पिथौरागढ, 26 फरवरी । कैलाश—मानसरोवर यात्रा का आयोजन इस वर्ष भी संभव न होने की आशंकाओं के मददेनजर कुमांउ मंडल विकास निगम ने चीन के साथ लगती सीमा पर भारतीय क्षेत्र में स्थित शिव के धाम ‘छोटा कैलाश’ को एक प्रमुख तीर्थस्थल के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव तैयार किया है ।
निगम के अध्यक्ष केदार जोशी ने यहां बताया, ‘आदि कैलाश के रूप में भी विख्यात छोटा कैलाश को भगवान शिव का असली घर माना जाता है और देश भर के शिवभक्तों के लिए यह सर्वश्रेष्ठ तीर्थस्थल हो सकता है ।’
उन्होने कहा कि सीमा सडक संगठन द्वारा पिछले साल जून में व्यास घाटी को मोटर मार्ग से जोड दिए जाने के बाद छोटा कैलाश तक संपर्क (कनेक्टिविटी) भी बेहतर हुई है, इससे तीर्थयात्रियों का वहां तक जाना भी सुविधाजनक हो गया है ।
भारत—चीन सीमा पर स्थित लिपुलेख दर्रे के जरिए हर वर्ष होने वाली कैलाश—मानसरोवर यात्रा के लिए निगम नोडल एजेंसी है । पिछले साल कोविड 19 महामारी के कारण यह यात्रा नहीं हो पाई और इस बार भी अब तक इसके लिए तैयारी बैठकों के न होने के कारण इसके आयोजन की संभावनाएं नहीं लग रही हैं ।
यात्रा के संबंध में हर साल फरवरी के पहले सप्ताह में विदेश मंत्रालय तैयारी बैठकें करता है ।
निगम के अध्यक्ष जोशी ने बताया कि वह अप्रैल में स्वयं छोटा कैलाश जाने की योजना बना रहे हैं जिससे वहां आधारभूत संरचनाओं की स्थिति का जायजा लिया जा सके ।
जोशी का मानना है कि अगर सुविधाएं बढाई जाएं तो ज्यादा तीर्थयात्री छोटा कैलाश की यात्रा पर आएंगे । जून से शुरू होने वाली छोटा कैलाश की तीर्थयात्रा पर अभी करीब एक हजार श्रद्धालु प्रतिवर्ष पहुंच रहे हैं ।
उन्होंने कहा कि निगम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को छोटा कैलाश की यात्रा का निमंत्रण देना चाहता है जिससे इसे धार्मिक पर्यटन के एक गंतव्य के रूप में बढावा मिलेगा ।