उज्जैन 24 जनवरी। लोक निर्माण एवं पर्यावरण तथा उज्जैन जिले के प्रभारी मंत्री श्री सज्जनसिंह वर्मा ने आज सिंहस्थ मेला कार्यालय में प्रेस से चर्चा करते हुए कहा कि यूं तो वे उज्जैन से काफी पहले से जुड़े हैं, किन्तु इस बार शक्ति लेकर आये हैं। निश्चित रूप से अच्छे काम होंगे।
उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग में उनके द्वारा अधिकारियों को रोडमेप बनाने के निर्देश दे दिये गये हैं। प्रदेश में 50 नये रेलवे ओवर बिजों के प्राक्कलन तैयार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यावरण भी दूषित हो रहा है। इस पर भी कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गई है।
प्रभारी मंत्री ने कहा कि पिछले वर्षों में चम्बल दूषित हो रही है। इसको रोकने के लिये संयंत्र लगाने की कार्यवाही करवाई जायेगी।
प्रभारी मंत्री श्री सज्जनसिंह वर्मा ने प्रेसवार्ता में कहा कि अब कोई भी कल-कारखाने, उद्योग प्रदूषण निवारण के संयंत्र लगाये बिना प्रदेश में कार्यशील नहीं रह सकेंगे। इसकी कड़ी मॉनीटरिंग की जायेगी।
श्री वर्मा ने कहा कि शिप्रा नदी के प्रदूषण को रोकने के लिये देवास जिले से सात उद्योगों को नोटिस जारी करवा दिया गया है। वहां पर संयंत्र लगना प्रारम्भ हो गये हैं।
पत्रकारों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए श्री वर्मा ने कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा के लिये कानून बनाने के साथ वकील प्रोटेक्शन एक्ट भी लाया जा रहा है। सवर्ण गरीबों को आरक्षण के सम्बन्ध में भी शीघ्र कार्यवाही होगी।
प्रेसवार्ता में विधायक श्री रामलाल मालवीय, श्री दिलीप गुर्जर, श्री महेश परमार, श्री मुरली मोरवाल, कलेक्टर श्री शशांक मिश्रा, पुलिस अधीक्षक श्री सचिन अतुलकर मौजूद थे।
जिला योजना समिति की बैठक:
पेयजल समस्या दूर करने के लिये 7 दिवस में
कार्य योजना बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश
कर्ज माफी के लिये निगरानी समिति गठित होगी
प्रदेश के लोक निर्माण एवं पर्यावरण तथा उज्जैन जिले के प्रभारी मंत्री श्री सज्जनसिंह वर्मा ने कहा है कि उज्जैन जिले में विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों व नगरीय निकायों में आने वाले समय में होने वाली पेयजल समस्या की पहचान अभी से करके इसको दूर करने के लिये सात दिवस में कार्य योजना बनाकर स्वीकृति ले ली जाये।
उन्होंने कलेक्टर को निर्देशित किया कि जय किसान फसल ऋण माफी योजना के अन्तर्गत विभिन्न सहकारी संस्थाओं में किसानों के फर्जी लोन की शिकायतों की गंभीरता से जांच की जाये। इसके लिये निगरानी समिति गठित करने एवं दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने को कहा है।
प्रभारी मंत्री श्री वर्मा ने आज सिंहस्थ मेला कार्यालय में जिला योजना समिति की बैठक में उक्त आशय के निर्देश दिये।
बैठक में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन यंत्री श्री सुनील उदिया ने जिले की पेयजल व्यवस्था के बारे में अवगत कराते हुए बताया कि जिले में कुल 8960 हैण्ड पम्प स्थापित हैं, जिनमें से 8462 हैण्ड पम्प चालू हालत में हैं व 498 बन्द हैं। बन्द हैण्ड पम्पों में 41 साधारण खराबी से एवं 457 जलस्तर गिरने से बन्द हैं। साधारण खराबी से बन्द हैण्ड पम्पों का संधारण शीघ्र ही कर दिया जायेगा। इसी तरह जिले में कुल 253 नल जल योजनाएं क्रियान्वित हैं। इनमें से 226 चालू स्थिति में हैं, शेष 27 बन्द हैं। कार्यपालन यंत्री ने बताया कि वर्ष 2018-19 में 275 हैण्ड पम्प बसाहट योजना से, 24 मुख्यमंत्री नल जल योजना के तहत तथा 23 नल जल योजनाएं चालू करने का लक्ष्य निर्धारित था। इसमें से 155 हैण्ड पम्प का खनन हो चुका है तथा 17 नल जल योजनाएं पूर्ण की जा चुकी हैं।
