लखनऊ, 24 मई :उत्तर प्रदेश के आतंकवाद रोधी स्क्वायड (एटीएस) ने मिलिट्री इंटेलीजेन्स की जम्मू कश्मीर यूनिट और उत्तराखंड पुलिस के साथ संयुक्त कार्रवाई में उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले से संदिग्ध आईएसआई एजेंट रमेश को गिरफ्तार किया है।
एटीएस के अधिकारी ने बताया कि मिलिट्री इंटेलिजेंस के सहयोग से आफताब निवासी फैज़ाबाद को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उससे हुई पूछताछ में अहम जानकारी मिली हैं।
उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में 20 मई को एटीएस थाना गोमतीनगर में मामला दर्ज किया गया। जांच के दौरान 22 मई को पिथौरागढ़ निवासी रमेश सिंह से पूछताछ की गयी और उसके घर की तलाशी ली गई। रमेश ने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए अपने राष्ट्रविरोधी कृत्यों के बारे में काफी कुछ बताया जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
अधिकारी ने कहा कि रमेश के पास से एक पाकिस्तानी मोबाइल फ़ोन भी बरामद किया गया है जो इसे आईएसआई से संपर्क करने के लिए दिया गया था। मोबाइल के डाटा से महत्वपूर्ण साक्ष्य मिलने की उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि रमेश से पूछताछ जारी है। कल अभियुक्त को पिथौरागढ़ की अदालत में पेश किया गया जहां से उसे ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया जा रहा है।
अधिकारी ने बताया कि रमेश सिंह पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग में नियुक्त एक अधिकारी के साथ घरेलू कार्य के लिए 2015 में इस्लामाबाद गया था। वहां उसका संपर्क आईएसआई के लोगों से हुआ जिन्होंने उसको अपना एजेन्ट बना लिया। रमेश ने वहां रहते हुए तमाम सूचनाये लीक की।
गिरफ्तार एजेंट पाक स्थित भारतीय दूतावास में था रसोइया
उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता(एटीएस) ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विस इंटेलीजेंस (आईएसआई) के संदिग्ध एजेंट को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से गिरफ्तार किया है।
पुलिस महानिरीक्षक(एटीएस) असीम अरुण ने आज यहां बताया कि गत तीन मई 2017 को यूपी एटीएस द्वारा मिलिट्री इंटेलिजेंस के सहयोग से फैजाबाद निवासी आफताब को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पिथौरागढ़ के डीडीहाट तहसील के गराली गांव निवासी रमेश सिंह कन्याल वर्ष 2015 में पाकिस्तान स्थित भारतीय दूतावास के उच्चायुक्त कार्यालय में रहा था। वह एक भारतीय अधिकारी के साथ रसोइया बनकर वहां गया था। उससे हुई पूछताछ और विवेचना के बाद कुछ और आईएसआई एजेन्ट एटीएस के रडार पर आए। इस मामले की रिपोर्ट गोमतीनगर थाने में दर्ज की गयी थी।
उन्होने बताया कि मामले की विवेचना के बाद एटीएस की एक टीम अपर पुलिस अधीक्षक(एटीएस) राजेश साहनी के नेतृत्व में पिथौरागढ़ गयी थी।
उत्तराखंड पुलिस और यूपी एटीएस की संयुक्त टीम ने गत 22मई को पिथौरागढ़ निवासी रमेश सिंह से पूछताछ की गयी। उसके घर की तलाशी ली गई और उसे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किये जाने बाद उसने पूछताछ में टीम को कई महत्वपूर्ण जानकारिया दी
अरूण ने बताया कि रमेश ने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए अपने राष्ट्र-विरोधी कृत्यों के बारे में काफी कुछ जानकारिया दी। उसके पास से एक पाकिस्तानी मोबाइल फ़ोन भी बरामद किया गया है। माेबाइल फोन उसे आईएसआई द्वारा संपर्क करने के लिए दिया गया था। इस मोबाइल का डाटा चेक करने के बाद महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की उम्मीद की जा रही है। अभियुक्त को कल पिथौरागढ़ की एक अदालत में पेश किया गया तथा जहां से उसे ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया गया है।
गौरतलब है कि रमेश सिंह भारतीय उच्चायोग में नियुक्त एक अधिकारी के साथ घरेलू कार्य के लिए वर्ष 2015 में इस्लामाबाद गया था। वहां उसका संपर्क आईएसआई के लोगों से हुआ। आईएसआई ने उसको अपना एजेन्ट बना लिया। इसने वहां रहते हुए तमाम सूचनाएं लीक कीं जिसके लिए उसे डॉलर में धन मिलता था। जब यह छुट्टी में भारत आता था तो डॉलर साथ लाता था। दिल्ली में रूपये में परिवर्तित कर अपने गाँव ले जाता था। एक सितम्बर 2017 में रमेश वापस भारत आ गया। इसे पाकिस्तानी आईएसआई अधिकारियों द्वारा भारत में जासूसी करने के लिए कहा गया और क्यू-मोबाइल ब्रांड का एक फ़ोन दिया गया।attacknews.in