उन्नाव/लखनऊ/नईदिल्ली 05 दिसम्बर। तेलंगाना में महिला चिकित्सक के साथ हुयी दंरिदगी से देश भर में उपजा जनाक्रोश अभी शांत भी नहीं हुआ था कि उत्तर प्रदेश के उन्नाव में दुष्कर्म की शिकार एक युवती को जिंदा जलाये जाने की घटना ने सभ्य समाज को झकझोर कर रख दिया है।
उन्नाव के बिहार क्षेत्र के हिन्दू भाटन खेड़ा गांव निवासी युवती को दुष्कर्म के आरोपियों ने गुरूवार तड़के उस समय केरोसिन डाल कर आग के हवाले कर दिया जब वह रायबरेली में अपने वकील से मिलने के लिये बैसवारा रेलवे स्टेशन को निकली थी।
लखनऊ के सिविल अस्पताल की आईसीयू में जिंदगी की जंग लड़ रही युवती काे देर शाम तक एयर एंबुलेन्स से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया है। सिविल अस्पताल के चिकित्सकों के अनुसार युवती 90 फीसदी तक जल चुकी है और उसकी हालत बेहद नाजुक बनी हुयी है।
उन्नाव: 90% जलकर भी 1 किलोमीटर तक दौड़ी रेप पीड़िता, खुद ही 100 नंबर पर किया कॉल-
उन्नाव में रेप पीड़िता को जिंदा जलाने के मामले में एक चश्मदीद सामने आया है।चश्मदीद के मुताबिक जब वह सुबह अपने घर के बाहर कुछ काम कर रहा था, तभी आग की लपटों से घिरीं हुई पीड़िता मदद के लिए उसके पास पहुंची।
उन्नाव. गैंगरेप पीड़िता (Gangrape victim) को जिंदा जलाने (Burning Alive) के मामले में एक चश्मदीद रविंद्र प्रकाश सामने आया है. उनके अनुसार जिंदा जलाए जाने के बाद पीड़िता करीब एक किलोमीटर तक दौड़ते हुए उसके पास मदद के लिए पहुंची थी।
इसके बाद उसके फोन से पीड़िता ने खुद ही 100 नंबर पर डायल किया और पुलिस को घटना की सूचना दी. पीड़िता से बात के बाद पीआरवी और पुलिस मौके पर पहुंची।
रविंद्र प्रकाश ने बताया कि वह वहां से दौड़ती हुई चली आ रही थी और बचाओ-बचाओ चिल्ला रही थी. जब हमने पूछा कौन तो उसने बताया कि अपनी पहचान बताई. रविंद्र कहते हैं, ‘हम डर गए, वह पूरी तरह से जली हुई थी. हमें लगा ये चुड़ैल है. हम पीछे भागे और डंडा उठाया इस दौरान हमने कुल्हाड़ी लाओ, कुल्हाड़ी लाओ आवाज भी लगाई.’
रविंद्र आगे बताते हैं, ‘पहचान जानने के बाद भी हमारा डर कम नहीं हुआ और उससे दूर खड़ा रखा. इसके बाद पीड़िता ने हमसे फोन मांगा और खुद ही 100 नंबर पर बात की, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और उसे लेकर चली गई.’ उधर, पुलिस ने इस मामले में 2 नामजद आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. पीड़िता के बयान के आधार पर आरोपियों को अभियुक्त बनाया गया है. उनके खिलाफ 307, 326, 506 धारा में केस दर्ज किया गया है।
इधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की तीव्र भर्त्सना करते हुये पीड़िता के मुफ्त इलाज के बंदोबस्त करने के साथ आरोपियों की गिरफ्तारी और कड़ी सजा सुनिश्चित करने के यथासंभव उपाय करने के निर्देश दिये हैं। पुलिस के अनुसार आग लगाने की घटना में शामिल सभी पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस के अनुसार दुष्कर्म के दो आरोपी जमानत पर रिहा होने के बाद पीड़िता से मामला वापस लेने का दवाब बना रहे थे जिसे नहीं मानने पर उन्होने अपने तीन साथियों के घिनौनी वारदात को अंजाम दिया। पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
गौरतलब है कि 11 जून 2017 को उन्नाव सामूहिक बलात्कार के मामले को लेकर देश भर में चर्चा का विषय बना था। दुष्कर्म पीड़ित युवती ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता और विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उनके साथियों पर बलात्कार का आरोप लगाया था। बाद में रायबरेली में एक सड़क हादसे में बलात्कार पीड़िता गंभीर रूप से घायल हो गयी थी जिसे इलाज के लिये एयर एंबुलेंस से दिल्ली भेजा गया था। इस हादसे में पीडिता के दो रिश्तेदारों की मृत्यु हो गयी थी।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पीड़ित युवती और आरोपियों में एक ने पिछले साल परिजनो की मर्जी के बगैर विवाह किया था लेकिन कुछ समय बाद दोनो ने संबंध तोड़ लिये थे।