बैठक में विधायक श्री रामलाल मालवीय ने घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में जलस्तर नीचे गिरने की बात कही तथा प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 10-10 हैण्ड पम्प खनन किये जाने की मांग रखी।
बड़नगर विधायक श्री मुरली मोरवाल ने भी उनके क्षेत्र में पेयजल समस्या पर प्रकाश डालते हुए ग्रीष्म ऋतु में आने वाले पेयजल संकट की तैयारी अभी से करने के लिये कहा है।
तराना विधायक श्री महेश परमार ने इस वर्ष उज्जैन जिले में बारिश कम होने से जिले की 609 ग्राम पंचायतों में पेयजल संकट आने की बात रखी। उन्होंने कहा कि बन्द नल जल योजनाओं को प्रारम्भ करने एवं आवश्यकता अनुसार हैण्ड पम्प खनन की मंजूरी दी जाये।
खाचरौद विधायक श्री दिलीप गुर्जर ने खाचरौद नगरीय निकाय में प्रतिदिन पेयजल वितरण करने के निर्देश देते हुए इसके लिये आवश्यक व्यवस्था करने को कहा।
प्रभारी मंत्री ने उक्त सभी मांगों पर काम करने के निर्देश कार्यपालन यंत्री को दिये हैं।
पेयजल परिरक्षण अधिनियम सख्ती से लागू किया जाये
बैठक में विधायकगण एवं योजना समिति के सदस्यों ने विभिन्न जलाशयों से पानी की चोरी रोकने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि पेयजल के लिये आरक्षित पानी का दुरूपयोग होगा तो आने वाले समय में जिले में जल संकट गहरा जायेगा। प्रभारी मंत्री ने पेयजल परिरक्षण अधिनियम को सख्ती से लागू कराने के निर्देश कलेक्टर को दिये हैं।
फसल ऋण माफी की नीति का दुरूपयोग करने वाले के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होगी
बैठक में जय किसान फसल ऋण माफी योजना के बारे में चर्चा की गई। प्रभारी मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पदभार ग्रहण करते ही दो घंटे में वचन-पत्र में कही गई बात के अनुसार किसानों के फसल ऋण माफी की घोषणा कर दी है। प्रभारी मंत्री ने कहा कि कर्ज माफी में सबसे बड़ी समस्या यह आ रही है कि सहकारी बैंकों से जिन किसानों ने 50 हजार कर्जा लिया था, उनको भी दो लाख के कर्ज माफी की सूचना दी जा रही है। इस तरह के घोटालों से शासन की बदनामी होती है और किसान के हितों की रक्षा नहीं की जा सकती है।
उन्होंने कलेक्टर को निगरानी समिति बनाकर सभी सहकारी समितियों के ऋण की जांच करवाने के निर्देश दिये तथा ऐसे लोगों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करने को कहा है जो शासन की नीतियों का दुरुपयोग कर रहे हैं।
प्रभारी मंत्री ने कलेक्टर को प्रत्येक सब-डिवीजन में विधायक एवं एसडीएम की संयुक्त समिति में ऐसे प्रकरणों की जांच करवाने को कहा है।
बैठक में जिला योजना समिति के सदस्य श्रीमती अनीता राठौर, श्री द्वारकाधीश शर्मा, श्रीमती अनीता परासिया, श्री ईश्वरसिंह चौहान, श्रीमती गीताबाई डाबी, श्रीमती प्रमिला त्रिवेदी तथा श्रीमती मंजूबाई मालवीय मौजूद थे।
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