टपरी शराब फैक्ट्री के टैक्स चोरी प्रकरण में कई बड़े शराब कारोबारी फंसे
सहारनपुर,16 मार्च । उत्तर प्रदेश में सहारनपुर के कोतवाली देहात इलाके में स्थित टपरी आपरेटिव शराब फैक्ट्री से चोरी से शराब निकालकर करीब 100 करोड़ रुपये के ट्रैक्स चोरी प्रकरण में उन्नाव और बरेली के बड़े शराब कारोबारियों समेत करीब 24 लोगों के खिलाफ सबूत मिले है।
टपरी मामले की जांच की रही पुलिस की स्पेशल जांच टीम (एसआईटी) के डीआईजी जे. रविंद्र गौड़ ने आज यहां बताया कि सहारनपुर के टपरी स्थित दि को-आपरेटिव कंपनी द्वारा संचालित डिस्टीलरी पर पिछले दिनों पड़े छापे में 100 करोड़ से ज्यादा की टैक्स चोरी पकड़ गई थी।
इस मामले में उन्नाव के शराब कारोबारी अजय जयसवाल और बरेली निवासी इस डिस्टीलरी के मालिक प्रणव अनेजा और वाईस प्रेसीडेंट सोम शेखर, कमर डोनियाल, मैनेजर वीरेंद्र शंखधार, बिक्री प्रमुख अश्विनी उपाध्याय, मुजफ्फनगर के मंसूरपुर इलाके के खानपुर निवासी प्रदीप कुमार,कुशीनगर के महुआ रामकोला निवासी उपेंद्र गोविंद,उत्तराखंड के जुडियाल भगवानपुर निवासी गुलशेर, देवरिया के दबोली निवासी हरिशरण तिवारी, सहारनपुर के नांगल इलाके के पड़ौली निवासी गुलशेर, विवेक विहार के जयभगवान, सहारनपुर के जनकपुरी निवासी संजय कुमार शर्मा, नगर के ही सत्यभान शर्मा और डिस्टीलरी के चपरासी अशोक कुमार समेत 24 लोगों के खिलाफ टैक्स चोरी के सबूत मिले हैं
शराब फैक्ट्री पर छापा, करोड़ो के राजस्व की चोरी करने पर्दाफाश,आठ गिरफ्तार
इससे पहले विगत ,04 मार्च को उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सहारनपुर जिले के कोतवाली देहात इलाके में टपरी स्थित शराब फैक्ट्री पर छापा मारकर राज्य सरकार करोड़ो रुपये की टैक्स चोरी करने के आरोप में आठ लोगों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 1500 शराब की पेटी आदि बरामद की।
एसटीएफ प्रवक्ता ने यहां यह जानकारी दी थी ।
उन्होंने बताया कि एसटीएफ को सूचना मिल रही थी कि सहारनपुर जिले के कोतवाली देहात इलाके में टपरी गांव में स्थित को-अपरेटिव कंपनी लि0 शरब फैक्ट्री से लोकल आबकारी डिस्ट्रीब्यूटरों, ट्रान्सपोर्ट्स, फैक्ट्री में नियुक्त आबकारी अधिकारियों व फैक्ट्री कर्मचारियों की मिलीभगत से भारी मात्रा में अवैध रुप से शराब निकाली जा रही है, जिससे प्रत्येक माह करोड़ो रुपये के टैक्स चोरी कर राज्य सरकार को राजस्व की छति पहुंचाई जा रही है।
उन्होंने बताया कि इस सूचना पर स्थानीय एसटीएफ की टीम ने कल फैक्ट्री पर छापा मारकर इस गिरोह का भण्डाफोड़ कर आठ लोगों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 1500 पेटी शराब के अलावा 38,895 रुपये की नकदी आदि बरामद की गई।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में फैक्ट्री प्रमुख कुशीनगर निवासी उपेंद्र गोविंद राव ,बॉटलिंग इंचार्ज देवरिया निवासी हरिशरण तिवारी ,सहारनपुर निवासी केमिस्ट अरविंद कुमार सिंह ,प्रदीप राठी बारकोडिंग कम्प्यूटर आपरेटर, ट्रांसपोर्टर भिवाणी हरियाणा निवासी जय भगवान शर्मा, सहारनपुर निवासी ट्रक चालक गुल शेर, क्वालटी कंट्रोलर संजय शर्मा और बाटलिंग सुपरवाइजर मांगे राम त्यागी शामिल हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि सहारनपुर में शराब फैक्ट्री पर छामा मारकर कम्पनी के एक दर्जन अधिकारियों/कर्मचारियों एवं ट्रांसपोर्टरों, लोकल डिस्ट्रीब्यूटर को हिरासत में गहन पूछताछ की गई।
पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि टपरी स्थित इस कॉपरेटिव के यूनिट हेड व उनका स्टाफ विभिन्न जिलो के आबकारी डिस्ट्रीब्यूटरों व ट्रांसपोर्टरों के साथ मिलकर शराब फैक्टरी के अभिलेखों में हेराफेरी कर बड़े पैमाने पर टैक्स/एक्साइज ड्यूटी की चोरी कर प्रति माह करोड़ो के राजस्व का नुकसान कर रहे है।
इस बड़े घोटाले का संचालन कॉपरेटिव फैक्टरी के प्रोडक्शन यूनिट हेड उपेंद्र गोविंद राव द्वारा किया जा रहा था।
पकड़े गए प्रदीप राठी ने पूछताछ पर बताया कि वह फैक्ट्री में बारकोडिंग कलर्क के रूप में कार्यरत है और उपेंद्र गोविंद राव के कहने पर आबकारी विभाग की वेबसाइट से बार कोड डाउनलोड करके उससे डबल बारकोड तैयार कर बोतल पर लगाने के लिए तैयार करता है।
उन्होंने बताया कि पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि नजदीक के डिस्ट्रिब्यूटर पॉइंट पर दो दिन के एक गेटपास पर दो चक्कर और उन्नाव और कानपुर के डिस्ट्रीब्यूटर पॉइंट पर चार दिन के एक गेटपास पर दो चक्कर लगाकर एक ही बिल्टी पर टैक्स की बड़ी चोरी की घटना अंजाम देते है, फैक्टरी से गाड़ी की निकासी के दौरान फैक्ट्री के जिम्मेदार कर्मचारियों द्वारा फैक्टरी के सीसीटीवी कैमरे को बंद कर दिया जाता था व ट्रक ड्राईबर द्वारा ट्रक में लगे जीपीएस को भी ऑफ कर दिया जाता है।
इस घोटाले में स्थानीय अधिकारियों की संलिप्तता की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों द्वारा बताई गई सूचना के आधार पर आबकारी विभाग के कानपुर-लखनऊ मार्ग पर स्थित आबकारी गोदाम पर भी छापेमारी की गई, यहां पर भारी अनियमितता प्रकाश में आई है।
गिरफ्तार आरोपियों के विरुद्ध सहारनपुर कोतवाली देहात में मामला दर्ज कर आगे की विधिक कार्रवाई स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।
18 पर मुकदमा, छह गिरफ्तार
इस मामले में अब तक छह लोगों की गिरफ्तार हो चुकी है। इसमें डिस्टलरी के यूनिट हेड उपेंद्र गोविंद, बॉटलिंग इंचार्ज हरिशरण तिवारी, केमिस्ट अरविंद कुमार सिंह, बारकोडिंग कम्प्यूटर ऑपरेटर प्रदीप राठी, ट्रांसपोर्टर जयभगवान शर्मा व ड्राइवर गुलशेर हैं। सहायक आबकारी आयुक्त प्रवर्तन मोहम्मद आरिफ जमील ने एक्साइज व आईपीसी धाराओं में दो एफआईआर कराई थीं। इसमें डिस्टलरी मालिक प्रणव अनेजा निवासी बरेली समेत 16 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है। गुरुवार को डिस्टलरी में तैनात असिस्टेंट एक्साइज कमिश्नर जगराम पाल व एक्साइज इंस्पेक्टर अरविंद वर्मा को भी मुकदमे में आरोपी बना दिया गया।
निष्पक्ष जांच को एसटीएफ को गया था लगाया
टैक्स चोरी की जांच करने वाली एजेंसियों पर सरकार को भरोसा नहीं था। संभवत: इसीलिए टैक्स चोरी की जांच में एसटीएफ को लगाया गया। एसटीएफ का गठन संगठित अपराध के खात्मे के लिए किया गया था। इसमें माफियाओं, अपराधियों के ऊपर नकेस करना एसटीएफ गठन की मंशा थी। यह पहली बार है जब सरकार को टैक्स चोरी जैसी कार्रवाई में एसटीएफ को लगाना पड़ा।
इस तरह हो रहा था खेल
एसटीएफ के मुताबिक डिस्टलरी से निकलने वाली शराब पर बारकोड लगता है। यह बारकोड डबल संख्या में छाप लिए जाते थे। एक इनवॉइस पर एक की जगह दो ट्रक शराब निकलती थी। किसी को पता न चले, इसलिए गेट के सीसीटीवी कैमरे बंद कर दिए जाते थे। डिस्टलरी में मौजूद सभी अधिकारी-कर्मचारी इस गड़बड़झाले में शामिल थे। इस तरह रोजाना एक ट्रक शराब बिना लिखा पढ़ी किए बाहर निकालकर बेची जाती थी, ताकि कम टैक्स भरना पड़े।