब दो बजे बस्ती जिले के कोतवाली थाना इलाके के मुडघाट चौराहे के पास से गिरफ्तार किया गया।हालांकि एसटीएफ की पांच टीमें कई महीने से मोहम्मद राशिद का पीछा कर रही थीं. हर बार वो बच निकल जा रहा था।
एसटीएफ राशिद को बिना गोलीबारी के पकड़ना चाहती थी, जबकि राशिद जब-जब एसटीएफ की हद में आता वो पुलिस की तरफ से फायरिंग कर दिए जाने के हालात पैदा कर रहा था।यही वजह थी कि एसटीएफ को एक मोहम्मद राशिद को दबोचने के लिए महीनों का समय लग गया,आखिरकार वो जिंदा ही पकड़ा गया।
पुलिसिया शूटरों को मात देने में माहिर:
मोहम्मद राशिद को बिना किसी खून खराबे के ही जिंदा दबोचने वाली एसटीएफ टीम के एक शूटर के अनुसार, राशिद को इसमें भी महारथ हासिल है कि उसके सामने खड़े इंसान के हाथ में मौजूद हथियार की गोली, उसके बदन में पहुंच कर किस हद तक का असर कर सकती है।राशिद जानता है कि किस एंगल से चली गोली दुश्मन या खुद उसके बदन में कहां जाकर बैठेगी।राशिद हथियारों की जानकारी किस हद तक रखता है, इसका अंदाजा उसके हाथों में हथियार पकड़ने के स्टाइल से ही लग जाता है।
अपराधियों या फिर पुलिस के पास मौजूद शायद ही कोई हथियार होगा, जो राशिद को चलाना ना आता हो। राशिद भले ही उच्च शिक्षित ना हो, मगर वो जानता है कि किस कोण से चलाई गई गोली कहां जाकर फिट बैठेगी।हथियारों की इतनी गहरी जानकारी तो सरकारी शूटरों (पुलिस वालों) को भी शायद ही होती होगी। मोहम्मद राशिद की गिरफ्तारी में पुलिस एसटीएफ मुख्यालय लखनऊ और गोरखपुर जिला एसटीएफ टीम की हाथ प्रमुख बताया जाता है।
इसलिए सब कहते हैं ‘उस्ताद जी’
कहने को पीएफआई में कारिंदों की कमी नहीं है. मगर मोहम्मद राशिद हथियारों में महारथ हासिल होने के चलते इस तमाम भीड़ से अलग अहमियत रखता है. मोहम्मद राशिद के इसी हुनर के चलते पीएफआई के गुटों में उसे ‘उस्ताद’ के नाम से सब जानते हैं. गैंग में उसके असली नाम से कम ही लोग परिचित हैं. अमूमन पीएफआई के गुर्गों को निशानेबाजी और हथियार चलाने का प्रशिक्षण देने के दौरान खुद की असली पहचान खोलना भी नहीं चाहता।
ऐसा वो खुद की सुरक्षा के लिए करता था, जिससे ऐसा ना हो कि कहीं कोई नया ट्रेनी शूटर उसके असली नाम पते के बारे में जाकर पुलिस को मुखबिरी कर दे. लिहाजा ऐसे में देश भर के पीएफआई के नौसिखिये शूटरों में मोहम्मद राशिद उस्ताद जी के नाम से ही चर्चित है।
एसटीएफ के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने पहचान उजागर ना करने की शर्त पर बताया कि शातिर दिमाग शार्प शूटर मोहम्मद राशिद को हमारी टीमें 11 मार्च 2021 को ही दबोच लेतीं, लेकिन किसी तरह से भनक लग गई और वो साफ बच निकला।
एसटीएफ आईजी अमिताभ यश मानते हैं कि राशिद को घेरने के लिए अगर एसटीएफ टीमें बेहद चौकन्नी नहीं होतीं तो वो अब भी साफ बच निकलता. गिरफ्तारी के बाद उसने माना कि वो यूपी से भागकर मुंबई जाना चाहता था. इसके लिए उसने वाया लखनऊ जाने के रास्ते भी निर्धारण कर लिया था. मुंबई में वो इस बदनाम संगठन के एक विशेष हथियार ट्रेनिंग सेशन (सत्र) में हिस्सा लेने जाना चाहता था।
एसटीएफ के मुताबिक गिरफ्तार राशिद युवाओं को बहलाने फुसलाने में भी माहिर है. एक बार कोई युवा उसके पास पहुंच जाए तो वो उसको अचूक निशानेबाज बनाए बिना नहीं छोड़ता है. वो भारत के खिलाफ वर्ग विशेष के युवाओं के दिमाग में जहर घोलने में भी माहिर है. उसके बात करने की शैली इतनी ज्यादा प्रभावशाली है कि जिसके चंगुल में कोई भी तुरंत फंस कर रह जाए.
आरोपी के कब्जे से नकली और असली आधार कार्ड, सीडी, पैन कार्ड, मुंबई का बस-पास, रेलवे का स्मार्ट कार्ड, बैंक डेबिट कार्ड, दो बंडल आपत्तिजनक दस्तावेज, एक बंडल ग्रेडिंग रिजल्ट, जिसमें मोहम्मद राशिद द्वारा प्रशिक्षत गैंग के नये शार्प शूटरों की काबिलियत दर्ज है, उर्दू-हिंदी में लिखे अन्य कई दस्तावेज भी मिले हैं।