नईदिल्ली/देहरादून 9 मार्च ।उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार अपराह्न पिछले चार दिनों से चल रही गहमागहमी के बीच राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को स्वयं और मंत्रिमंडल (कैबिनेट)के सदस्यों का त्यागपत्र सौंप दिया। नई कैबिनेट के गठन तक वे सभी अपने पद पर बने रहेंगे।
बुधवार सुबह भारतीय जनता पार्टी विधान मंडल दल की बैठक आहूत की गई है। श्री त्रिवेंद्र ने त्यागपत्र के सम्बंध में पूछे जाने पर कहा कि भारतीय जनता पार्टी में कोई भी फैसला होता है तो सामूहिक विचार के बाद ही होता है।
पद से त्यागपत्र देने के बाद श्री त्रिवेंद्र ने अपने सरकारी आवास में संवाददाताओं से कहा कि में पार्टी का धन्यवाद देता हूँ कि मुझे चार साल के लिए देवभूमि की सेवा करने का स्वर्णिम मौका दिया। ये मेरा सौभाग्य है। भाजपा में ही यह संभव था कि छोटे से गांव के एक सैन्य परिवार के, साधारण से कार्यकर्ता को पार्टी ने इतना बड़ा सम्मान दिया, जिसे मैंने कभी सोचा तक न था।
उन्होंने कहा कि पार्टी ने सामूहिक रूप से मेरी जगह अब किसी और को ये मौका देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल के चार वर्ष पूरे होने में मात्र नौ दिन कम रह गए। मैं प्रदेशवासियों का भी धन्यवाद देना चाहता हूं।
निवर्तमान मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल के मुख्य कार्य भी गिनाते हुये कहा कि हमने विशेषकर महिलाओं के स्वरोजगार के लिए, बच्चों की शिक्षा के लिए और किसानों की आय दोगुनी करने के लिए बहुत काम किए। पार्टी अगर मुझे ये मौका न देती तो मैं यह कभी नहीं कर पाता। जिन्हें भी कल मौका मिलेगा वो इन योजनाओं को आगे बढ़ाएंगे। मेरी ओर से उनको शुभकामनाएं।
श्री त्रिवेंद्र ने नेतृत्व परिवर्तन का कारण पूछने पर कहा कि भारतीय जनता पार्टी में कोई भी फैसला होता है तो सामूहिक विचार के बाद ही होता है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत की ओर इशारा करते हुये उन्होंने कहा कि आज अध्यक्ष जी से बात कीजिए। पुनः पूछने पर उन्होंने कहा कि इस सवाल के और अच्छे जवाब के लिए दिल्ली जाना होगा।
उन्होंने बताया कि कल बुधवार को प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर 10 बजे पार्टी विधानमंडल दल की बैठक होगी, जिसमें सब विधायक मौजूद होंगे। इस दौरान उनके साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, मंत्री मदन कौशिक, राज्यमंत्री धन सिंह रावत, विधायक हरबंश कपूर, कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन समेत कई विधायक मौजूद रहे।
पद से मंगलवार शाम को इस्तीफा दिया:
उत्तराखंड में पिछले तीन दिनों से जारी नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया ।
मुख्यमंत्री रावत शाम चार बजे के बाद राजभवन पहुंचे और राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा ।
त्यागपत्र देने के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए रावत ने कहा कि कल सुबह 10 बजे पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में विधायक दल की बैठक बुलाई गई है जहां नए नेता का चुनाव किया जाएगा ।
सूत्रों के अनुसार उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री का एलान बुधवार को किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि पिछले करीब एक साल से मुख्यमंत्री को बदलने की चर्चाएें गर्म थी लेकिन हर बार मुख्यमंत्री को अभयदान मिलता रहा। कई सर्वे में हालांकि मुख्यमंत्री की छवि को निम्नतम स्तर पर दिखाया गया था जिसके कारण बार-बार मुख्यमंत्री को बदलने की चर्चाएं राजनीतिक गलियारों में गरम होती रही थी।
राज्य में पिछले दाे दिन में नाटकीय घटनाक्रम में अचानक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पर्यवेक्षक रमन सिंह देहरादून पहुंचे उन्होंने सभी विधायकों की राय ली और दिल्ली हाईकमान को रिपोर्ट भेजी।जिसके बाद श्री त्रिवेन्द्र भी दिल्ली गए परंतु शायद वह आलाकमान को अपना पक्ष रखने में नाकामयाब रहे जिसके बाद आज हाईकमान के आदेश पर उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
सूत्रों के अनुसार कर विधायक मंडल की बैठक में नया नेता चुना जा सकता है इसमें भगत सिंह कोश्यारीख् रमेश पोखरियाल निशंक, अनिल बलूनी, धन सिंह रावत, अजय भट्ट जैसे नामों की पर विचार किया जा सकता है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार को चार साल पूरे होने जा रहे हैं ऐसे में लगातार विवादों में रहे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र को आखिरकार जन आकांक्षाओं पर खरा न उतरने और लोकप्रियता में निचले पायदान पर रहने के कारण फिर निर्णय लिया गया है।
राज्य में अगले वर्ष 2022 में होने वाले चुनाव को मद्देनजर रखते हुए किसी कद्दावर नेता को इस पर बिठाया जा सकता है, जिसके लिए विधायकों का देहरादून पहुंचना शुरू हो गया है।
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री कुमाऊं से बने या गढ़वाल से इसको लेकर मंथन शुरू चल रहा है। हाईकमान कुमाऊं और गढ़वाल के फैक्टर को देखते हुए कोई बीच का रास्ता भी निकाल सकता है।