मऊ 28 जून । भारतीय प्रशासनिक सेवा :आईएएस: जैसे प्रमुख पद के माध्यम से सेवा करते हुए नरेंद्र मोदी के खास चहेते बने एके शर्मा जहां पहले गुजरात प्रदेश मुख्यमंत्री कार्यालय से संबद्ध रहे। वही नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से प्रधानमंत्री कार्यालय में भी अहम जिम्मेदारियां निभाते रहे हैं ।
पिछले जनवरी में नौकरी से स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर राजनीति के मैदान में उतरे एके शर्मा को भाजपा ने सीधे विधान परिषद सदस्य बनाया। जो अब प्रदेश उपाध्यक्ष के जिम्मेदारी से भाजपा का संगठनात्मक व्यवस्था दुरुस्त करेंगे।
मऊ जनपद निवासी व प्रधानमंत्री के अति निकटस्थ माने जाने वाले पूर्व नौकरशाह पीएमओ के पूर्व सचिव ए के शर्मा जब स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर भाजपा के सदस्य बने उस वक्त से ही उन्हें बड़ी जिम्मेदारी मिलने का अंदाजा लगाया जाने लगा था ।
कुछ खास उत्साहित समर्थकों द्वारा तो सोशल मीडिया पर पद की चर्चा करते हुए बधाई तक दी जाने लगी थी। उनके समर्थकों द्वारा उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाये जाने के साथ ही महत्वपूर्ण गृह विभाग की जिम्मेदारी दिए जाने की अटकलें लगाई जाने लगी थो। लगभग 6 माह अटकलों को विराम देते हुए भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में उन्हें उपाध्यक्ष बनाकर सभी अटकलों पर विराम लगा दिया।
एके शर्मा अब संगठन के कील काटे दुरुस्त करेंगे। जिससे कुछ महीनों बाद ही संपन्न होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रदेश में पार्टी की पुनः सरकार बनाई जा सके।
ए के शर्मा द्वारा स्वेच्छिक सेवानिवृत्त होकर सदस्यता ग्रहण करते ही एके शर्मा विधान परिषद सदस्य बने। कुछ ही दिन बाद मार्च माह में वैश्विक महामारी कोविड कोरोना कि दूसरी लहर में समूचा प्रदेश चपेट में आ गया। ऐसे में पूर्व प्रशासनिक अधिकारी और प्रशासनिक कार्यों का बड़ा अनुभव रखने वाले ए के शर्मा को कोविड से लड़ने की बड़ी जिम्मेदारी दे दी गई। इसमें कहीं ना कहीं वो खरे उतरते भी नजर आए। उनके द्वारा लगातार अथक परिश्रम करते हुए वाराणसी को केंद्र बनाया गया। जहां से समूचे पूर्वांचल सहित पश्चिम तक के जनपदों में कोविड से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर कदमताल करते नजर आए।
अब उन्हें भाजपा प्रदेश संगठन में प्रदेश उपाध्यक्ष जैसी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह से ए के शर्मा की निकटता के बाद उन्हें संगठन में मिली इस बड़ी जिम्मेदारी में भी पार्टी कार्यकर्ताओं को बड़े निहितार्थ नजर आने लगे हैं।
गौरतलब हो कि कुछ ही दिनों बाद देश के लिए प्रधानमंत्री का मार्ग प्रशस्त करने वाले राज्य उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है। जो आगामी 2024 लोकसभा चुनाव के दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण साबित होगा।
संगठन के नियमों के अनुसार विधानसभा चुनाव टिकट वितरण में प्रदेश उपाध्यक्ष एके शर्मा की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। ऐसे में विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीने शेष रह गए हैं। सम्भव है कि प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया अब शुरू भी हो चुकी हो। ऐसे में ऐन मौके पर शर्मा का संगठन में प्रवेश टिकट वितरण कार्यक्रम में बड़ी भूमिका साबित होगी।
लिहाजा अब यह तो स्पष्ट हो गया है कि एके शर्मा द्वारा अपने पूर्व के अनुभवों के आधार पर संगठनात्मक ढांचा का कील कांटे दुरुस्त किए जाएंगे। इसके साथ ही भाजपा को 2022 चुनाव में पुनः सफलता दिलाना बड़ा लक्ष्य बनेगा।