Home / Religious / उतराखण्ड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने हरिद्वार कुंभ मेला में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं द्वारा स्नान करने पर आगामी स्नानों में सीमित संख्या को विस्तार देने की दी हरी झंडी attacknews.in

उतराखण्ड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने हरिद्वार कुंभ मेला में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं द्वारा स्नान करने पर आगामी स्नानों में सीमित संख्या को विस्तार देने की दी हरी झंडी attacknews.in

हरिद्वार/देहरादून, 14 मार्च । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने रविवार को कहा कि 12 साल में एक बार आने वाला कुम्भ केवल प्रदेश ही नहीं, देश और दुनिया का कुंभ है। इसको भव्य बनाने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।

श्री तीरथ ने कहा कि कोविड की गाइडलाइन का भी पालन करना है, लेकिन किसी तरह की असुविधा नहीं होने दी जाएगी।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अदभुत कार्यशैली से लाकडाउन में भी लोगों का ध्यान सरकार ने रखा। उन्होंने ‘मोदी है तो मुमकिन है’ के नारे का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें किसी को कुंभ में स्नान से वंचित नहीं रखना है।

श्री तीरथ आज यहां समदृष्टि, क्षमता विकास एवं अनुसंधान मंडल (सक्षम) की ओर से आयोजित नेत्र कुंभ का उद्घाटन करने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हम दिव्य भव्य कुंभ का आयोजन कराने को तत्पर हैं। इसलिए शाही स्नान के दिन संत समाज के ऊपर हैलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत अभिनंदन किया। हरकी पौड़ी पर संतजनों और मां गंगा का आशीर्वाद लिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान किया। साधु संत, आमजन के साथ ही व्यापारी वर्ग भी खुश हैं। आगामी स्नानों में इसको और विस्तार दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि लाकडाउन के दौरान जिन साढ़े चार हजार लोगों पर आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत दर्ज मुकदमें वापस करने का आदेश जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि कोविड गाइडलाइंस का पालन भी हमें करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ में बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी। विशेष ट्रेनों के लिए भी उनका प्रयास रहेगा। उन्होंने कहा कि नर सेवा ही नारायण सेवा है। आने वाले समय में पूरे विश्व में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जय जयकार होती रहेगी।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि सेवाभाव के कार्यो में सहयोग करना भी एक पुनीत कार्य है। हमें इस दुनिया से जाने से पहले नेत्रदान का पुण्य कार्य अवश्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुंभ को लेकर मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक निर्णय लिया है। सरकार को आगे भी आस्था के इस हरिद्वार कुंभ को प्रयागराज से बेहतर कराने के लिए कार्य करना चाहिए।

जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि गीता की शुरूआत धृतराष्ट्र से हुई। संजय को दिव्य दृष्टि प्राप्त थी। उन्होंने कहा कि हम जो कुछ करते हैं वही हमें देखने को मिलता है। दुनिया देखने के लिए नेत्र ज्योति बहुत महत्वपूर्ण है।

पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि सेवा परम धर्म है। उन्होंने कहा कि वह सक्षम संस्थान के इस सेवा कार्य को नमन करते हैं। कहा नेत्र विकार को दूर करने के क्षेत्र में हंस फाउंडेशन की माता मंगला जी का कार्य भी सराहनीय है। उन्होंने कहा कि पतंजलि की ओर से भी ऐसे नेक कार्य में पूरा सहयोग मिलेगा।

सक्षम के राष्ट्रीय अध्यक्ष दयाल सिंह पंवार ने कहा कि नेत्र कुंभ का नारा जीते जीते रक्तदान, जाते जाते नेत्रदान है।

हंस फाउंडेशन की माता मंगला ने भी अपने संबोधन में कहा कि हंस फाउंडेशन नेत्र कुंभ में पूरा सहयोग प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में फाउंडेशन की दो यूनिट नेत्र रोगियो की सेवा कर रही है। उन्होंने कहा कि इस नेत्र कुंभ में आने वाले नेत्रहीनों को दृष्टि का प्रसाद मिलेगा।

इसके पहले सभी अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित किया। वेद विद्यालय कनखल के 11 विद्यार्थियों ने सरस्वती वाचन और वैदिक मंत्रोच्चार किया। स्वागत समिति के अध्यक्ष उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलपति डा सुनील जोशी ने उन्हें अंगवस्त्र देकर सम्मान किया। उद्योगपति जेसी जैन, अरूण सारस्वत, शिवालिक नगर नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष राजीव शर्मा, मोनू त्यागी, जगदीश लाल पाहवा आदि का मुख्यमंत्री ने उनके सामाजिक कार्यों के लिए अभिनंदन किया। वीडियो के माध्यम से नेत्र कुंभ के आयोजन के उद्देश्य और सक्षम संस्थान के कार्य पर प्रकाश डाला गया।

मंच संचालन अमित चौहान ने किया। इस मौके पर महामंडलेश्वर ललितानंद गिरि, जिलाधिकारी सी. रविशंकर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार सेंथिल अबूदई कृष्णराज एस, एम्स ऋषिकेश के डायरेक्टर डा. रविकांत, डा. यतीन्द्र नाग्नयाल, आरएसएस के अखिल भारतीय सेवा प्रमुख राजकुमार मटाले, आरआरएस के प्रांत प्रचारक युद्धवीर आदि मौजूद थे।

मुख्यमंत्री इसके बाद कनखल के हरिहर आश्रम में पहुंचे। वहां उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि से मुलाकात की। इसके बाद मुख्यमंत्री निरंजनी अखाड़ा पहुंचे। जहां उनका आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि, निरंजनी अखाड़ा के सचिव रविन्द्र पुरी महाराज, बालकानंद गिरि आदि ने स्वागत किया। श्री तीरथ ने अखाड़े में भगवान कार्तिकेय की पूजा-अर्चना भी की।

पूजा-अर्चना के बीच तीरथ ने संभाली सीएम की कुर्सी

इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने रविवार को सपत्नीक पहली बार सचिवालय स्थित अपने कार्यालय पहुंचकर पूजा-अर्चना के बीच अपनी कुर्सी को नमन कर, सम्भाल ली।

श्री तीरथ ने कुर्सी पर बैठने से पहले सभी का अभिवादन स्वीकार करते हुए, कार्यालय में मत्था टेका। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के सूत्र वाक्य पर आगे बढ़ेगी और जनभावनाओं का सम्मान किया जाएगा। उन्होंने सभी स्टाफ को ईमानदारी और कर्तव्य निष्ठा से काम करने की सलाह भी दी।

इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने अपने निजी आवास पर बच्चों के साथ राज्य का प्रमुख त्योहार फूलदेई मनाया। उन्होंने कहा कि वसंत ऋतु का यह त्योहार सबके जीवन में सुख समृद्धि एवं खुशहाली लाए। उन्होंने कहा कि यह प्रकृति के सरंक्षण एवं हमारी संस्कृति का प्रतीक है।

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