बाराबंकी,16 जून । उत्तर प्रदेश में बाहुबली मुख्तार अंसारी एम्बुलेंस मामले में वांछित चल रहे 25 हजार रुपये के इनामी आरोपी आनंद यादव को आज पुलिस ने उस समय गिरफ्तार कर लिया जब वह अदालत में आत्मसमर्पण करने की फिराक में था
गौरतलब है कि फर्जी दस्तावेजों के सहारे वर्ष 2013 में एक एम्बुलेंस बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय से पंजीकृत कराई गई थी।इस एम्बुलेंस का प्रयोग मुख्तार अंसारी द्वारा किया जा रहा था।
पंजाब की रोपड जेल में बंद मुख्तार अंसारी द्वारा पेशी पर इसी एम्बुलेंस से मोहाली अदालत जाने के दौरान ये एम्बुलेंस चर्चा में आई थी।
बाराबंकी संभागीय परिवहन विभाग में जब इस एम्बुलेंस की पड़ताल शुरू की तो पता चला कि इसका नवीनीकरण ही नहीं कराया गया था।
कागजात खंगाले गए तो ये डॉ. अलका राय की फर्जी आईडी से पंजीकृत पाई गई ।
इस मामले में डॉ. अलका रॉय, डॉ. शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, मुजाहिद समेत कई के खिलाफ नगर कोतवाली में मुकदमा लिखाया गया था. बाद में छानबीन में मुख्तार की संलिप्तता पाए जाने पर मुकदमे में धाराएं बढ़ाते हुए उनका नाम भी बढ़ाया गया था इस मामले में पुलिस ने डॉ. अलका राय, शेषनाथ राय और राजनाथ यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
साथ ही इस मामले में वांछित चल रहे आनंद यादव, शाहिद और मुजाहिद की गिरफ्तारी के लिए इनाम घोषित किया था।जिसमें से आरोपी आनंद यादव को आज गिरफ्तार कर लिया गया।इस पर 25 हजार रुपये का इनाम था, बाकी दो इनामी अपराधियों की तलाश की जा रही है।
मुख्त्तार अंसारी के एंबुलेंस कनेक्शन का खुलासा, हथियारों का चल रहा था गोरखधंधा
उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में बंद विधायक मुख्तार अंसारी के साथ चलने वाली एम्बुलेंस के मामले में नया खुलासा हुआ है। उस एम्बुलेंस में हथियार भी ले जाए जाते थे।
हिंदुस्तान के मुताबिक,इस बात की पुष्टि पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने की है। उन्होंने बताया कि फर्जी एड्रेस पर रजिस्टर्ड एम्बुलेंस के मामले में फरार अभियुक्तों के अलावा कई अन्य नाम जांच के दौरान प्रकाश में आए हैं। यह भी सामने आया है कि एम्बुलेंस से हथियार भी आते-जाते रहे हैं। मामले से जुड़े सभी लोग रडार पर हैं। सबूत संकलन के बाद इनपर कार्रवाई की जाएगी।
प्रसाद ने बताया कि पंजाब जेल में बंद मुख्तार अंसारी को लेकर अदालत ले जाने वाली एम्बुलेंस बाराबंकी से पंजीकृत थी। इस मामले में पड़ताल के बाद पंजीकरण के लिए लगाई गई वोटर आईडी फर्जी पाई गई थी जिसे लेकर 2 अप्रैल को शहर कोतवाली में मामला दर्ज किया गया था। पड़ताल के बाद मऊ जिले के श्याम संजीवनी अस्पताल की संचालिका डॉ.अलका राय, उनके पति एसएन राय व राजनाथ यादव को जेल भेजा गया था। मुख्तार को भी आरोपी बनाया गया था। अभी मुख्तार अंसारी का प्रतिनिधि मुजाहिद व लखनऊ के मो. आफिरी उर्फ शाहिद फरार हैं।
पुलिस अधीक्षक प्रसाद ने बताया कि जांच के दौरान पता चला है कि मो. जाफिरी उर्फ शाहिद ने डॉ. अलका राय को एक आडियो भेजा था, जिसमें बताया गया था कि पुलिस यदि पूछताछ करे तो क्या कहना है। शाहिद ने कहा था कि बता देना कि मुख्तार अंसारी की पत्नी बीमार थीं और उन्होंने किराए पर एम्बुलेंस ली थी और पंजाब गईं थीं।