हाथरस, तीन अक्टूबर । हाथरस में 19 वर्षीय किशोरी के कथित सामूहिक बलात्कार के बाद उसकी मौत के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अपनी तफ्तीश पूरी कर ली है। हाथरस प्रशासन के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि प्रशासन ने पीड़िता के गांव में मीडिया के प्रवेश पर लगी रोक भी हटा ली है। एक दिन पहले ही एसआईटी जांच जारी रहने के कारण नेताओं समेत बाहरी लोगों को लड़की के परिवार से मुलाकात के लिए जाने से रोक दिया गया था।
संयुक्त मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘एसआईटी की जांच पूरी हो गयी है और केवल मीडिया को गांव में प्रवेश की अनुमति दी गयी है।’’
उन्होंने इन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि प्रशासन ने लड़की के परिवार की घेराबंदी कर रखी है और उनके फोन जब्त कर लिए हैं।
अधिकारियों ने कहा कि घटना पर देशभर में आक्रोश के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था जिसे 14 अक्टूबर तक रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया गया है।
हाथरस प्रशासन ने बृहस्पतिवार को सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी थी जिसके तहत जिले में चार या उससे अधिक लोगों के जमा होने पर प्रतिबंध है।
कथित सामूहिक बलात्कार की घटना के करीब एक पखवाड़े बाद इस सप्ताह की शुरुआत में दिल्ली के एक अस्पताल में लड़की की मौत हो गयी थी।
एसआईटी की रिपोर्ट आते ही कार्रवाई करेगी योगी सरकार : ईरानी
वाराणसी में केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने हाथरस सामूहिक दुष्कर्म को लेकर हो रही राजनीति की निंदा करते हुए आज कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस मामले में विशेष जांच दल ( एसआईटी ) गठित कर दी है और जांच रिपोर्ट के आते ही तुरंत यथोचित कार्रवाई की जाएगी।
श्रीमती ईरानी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने खुद मख्यमंत्री से बात की है। मुख्यमंत्री ने एसआईटी का गठन किया है और आरंभिक रिपोर्ट पर हाथरस के पुलिस अधीक्षक को निलंबित भी किया है।
उन्होंंने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोषियों को सज़ा देने के सख्य कदम उठाएँगे और हाथरस घटना में पीड़िता को जरूर न्याय मिलेगा।