उज्जैन 16 अक्टूबर । श्री महाकालेश्वर मंदिर में बढती दर्शनार्थियों से संबंधित व्यवस्था को ध्यान रखते हुए साथ ही स्मार्ट सिटी के द्वारा किये जाने वाले विस्तार कार्यों को देखते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति का एक दल विश्व प्रसिद्ध तिरूमाला तिरूपति देवस्थानम् ( TTD) मंदिर गया। जिसमें श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक श्री सुजान सिंह रावत, मंदिर समिति सदस्य श्री आशीष पुजारी, श्री विजयशंकर पुजारी, श्री दीपक मित्तल, उपप्रशासक श्री आशुतोष गोस्वामी, उज्जैन विकास प्राधिकरण के श्री के सी पाटीदार , आर्किटेक श्री नितिन श्रीमाली, मंदिर सुरक्षा अधिकारी सुश्री रूबी यादव शामिल थे। वहॉ दल ने वहॉ की दर्शन व्यवस्था, अन्नक्षेत्र, लड्डू प्रसाद, धर्मशाला आदि व्यवस्थाओं का गहराई से अध्ययन किया।
प्रारंभ में दल ने तिरूमाला तिरूपति देवस्थानम् के पूर्व सदस्य से सौजन्य भेंट की। उसके पश्चात ट्रस्ट के ज्वाईंट एग्जिकिटिव ऑफिसर श्री धर्मा रेड्डी व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से भेंट कर ट्रस्ट के प्रबंधन संबंधित व्यवस्थाओं को समझा। तिरूपति से तिरूमाला देवस्थानम् 30 किलोमीटर देर पहाडी पर स्थित है। जो दस वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, TTD द्वारा समस्त निजी भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया है। समस्त भूमि पर ट्रस्ट के माध्यम से प्रकल्प संचालित किये जा रहे है। तिरूमाला तिरूपति देवस्थानम् एक स्वायत्तता (आटोनॉमस) संस्था के रूप में कार्य कर रही है, जिसका वार्षिक बजट रूपये 3700 करोड़ है, जिसमें हुण्डी से प्राप्त दानराशि लगभग रू. 3 से 4 करोड़ प्रतिदिन है एवं मंदिर द्वारा संचालित विभिन्न प्रकल्पों, आवास, प्रसाद, दुकानें, कल्याण कट्टा (केश दान) से प्रतिदिन रूपये 3 से 4 करोड़ की आय प्राप्त होती है। मंदिर के पास रू. 1700 करोड़ की FD है। वहां 23 हजार कर्मचारी कार्यरत है जिसमें 13 हजार मंदिर ट्रस्ट कर्मचारी है बाकी सभी आउट सोर्सिंग के माध्यम से कार्य कर रहे है।
तिरूमाला तिरूपति देवस्थानम् दर्शन व्यवस्था
देवस्थानम् में प्रतिदिन 80 से 90 हजार भक्त व्यंकटेश स्वामी के दर्शन हेतु आते है। सामान्य दर्शनार्थियों को 18 से 20 घण्टे का समय लगता है। बडे त्यौहारों पर 48 घण्टे से ज्यादा का समय लगता है। गर्भगृह में प्रवेश वर्जित है, श्रद्धालु 50 से 60 फीट तक की दूरी से दर्शन प्राप्त करते है। पूरी दर्शन व्यवस्था दो कॉम्प्लेक्स में विभाजित है। प्रत्येक कॉम्प्लेक्स में 31 कम्पार्टमेन्ट है। एक कम्पार्टमेन्ट (वेटिंग हॉल) में 400 से 450 भक्त आ सकते है। ऐसे दो कम्पार्टमेन्ट के मध्य में दर्शन हेतु कतार में लगे श्रद्धालुओं को भोजन, नाश्ता, पानी, शौचालय आदि मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त रूपये 300 में शीघ्र दर्शन की व्यवस्था है, जो पूर्णरूप से ऑनलाईन है। जिसमें लगभग 5 से 6 घण्टे में भक्तों को दर्शन होते है। वृद्ध, दिव्यांग हेतु अलग से समय निर्धारित है। साथ ही VIP हेतु भी समय निर्धारित है तथा उनसे दान स्वरूप रू. 500 लिये जाते है।
सामान जमा करने की व्यवस्था
