रामघाट पर देवराज इन्द्र और मुख्यमंत्री दोनों ने
भगवान महाकाल का जलाभिषेक किया
उज्जैन 20 अगस्त। सोमवार को भगवान महाकालेश्वर की चौथी और श्रावण मास की अन्तिम सवारी के दौरान पालकी जैसे ही रामघाट पहुंची, वहां देवराज इन्द्र ने वर्षा से और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कलश के द्वारा भगवान महाकालेश्वर का जलाभिषेक किया।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सपरिवार भगवान महाकालेश्वर का पूजन-अर्चन किया। इसके बाद रूद्रपाठ किया गया। पंचोपचार से भगवान महाकालेश्वर की पूजा की गई। मां शिप्रा का जल भगवान को अर्पित किया गया और नैवेद्य के उपरान्त भगवान महाकालेश्वर की मुख्यमंत्री द्वारा आरती की गई।
इस दौरान रामघाट पर पुलिस बैण्ड द्वारा भगवान महाकालेश्वर की आरती की धुन बजाई गई। रामघाट से नगर भ्रमण के लिये निकलने पर पुलिस बल द्वारा भगवान महाकालेश्वर को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। शासकीय पूजन पं.आशीष गुरू और प्रदीप गुरू द्वारा करवाया गया। दत्त अखाड़े के महन्त द्वारा भी भगवान महाकाल के लिये पूजन सामग्री भिजवाई गई।
इस दौरान सांसद प्रो.चिन्तामणि मालवीय, उज्जैन दक्षिण के विधायक डॉ.मोहन यादव, तराना विधायक श्री अनिल फिरोजिया, यूडीए अध्यक्ष श्री जगदीश अग्रवाल, पं.राहुल जोशी, हिमांशु जोशी, आशुतोष जोशी, पं.शैलेन्द्र शर्मा, पं.मंगेश शर्मा, भस्म आरती मण्डली से पं.गणेश पुजारी, पं.दीपक शर्मा, पं.संजय जोशी एवं भारी तादाद में श्रद्धालुगण घाट के दोनों ओर मौजूद थे। (
श्रावण की सवारी में भक्तिरस और पानी दोनों में सराबोर हुए शिवराज
श्रावण के चौथे सोमवार को बाबा महाकाल की सवारी में पूरे समय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान पत्नी श्रीमती साधना सिंह एवं पुत्रों सहित नंगे पैर चले। इस दौरान वे भक्तों के साथ-साथ झांझ-मजीरे बजाते हुए स्वयं भी भक्ति में डूब गए। पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।
बाबा महाकाल की सवारी का इन्द्रदेव द्वारा बारिश के जल से अभिषेक किया गया। अन्दर से भक्तिरस और ऊपर से अमृत रस ने शिवराज को अन्दर बाहर दोनों ओर से सराबोर कर दिया। लगातार होती बारिश ने भक्तों के उत्साह को कम करने के स्थान पर बढ़ाया और पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।
अवंतिकानाथ राजाधिराज भगवान श्री महाकाल राजसी ठाट-बाट के साथ नगर भ्रमण पर निकले भगवान महाकाल ने भक्तों को चार रूपों में दिये दर्शन
अवंतिकानाथ राजाधिराज भगवान श्री महाकाल श्रावण माह के चौथे सोमवार को राजसी ठाट-बाट के साथ अपनी प्रजा को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकले।
भगवान श्री महाकाल ने अपनी प्रजा को चार रूपों में दर्शन दिये। सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चंद्रमोलीश्वर के स्वरुप का पूजन-अर्चन मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सपरिवार तथा केंद्रीय मंत्री सुश्री उमा भारती, उच्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया ने किया। पूजन प. घनश्याम शर्मा एवं आशीष पुजारी द्वारा करवाया गया।
पूजन करने के बाद निर्धारित समय पर भगवान श्री चंद्रमोलीश्वर की पालकी को नगर भ्रमण के लिये मुख्यमंत्री ने कन्धा देकर रवाना किया गया।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान परिजनों के साथ सवारी के आगे चलते हुवे मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुचे। मंदिर द्वार पर पुलिस बल द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर के पश्चात सवारी श्री महाकाल रोड, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी, होते हुए रामघाट पहुची। जहा पर श्री मनमहेश व चन्द्रमौलीश्वर भगवान का माँ क्षिप्रा के जल से अभिषेक होने के बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होती हुई श्री महाकालेश्वर मंदिर के लिए रवाना हुई। सवारी के साथ पर्याप्त संख्या में घुडसवार, पुलिस बल, नगर सैनिक, विशेष सशस्त्र बल की टुकडियां तथा पुलिस बैंड तथा भजन मंडलिया भी शामिल थी।
चतुर्थ सवारी में भगवान श्री महाकाल ने उमा-महेश के स्वरूप में भक्तों को दर्शन दिये। रजतजडित पालकी में भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर विराजित थे और हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड रथ पर श्री शिव तांडव की प्रतिमा और नंदी रथ पर श्री उमा-महेश विराजित थे।
पाचवी सवारी में डोल पर होलकर स्टेट का मुखारविंद शामिल होगा
27 अगस्त को पाचवी सवारी निकाली जायेगी। पाचवी सवारी में श्री चन्द्रमौलेश्वर पालकी में, श्री महमहेश हाथी पर, श्री शिव ताण्डव की प्रतिमा गरूड पर, श्री उमा-महेश बैल पर के अतिरिक्त डोल पर होलकर स्टेट का मुखारविंद सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलेगे। अंतिम शाही सवारी सोमवार 03 सितम्बर को राजसी ठाट-बाट के साथ निकलेगी।attacknews.in