लखनऊ,17 फरवरी । उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) द्वारा लखनऊ से पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया(पीएफआई) के कमांडर समेत दो सदस्यों को गिरफ्तार करने के बाद प्रदेश में हाई अलर्ट करने के बाद कई स्थानों पर दविश दी जा रही है और मामले की जांच आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) को सौंप दी है।
राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक(कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बुधवार को बताया कि मंगलवार देर शाम एसटीएफ ने पीएफआई के कमांडर अन्सद बदरुद्दीन और हथियारों की ट्रेनिंग देने वाले फिरोज खान को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था। इनके कब्जे से भारी मात्रा में विस्फोटक,डेटोनेटर के साथ 16 डिवाइस, रिवाल्वर, कारतूस, 12 रेलवे टिकट,दो डीएम और चार एटीएम कार्ड भी मिले थे।
उन्होंने बताया कि पूछताछ पर दोनों ने कबूला था कि वह लोग बसंती पंचमी पर पूरे देश में एक साथ कई स्थानों पर आतंकी हमला करने के लिये आये थे। इन हमलों में कई हिन्दूवादी संगठनों के नेता भी निशाने पर थे। इनके अन्य साथियों की तलाश की जा रही है। उन्होंने बताया कि इनकी गिरफ्तारी के बाद उत्तर प्रदेश में अलर्ट कर दिया गया है।
श्री कुमार ने बताया कि दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में भी पीएफआई के सदस्यों का हाथ हो सकता है। इस बारे में भी पता किया जा रहा है। अभी सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है। इस बिन्दु पर वे लोग जांच कर रहे हैं। पीएफआई के सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद प्रदेश में हाई अलर्ट के बाद कानपुर समेत अन्य स्थानों पर ताबड़तोड़ दबिश दी जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि कुछ दिनों से सूचना मिल रही थी कि पीएफआई के कुछ सदस्य देश में शांति व्यवस्था बिगाड़ने के इरादे से आधुनिक हथियार व विस्फोटक जुटा चुके हैं। ये लोग देश के कई हिस्सों में हमला करने की साजिश रच रहे हैं। इनके निशाने पर मुख्य रूप से प्रदेश के 15 से 20 जिले थे और बसंत पंचमी के आसपास हिन्दूवादी संगठनों के कार्यक्रम होने थे। इन कार्यक्रमों में संगठनों के बड़े पदाधिकारियों को निशाना बनाना भी इनका मुख्य उद्देश्य था।
इस बीच एसटीएफ के अपर पुलिस महानिदेशक अमिताभ यश ने बताया कि पता चला था कि पीएफआई के मुख्य सदस्य 11 फरवरी को रेलमार्ग से यूपी के अंदर प्रवेश करने वाले हैं। तब भी अलर्ट हुआ था और कई टीमें लगी थी ,लेकिन उस समय उनके बारे में पता नहीं चल सका था। लेकिन एसटीएफ की टीम लगी रही थी।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में भी पीएफआई के सदस्यों का हाथ हो सकता है,इस बारे में भी पता किया जा रहा है। अभी सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है। इस बिन्दु पर वे दिल्ली पुलिस जांच कर रही हैं।
गौरतलब है कि प्रदेश के कई हिस्सों में सीएए आन्दोलन के दौरान हिंसा भडकाने के आरोप में मेरठ, बिजनौर, शामली,लखनऊ और वाराणसी समेत अन्य स्थानों से पीएफआई के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था ।
पिछले दिनों हाथरस जाते समय मथुरा पुलिस ने भी पीएसफ आई के पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर ने के बाद हाल ही केरल से पीएफआई के सदस्य रऊफ को गिरफ्तार किया गया था। लखनऊ से गिरफ्तार किए गये सदस्यों के बारे में आगे की जांच एटीएस करेगी।
गिरफ्तारी के बाद कानपुर में हाई अलर्ट;
लखनऊ में कल देर शाम पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कमांडर समेत दो सक्रिय सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद कानपुर में हाई अलर्ट कर दिया गया है।
पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि जिले में पूर्व में हुए सीएए व एनआरसी के विरोध के दौरान भी पीएफआई का कनेक्शन सामने आया था। साथ ही सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता को पीएफआई ने जान से मारने की धमकी भी दी थी। इसे देखते हुए जिले की पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है। साथ ही खुफिया एजेंसियों को भी जिले के बस अड्डे, मंदिर, रेलवे स्टेशन, मॉल आदि भीड़भाड़ वाली जगहों पर पैनी नजर रखने के लिए लगा दिया गया है।