तिरूमाला तिरूपति देवस्थानम् में रू. 10 का बारकोड जनरेटेड कार्ड मिलता है जिसमें श्रद्धालुओं को फोटो खीचकर बारकोड दिया जाता है। जो हर श्रद्धालु को लेना आवश्यक है। जिसके माध्यम से मोबाईल, पर्स, कैमरा, जूता आदि सामान काउन्टर पर जमा कर न्यूनतम 3 घण्टे बाद निर्गम द्वार से प्राप्त कर सकते है। यह पूरी व्यवस्था पूर्ण रूप से कम्प्युटर सॉफ्टवेयर पर आधारित है और इसे आउट सोर्सिंग कंपनी DITIPL के माध्यम से की जाती है। सभी वस्तुओं पर बारकोडिंग की जाती है।
अन्नक्षेत्र व्यवस्था
देवस्थानम् में 4 बडे हॉल है जिसमें एक हॉल में लगभग 1 हजार श्रद्धालु भोजन प्रसाद ग्रहण कर सकते है। जहां परंपरागत रूप से दक्षिण भातीय व्यंजन केले के पत्ते पर परोसे जाते है। सब्जी आस-पास के क्षेत्र से पूर्णत: दान में प्राप्त होती है।
प्रसाद व्यवस्था
तिरूमाला तिरूपति देवस्थानम् में रू. 10 की रसीद पर 1 लड्डू नि:शुल्क दिया जाता है। दो लड्डू के रू. 25, 4 लड्डू रू. 70 में मिलते है। लड्डुओं का विक्रय संख्या पर आधारित है।
धर्मशाला व्यवस्था
तिरूमाला तिरूपति देवस्थानम् में ऑनलाईन कमरे बुकिंग की सुविधा उपलब्ध है जिसमें रू. 300 की शीघ्र दर्शन टिकिट की बुकिंग के बाद ही कमरों की बुकिंग की जा सकती है। ट्रस्ट के पास 7500 के 2 सीटर कमरे उपलब्ध है। VIP एवं VVIP हेतु भी गेस्ट हाउस उपलब्ध हैं। जिनका शुल्क रू. 2500 व उससे अधिक का है। रू. 50 से 100 में भी ठहरने की व्यवस्था उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त नि:शुल्क डॉरमेट्री हॉल भी उपलब्ध है, जिनमें लॉकर की व्यवस्था है।
सुरक्षा व्यवस्था
तिरूमाला तिरूपति देवस्थानम् में वरिष्ठ IPS स्तर के अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था हेतु नियुक्त है। हर कॉम्प्लेक्स में एक सुरक्षा अधिकारी नियुक्त है। संपूर्ण परिसर का कंट्रोल 1700 CCTV कैमरों के माध्यम से किया जाता है। जिसमें सभी स्थानों पर फेस रिकॉग्नाईजेशन कैमरे लगे हुए है, जो अपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए सहायक है।
मंदिर समिति द्वारा निरीक्षण हेतु गये दल को प्रत्येक शाखा के अधिकारी ने पूर्ण समय देकर अच्छे से व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी दी। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की ओर से ज्वांईन्ट एग्जिकिटिव ऑफिसर श्री धर्मा रेड्डी को श्री महाकालेश्वर भगवान के दर्शन व व्यवस्था से संबंधित सुझाव हेतु आमंत्रित किया गया। जिसको उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया। मंदिर द्वारा गये दल ने वहां के अन्नक्षेत्र में परोसगारी भी की।
दल के निरीक्षण के दौरान 13 अक्टूबर रविवार को शरद पूर्णिमा के दिन गरूडोत्सवम् की सवारी निकाली गई। जिसमें बडी संख्या में श्रद्धालु दोनों तरफ खडे होकर दर्शन कर रहे थे। साथ ही पालकी करीब आने पर पालकी के नीचे से गुजर रहे थे। इस दौरान सभी भक्तों के मध्य अनुशासन बना हुआ था।
व्यवस्थाओं का जायजा लेने हेतु गये दल द्वारा श्री महाकालेश्वर मंदिर में भी आम श्रद्धालुओं से जुडी हुई व्यवस्थाओं को सुविधा अनुरूप लागु किये जाने पर विचार किया जा सकता है।