लखनऊ, 20 मई। सुभासपा नेता ओमप्रकाश राजभर की तल्ख टिप्पणियों के कारण उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज राज्यपाल को उन्हें कैबिनेट से तुरंत बर्खास्त करने की सिफारिश की ।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि आदित्यनाथ ने यह भी सिफारिश की कि राजभर की पार्टी के अन्य सदस्य जो राज्य मंत्री का दर्जा रखते है उन्हें भी तुरंत कैबिनेट से हटाया जायें ।
उधर राज्यपाल कार्यालय से जारी बयान के अनुसार उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने मंत्रिमण्डल के सदस्य ओम प्रकाश राजभर, मंत्री पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं विकलांग जन विकास को तात्काल प्रभाव से प्रदेश मंत्रिमण्डल की सदस्यता से पदमुक्त कर दिया ।
नाईक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रस्ताव पर ओम प्रकाश राजभर को मंत्री पद से मुक्त करने के लिये अपना अनुमोदन प्रदान कर दिया ।
राजभर अक्सर भाजपा के खिलाफ विवादास्पद बयान देते रहे । अभी हाल ही में उन्होंने लोकसभा चुनाव में राजभर ने भाजपा के खिलाफ कड़ी बयानबाजी की थी ।
राजभर ने हाल ही में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मंत्रिपरिषद से इस्तीफा देने की बात कही थी ।
उन्होंने यह भी कहा था कि उन्होंने तो पहले ही इस्तीफा दे दिया था लेकिन मुख्यमंत्री ने उनका इस्तीफा स्वीकार नही किया था ।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने प्रदेश सरकार से स्वयं को बर्खास्त किये जाने का स्वागत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने यह फैसला देर से लिया है ।
राजभर ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘हम फैसले का स्वागत करते हैं । मुख्यमंत्री जी ने यह फैसला देर से लिया है । यह निर्णय बीस दिन पहले लिया गया होता तो और अच्छा होता ।’’
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के साथ उनकी पार्टी का गठगंधन नहीं हुआ और इसके बाद 13 अप्रैल को उन्होंने इस्तीफा दे दिया था ।
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का फैसला स्वागत योग्य है । मंत्री पद से हटाये जाने पर मुझे कोई शिकवा शिकायत नही है ।’’
राजभर ने कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव में हम मात्र एक सीट मांग रहे थे । हम एक पार्टी हैं और अगर चुनाव नही लड़ेंगे तो जनता को क्या जवाब देंगे । अब हम अकेले चलेंगे और अपनी पार्टी की बात जनता तक पहुंचायेंगे ।’’
उन्होंने कहा कि उन्होंने पिछड़े वर्ग के हित की लड़ाई लड़ी तथा यह लड़ाई लड़ते रहेंगे, योगी सरकार को सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट को लागू करने की फुर्सत नही मिली ।
राजभर ने कहा कि वह अपनी ताकत का इस्तेमाल पिछड़े वर्ग को जागृत करने एवं पार्टी संगठन को मजबूत करने पर लगायेंगे ।
उन्होंने दोहराया कि मुख्यमंत्री को 13 अप्रैल को उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया था, लेकिन लोकसभा चुनाव सम्पन्न होने के उपरांत उन्हें बर्खास्त कर दिया गया ।
पूर्व मंत्री ने कहा, ‘‘हम चाहते थे कि भाजपा सरकार से छुटकारा मिले ताकि हम अपने दल को सशक्त बना सके ।’’
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