सूरत/लखनऊ 19 अक्टूबर । गुजरात पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हिन्दू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की सनसनीखेज हत्या के मामले को 24 घंटे के भीतर सुलझाते हुए एक मौलाना समेत तीन प्रमुख साजिशकर्ताओं को शनिवार को सूरत से गिरफ्तार कर लिया जबकि अन्य दो हत्यारों को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।उधर उत्तरप्रदेश में राजधानी लखनऊ में हुई हत्या के मामले में बिजनौर के दो मौलानाओं को हिरासत में लिया गया है ।
वर्ष 2015 में मुस्लिम समुदाय के पैगंबर मोहम्मद के बारे में विवादास्पद टिप्पणी देने के बाद सुर्खियों में आये श्री तिवारी (45) की शुक्रवार को लखनऊ के खुर्शीदबाग स्थित उनके कार्यालय में बेरहमी से दो अज्ञात लोगों ने गला रेत कर और गोली मार कर हत्या कर दी थी।
गुजरात एटीएस के एस.पी. हिमांशु शुक्ला और डीएसपी के के पटेल ने शनिवार को बताया कि इस मामले के तीन प्रमुख साजिशकर्ताओं राशिद पठान (30), मौलवी मोहसिन शेख (28) तथा फैजान मेंबर (24), जो तीनों सूरत के लिंबायत इलाके की एक ही सोसायटी के निवासी हैं, को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनके दो अन्य साथियों जिन्होंने हत्या को अंजाम दिया है, उनकी भी पहचान हो गयी है और उनकी जल्द ही गिरफ्तारी हो सकती है।
आरोपियों ने वर्ष 2015 में ही श्री तिवारी की हत्या की योजना बनायी थी पर तब ऐसा नहीं हो सका। राशिद बाद में दुबई चला गया और दो साल रह कर लौटा। इन लोगों ने हाल में फिर से यह योजना बनायी और दोनों हत्यारे गत 16 अक्टूबर को सूरत से लखनऊ रवाना हुए थे।
श्री पटेल ने बताया कि मौका-ए-वारदात से मिले मिठाई के एक डिब्बा मिला जिसे हत्यारे सूरत के उधना की एक दुकान से खरीद कर ले गये थे और मृतक तिवारी के फोन से मिले सुराग के आधार पर इस मामले को सुलझाया गया है।
पकड़े गये साजिशकर्ताओं को जल्द ही आगे की कार्रवाई के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंप दिया जायेगा।
उत्तरप्रदेश में कमलेश हत्याकांड में दो मौलाना हिरासत में
उधर उत्तरप्रदेश में हिन्दूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या के मामले में बिजनौर के दो मौलानाओं को हिरासत में लिया गया है । इसके अलावा गुजरात में भी तीन लोग हिरासत में लिये गये हैं ।
पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने आज शनिवार को बिजनौर के दो मौलानाओं के हिरासत में लिये जाने की पुष्टि की और कहा कि तीन लोग गुजरात में हिरासत में लिये गये हैं । कमलेश की हत्या में लखनऊ और गुजरात के सूरत का सीधा सम्बन्ध दिखाई दे रहा है । हालांकि हिरासत में लिये गये पांच लोगों का कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है ।
ओ पी सिंह ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि मुख्य षडयंत्रकर्ता रासिद अहमद पठान, फैजान और मौलाना मोईन शेख सलीम हैं जिन्हें गुजरात पुलिस ने हिरासत में लिया है । इसके अलावा बिजनौर के मौलाना अनवारूल हक और मौलाना मोहम्मद नईम काजमी भी पूछताछ के लिये हिरासत में लिये गये हैं । मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक बयान के बाद इन दोनो ने कमलेश तिवारी को मारने वाले को 51 लाख रूपए देने की घोषणा की थी ।
पुलिस ने कहा कि दोनों हत्यारों ने पिछले 16 अक्तूबर को गुजरात के सूरत से मिठाई का डिब्बा खरीदा और उसमें पिस्तौल रख कर गुजरात से ट्रेन से यहां आये । कमलेश के घर पर दोनो ने पहले उनसे आधा घंटे तक बात की और बाद में पिस्तौल से गोली चलाई । गोली नहीं चलने पर उन्होंने चाकू से उनकी गर्दन पर वार किया जिससे उनकी मौत हो गई । दोनो हत्यारे भगवा रंग का कूर्ता पहने थे ।
सूत्रों ने कहा कि हत्या का षडयंत्र दो महीने पहले दुबई में रचा गया और 18 अक्तूबर को हत्या की पूरी तैयारी की गई जिसमें वो कामयाब हो गये । कमलेश के परिवार वालों ने हत्या के लिये हिरासत में लिये गये मौलाना अनवारूल हक और बिजनौर के एक और मौलाना पर हत्या का आरोप लगाते हुये प्राथमिकी दर्ज कराई है । कमलेश की मां ने भाजपा के सीतापुर के रहने वाले शिव कुमार गुप्ता पर हत्या का आरोप लगाया है ।