उन्नाव के पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीन ने बताया कि पिछली मार्च को लालगंज पुलिस स्टेशन पर युवती ने शिवम और शुभम के खिलाफ सामूहिक बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज करायी थी। दोनो को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। कुछ समय पहले दोनो जमानत पर रिहा होकर जेल से बाहर आये थे।
इस बीच विपक्षी दलों ने एक सुर में घटना की तीखी भर्त्सना करते हुये राज्य की योगी सरकार को निशाने पर लिया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया “ कल देश के गृह मंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने साफ-साफ झूठ बोला कि यूपी की क़ानून व्यवस्था अच्छी हो चुकी है। हर रोज ऐसी घटनाओं को देखकर मन में रोष होता है। भाजपा नेताओं को भी अब फर्जी प्रचार से बाहर निकलना चाहिए। ”
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि महिला सुरक्षा में बुरी तरह विफल राज्य की योगी सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है। सरकार को घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुये इस्तीफा दे देना चाहिये।
उन्नाव पीड़िता का सरकारी खर्च पर किया जायेगा उपचार : योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्नाव के बिहार क्षेत्र में हुई घटना का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को सरकारी खर्च पर पीड़िता को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के गुरूवार को निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों को आरोपियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने और न्यायालय से प्रभावी दण्ड दिलाने कार्यवाही करने के निर्देश दिये है।
उन्नाव में बलात्कार पीड़िता को जलाने की घटना पर राज्यसभा में हंगामा और निन्दा
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के चर्चित बलात्कार कांड की पीड़िता को जिंदा जलाने की घटना को लेकर विपक्ष के भारी हंगामें के बाद राज्यसभा ने गुरुवार को इसकी निन्दा की और इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम देने वाले लोगों को समाज से अलग-थलग करने पर जोर दिया।
सुबह सदन की कार्यवाही शुरु होने पर कांग्रेस समेत विपक्ष के सदस्यों ने इस मामले को उठाने की अनुमति नहीं मिलने पर हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गयी । भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही शुरु होने पर विपक्ष के सदस्यों ने फिर इस मुद्दे को लेकर हंगामा किया जिसके कारण सदन की बैठक आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गयी ।
इसके बाद इस मुद्दे पर सदन में हुई संक्षिप्त चर्चा के बाद सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं में तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिये, जिससे समाज में संदेश जाये। उन्होंने कहा कि पूरा सदन इस घटना की निन्दा करता है।
उन्होंने कहा कि कई सदस्यों ने उनके कक्ष में इस मामले की जानकारी दी थी। इसके बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव से बात की। यह घटना आज सुबह साढे चार बजे की है। घटना के बाद कुछ लोगों को हिरासत में ले लिया गया है।
समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि उन्नाव जिले के विहार में 12 दिसम्बर 2018 को बलात्कार की शिकार महिला को आज सुबह जलाने का प्रयास किया गया।
बलात्कार के तीन आरोपी जमानत पर जेल से रिहा हुये थे। उन्होंने कहा कि अभियुक्तों ने जलाने का प्रयास किया, जिसके कारण महिला 90 प्रतिशत जल गयी है और अस्पताल में भर्ती है ।
श्री यादव ने कहा कि कल चित्रकुट में बलात्कार की एक घटना को अंजाम दिया गया । इससे पहले संभल में बलात्कार के बाद एक महिला को जलाया गया था। महिलाओं पर यह अनाचार असहनीय है। राज्य सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह बलात्कार पीड़िता को सुरक्षा दे। उच्च्तम न्यायालय का इस संबंध में दिशानिर्देश भी है ।