कानपुर,04 जुलाई ।उत्तर प्रदेश में कानपुर के चौबेपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले हिस्ट्रीशीटर के मकान को पुलिस प्रशासन ने नेस्तानाबूद कर दिया।
पुलिस सूत्रों ने शनिवार को बताया कि दुस्साहिक वारदात को अंजाम देने के बाद फरार हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके साथियों की तलाश के लिये 50 से अधिक पुलिस टीमों को लगाया गया । मकान की तलाशी के दौरान पुलिस को देर रात एक तलघर मिला है। बंकरनुमा तलघर को लकड़ी के पटरे से ढका हुआ था। पुलिस ने बंकर का सिरा तलाशने के लिए मकान को ढहा दिया । जेसीबी मशीन से चाहरदिवारी को गिराने का काम किया गया है। इस दौरान परिसर के आसपास का इलाका सील कर दिया गया था और यहां पुलिस बलों के अलावा किसी को आने की इजाजत नहीं दी गई ।
उन्होने बताया कि बिकरू गांव में करीब दो बीघा जमीन पर बने आलीशान मकान के भीतर पुराना जर्जर मकान भी था। पुलिस मकान के हर एक हिस्से की बारीकी से छानबीन कर चुकी थी। परिसर के चारों ओर करीब 12 फुट ऊंची चाहरदिवारी को कंटीले तारों से लैस किया गया था।
मकान के मुख्य द्वार के अलावा तीन गेट और थे जिसमें से भारी वाहन भी आसानी से निकल सकते थे। सभी गेटों पर सीसीटीवी कैमरे लगे थे। घर में बाथटब से लेकर वाश बेसिन तक आधुनिक डिजाइन के थे। सुख सुविधाओं से भरपूर आवासीय परिसर की चाकचौबंद सुरक्षा व्यवस्था इस कदर सख्त रहा था कि गेट पर पहुंचते ही सेवादार चौकन्ने हो जाते थे।
गौरतलब है कि बिकरू गांव में शुक्रवार और शनिवार की रात को हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके गुर्गो ने पुलिस बल पर उस समय हमला कर दिया था जब दुबे को गिरफ्तार करने तीन थानो की पुलिस पहुंची थी।
इस घटना में एक पुलिस क्षेत्राधिकारी और एक थानाध्यक्ष समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गये थे जबकि सात अन्य गंभीर रूप से घायल हो गये थे। पुलिस ने घटना के बाद मुठभेड़ में हिस्ट्रीशीटर के दो रिश्तेदारों को मार गिराया था।
कानपुर में हत्यारोपी विकास दुबे 48 घंटे तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर रहा:
उत्तर प्रदेश पुलिस के आठ पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या का आराेपी और हिस्ट्रीशीटर बदमाश विकास दुबे 24 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर रहा था ।
पुलिस महानिदेशक एच0 सी0 अवस्थी ने शनिवार को यहां कहा था कि उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ)और पुलिस की कई टिमों ने आठ पुलिस कर्मियों के हत्या का आरोपी व हिस्ट्रीशीटर बदमाश विकास दुबे और उसके गुर्गों की तलाश में कई जगहों पर छापेमारी की। शुक्रवार दोपहर में मुठभेड़ के बाद पुलिस ने उसके दो साथियों को मार दिया गया था। अपराधियों पर नकेल कसने के लिए लगभग 100 टीमों का गठन किया गया था ।