लखनऊ, 09 मार्च ।उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल ने (एसटीएफ) ने सेना का कैप्टन और पुलिस अधिकारी बनकर फौज में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करने के एक आरोपी को मंगलवार को वाराणसी कैण्ट इलाके से गिरफ्तार कर लिया।
एसटीएफ प्रवक्ता ने यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एसटीएफ को पिछले कुछ दिनों से वाराणसी एवं आस-पास के जिलों में आर्मी में भर्ती करानेे के नाम पर एक गिरोह के सक्रिय होने की इनपुट ‘मिलिट्री इन्टेलीजेन्स’ (एमआई) वाराणसी को प्राप्त हुआ था। इस सम्बन्ध में वाराणसी एसटीएफ फील्ड इकाई, वाराणसी को अभिसूचना संकलन एवं कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था। इस क्रम में वाराणसी एसटीएफ फील्ड इकाई ने अभिसूचना संकलन एवं छानबीन प्रारम्भ की।
अभिसूचना संकलन के दौरान ज्ञात हुआ कि राजवीर सिंह उर्फ आनन्द कुमार नाम का व्यक्ति है, जो अपने को आर्मी का फर्जी कैप्टन बताकर आर्मी में भर्ती कराने के नाम पर व आर्मी कैण्टीन में सामान निकलवाने का कार्य कर रहा है ।
एसटीएफ के सूत्रों ने यहां बताया, ‘‘खुद को सेना में कैप्टन बता कर लोगों को फौज में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने के आरोपी आनंद कुमार उर्फ राजवीर सिंह रघुवंशी को एसटीएफ ने वाराणसी के कैंट इलाके में गिरफ्तार किया।’’
उन्होंने बताया कि आनंद के पास से सेना की वर्दी, पांच मुहर, कैप्टन की वर्दी पहनकर खिंचवाई गई तस्वीर, पुलिस उपाधीक्षक के पद पर चयन की झूठी खबर की पेपर कटिंग तथा कुछ अन्य सामान बरामद किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार अभियुक्त से पूछताछ एवं खुफिया जानकारी से पता चला है कि आनंद वकालत की पढ़ाई करता है। उसने वर्ष 2008 में सेना में सिपाही की भर्ती के लिये प्रयास किया था, मगर वह सफल नहीं हुआ था। इसके बाद उसने बेरोजगार युवकों को सेना में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करने की साजिश रची।
उन्होंने बताया कि आनंद ने अपनी योजना के मुताबिक पहले सेना के कैप्टन की वर्दी बनवायी और अपने आस-पास के लोगों को विश्वास दिलाया कि वह फौज में कैप्टन है। इसके बाद उसने वाराणसी के भिटारी गांव के रहने वाले अमरनाथ यादव तथा कुछ अन्य अभ्यर्थियों को बहला-फुसलाकर नौकरी दिलाने का झांसा दिया और कुल सात लोगों से 14 लाख रुपए ठग लिए।
सूत्रों ने बताया कि आनंद ने सुधाकर वर्मा, रजनीश और दिव्या नामक अभ्यर्थियों से भी भर्ती के नाम पर 10 लाख रुपए लिए। इसके अलावा उस पर सेना की कैंटीन से डेढ़ लाख रुपए का सामान निकालने के नाम पर भी ठगी करने का आरोप लगा है।
सूत्रों के मुताबिक बाद में आनंद की पत्नी और आस-पास के लोगों को उसके फर्जी कैप्टन होने का संदेह होने लगा। इसी दौरान वर्ष-2020 में पीसीएस-2017 का परिणाम आया था, जिसमें वाराणसी के ही रहने वाले किसी आनंद कुमार की 62वीं रैंक आई थी और उसे पुलिस उपाधीक्षक के पद पर नियुक्ति मिली थी। इसकी जानकारी होने पर आनंद ने अपने नाम का फायदा उठाया और समाचार पत्र के कार्यालय में जाकर अपनी फोटो तथा पता देकर समाचार छपवाया कि उसकी पुलिस उपाधीक्षक के पद पर नियुक्ति हुई है। इसके बाद वह सेना का कैप्टन और पुलिस उपाधीक्षक बनकर ठगी करने का प्रयास करने लगा।
सूत्रों ने बताया कि आनंद ने अपनी शादी भी धोखे से ही की थी और इस सिलसिले में उसकी पत्नी ने ही उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है।
उन्होंने बताया कि आनंद के खिलाफ वाराणसी के कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।