उज्जैन 5 अक्टूबर । न्यायालय अफजल खान न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जिला उज्जैन के न्यायालय द्वारा आरोपीगण-सिमी का महासचिव सफदर हुसैन पिता जहीरूल हसन नागौरी निवासी महिदपुर,,मोहम्मद मुनीर पिता मुन्नबर देशमुख निवासी शाहपुरा हबीबगंज भोपाल को धारा 153-क भा.द.वि. में आरोपीगणों को 03-03 वर्ष के सश्रम कारावास तथा 1000-1000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। इसमें सफदर नागौरी को वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा सजा सुनाई गई ।
उप-संचालक अभियोजन डॉ साकेत व्यास ने अभियोजन घटना अनुसार बताया कि, दिनांक 05 नवम्बर 1998 को थाना प्रभारी महाकाल जी.जी.पाण्डेय,जो कि महाकाल मंदिर इंतजाम एवं सर्कल भ्रमण के दौरान थे, वह तोपखाना क्षेत्र में तोपखाना तिराहे पर एक सभा चल रही थी,वहां पहुंचें और सभा रात लगभग 09 बजे से 11ः40 तक चली।
इस सभा में 300-400 लोग मौजूद थे जिसमें मुख्य प्रवक्ता सफदर नागौरी, मुनीर तथा सैयद सलाउद्दीन थे जिन्होंने अपने भाषण में वहां पर मौजूद लोगों के बीच में धार्मिक एवं साप्रदायिक भावना भडकाने सबंधी भाषण दिये जो कि सभा में उपस्थित व्यक्तियों को उत्तेजित करने वाले थे।
इस पर थाना प्रभारी द्वारा उक्त घटना के संबंध में थाना महाकाल पर आरोपीगण के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्व की गई। अनुसंधान के दौरान आरोपीगण को गिरफ्तार किया गया। आवश्यक विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में पेश किया गया।
दण्ड के प्रश्न पर आरोपीगण के द्वारा न्यायालय से निवेदन किया कि उनके प्रति सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाये। अभियोजन अधिकारी श्री महेश चंद्रावत द्वारा न्यायालय से निवेदन किया कि आरोपीगण द्वारा सभा में उपस्थित व्यक्तियों की सांप्रदायिक भावना भडकाने वाले भाषण दिये हैं जो कि माफी योग्य नही हैं इन्हें कठोर से कठोर सजा दी जाना चाहिए। अभियोजन के तर्काे से सहमत होकर आरोपीगणों को दण्डित किया गया।
आरोपी सैयद सलालुद्दीन की विचारण के दौरान मृत्यु हो गयी थी।
आरोपी सफदर नागौरी को वी.सी(वीडियो कांफ्रेसिंग) के माध्यम से सजा सुनाई गई।
प्रकरण में शासन की ओर से महेश चंद्रावत, ए.डी.पी.ओ. जिला उज्जैन द्वारा पैरवी की गई।