तिवारी हत्याकांड मामले में सूरत से तीन संदिग्ध ऐसे हिरासत में लिये गये:
हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या की जांच कर रही उप्र पुलिस ने गुजरात पुलिस के सहयोग से तीन संदिग्धों को सूरत से हिरासत में लिया और उनसे अब लगातार पूछताछ की जा रही है ।
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि इस वारदात में दो और आरोपी शामिल हैं, जिनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
उन्होंने बताया कि तिवारी के परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में उप्र के बिजनौर निवासी अनवारूल हक और नईम काजमी के नाम हैं तथा उन्हें भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
सिंह ने कहा कि सूचनाएं और सुराग मिलने के बाद शुक्रवार को ही छोटी-छोटी टीमें गठित की गई थी। जांच में इस मामले के तार गुजरात से जुड़े होने का संकेत मिला।
उन्होंने बताया ‘‘सुरागों के आधार पर मैंने गुजरात के डीजीपी से बात की।’’
सिंह ने बताया कि लखनऊ के एसएसपी और स्थानीय पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले। उप्र पुलिस और गुजरात पुलिस की संयुक्त टीम ने सूरत से तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया और उनसे पूछताछ की जा रही है।
उन्होंने बताया कि पकड़े गए तीन संदिग्धों के नाम मौलाना मोहसिन शेख सलीम (24), फैजान (30) और खुर्शीद अहमद पठान (30) हैं। तीनों सूरत के रहने वाले हैं।
सिंह ने बताया कि मौलाना अनवारुल हक और मुफ्ती नईम काजमी को शुक्रवार रात हिरासत में लिया गया।
डीजीपी सिंह ने बताया कि दो अन्य संदिग्धों को भी हिरासत में लिया गया था और उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। इनमें से एक राशिद का भाई और दूसरा गौरव तिवारी है।
उन्होंने बताया कि गौरव ने कमलेश को कुछ दिन पहले फोन कर सूरत समेत अन्य जगहों पर भारत हिंदू समाज के लिए काम करने की इच्छा जताई थी।
सिंह ने बताया कि अब तक इस हत्याकांड का आतंकवाद से संबंध होने का संकेत नहीं मिला है। प्रारंभिक पूछताछ से लगता है कि 2015 में कमलेश तिवारी द्वारा दिया गया एक भाषण उनकी हत्या की वजह हो सकता है।
गौरतलब है कि राजधानी लखनऊ के घनी आबादी वाले नाका हिंडोला इलाके में शुक्रवार को हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की दिनदहाडे़ हत्या कर दी गयी।
पुलिस के अनुसार, कमलेश तिवारी नाका हिंडोला कि खुर्शेदबाग स्थित अपने घर में खून से लथपथ पाए गए। उन्होंने बताया कि दो लोग उनसे मिलने आए थे। इस दौरान कमलेश ने अपने एक साथी को उन दोनों के लिए पान लाने भेजा था। जब वह लौटकर आया तो उसने कमलेश को खून से लथपथ हालत में पाया। कमलेश पूर्व में हिंदू महासभा से भी जुड़े थे।
कमलेश की हत्या के तार दुबई से होकर गुजरात से जुड़े:
हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की कल शुक्रवार राजधानी लखनऊ में हुई हत्या के तार गुजरात से जुड़ रहे हैं जबकि राज्य सरकार ने इसकी जांच विशेष जांच एजेंसी (एनआईए) को सौप दी है ।
दूसरी ओर कमलेश के परिवार वालों ने सीतापुर से भारतीय जनता पार्टी के एक नेता और दो मौलानाओं पर हत्या का आरोप लगाया । पुलिस ने एक मौलाना को हिरासत में लिया । राज्य सरकार ने कल ही हत्या की जांच के लिये पुलिस महानिरीक्षक रैंक के एक अधिकारी के नेतृत्व में विशेष जांच टीम का गठन कर दिया था ।
कमलेश तिवारी का शव कल देर रात उनके सीतापुर के मोहम्मदाबाद अंतिम संस्कार के ले जाया गया । उनकी हत्या के विरोध में कल लखनऊ में जगह जगह विरोध प्रदर्शन हुये ।
पुलिस सूत्रों ने आज यहां कहा कि अब यह साबित हो गया है कि कमलेश की हत्या के तार गुजरात से जुड़े हैं । सीसीटीवी कैमरे और गुजरात के सूरत की एक मिठाई दुकान के मिले डिब्बे से साबित होता है कि हत्यारे उसी राज्य से आये थे ।
यह कहा गया है कि दुबई के रहने वाले किसी रासिद पठान ने .अशफाक और मोइनुद्दीन नाम के शूटर को हत्या की सुपारी दी थी। कमलेश ने मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिये थे जिसके खिलाफ उन पर रासुका के तहत कार्रवाई भी की गई थी ।