कानपुर,12 जुलाई । उत्तर प्रदेश पुलिस के मोस्ट वांटेड अपराधी विकास दुबे की मौत के बाद गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने रविवार को कानपुर पहुंच कर दुर्दांत हत्यारे और उसके साथियों द्वारा किये गये कारनामों की पड़ताल शुरू कर दी।
एसआईटी के सदस्य हल्की बाारिश के बीच सुबह यहां पहुंचे और चौबेपुर के बिकरू गांव पहुंचे जहां टीम ने गैंगस्टर विकास दुबे के ढहाये गये आवास का कोना कोना देखा। वे पड़ोस में स्थित विकास के मामा के घर भी गये जहां कोतवाल देवेन्द्र मिश्र की विकास और उसके साथियों ने नृशंस हत्या कर दी थी। टीम के सदस्यों ने उस स्थान का भी बारीकी से निरीक्षण किया जहां विकास ने एक के ऊपर एक पांच पुलिसकर्मियों के शवों को रख दिया था।
गौरतलब है कि बिकरू गांव में दो जुलाई की रात पुलिस टीम पर हमले और मुख्य आरोपी विकास दुबे से जुड़े मामलों की पड़ताल के लिये सरकार ने शनिवार को विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था। अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय विशेष जांच दल को विकास से जुड़े हर मामले की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपने के लिये 31 जुलाई तक का समय दिया गया है। अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा तथा पुलिस उपमहानिरीक्षक जे रवीन्द्र गौड़ एसआईटी के सदस्य हैं।
एसआईटी पिछले शुक्रवार को पुलिस मुठभेड़ में मारे गये हिस्ट्रीशीटर बदमाश विकास दुबे के खिलाफ दर्ज मामलों में की गयी कार्यवाही की समीक्षा करेगा। जांच दल यह भी पता करेगा कि दुर्दांत गैंगस्टर और उसके साथियों को सजा दिलाने के लिये की गयी कार्यवाही क्या पर्याप्त थी। 60 से अधिक मुकदमों में वांछित अपराधी की जमानत निरस्तीकरण की दिशा में क्या कार्यवाही की गयी।