कोलकाता 14 मार्च ।पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने रविवार को कहा कि उन्हें लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करने से कोई भी चीज नहीं रोक सकती।
सुश्री बनर्जी ने दक्षिण कोलकाता के हाजरा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुये कहा, “मुझे चोट लगी है और मैं अस्वस्थ हूं लेकिन मेरा लक्ष्य बरकरार है। मेरा शरीर चोटों से भरा है।”
उन्होंने कहा, “मैं इस व्हीलचेयर पर बैठकर पूरा बंगाल घूमती रहूंगी। अगर में बेड रेस्ट पर चली जाती हूं तो बंगाल के लोगों तक कौन पहुंचेगा।”
मुख्यमंत्री 10 मार्च केा नंदीग्राम में चुनाव अभियान के दौरान गिरकर घायल हो गई थीं और उनके बायें पैर पर प्लास्टर भी चढ़ाया गया था। उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है लेकिन उन्हें अभी भी व्हीलचेयर पर बैठकर चुनाव अभियान करना पड़ रहा है।
सुश्री बनर्जी ने कहा है कि लोकतंत्र के लिए दर्द उनके शरीर पर लगे चोट से बड़ा है। उन्होंने कहा, “मैं कभी झुकूंगी नहीं। याद रखें, एक घायल बाघ बेहद खतरनाक होता है।”
शहीदों’ के सम्मान में नंदीग्राम में बंगाल विरोधी ताकतों से लड़ने का फैसला किया: ममता बनर्जी
ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में 2007 में पुलिस की गोलीबारी में मारे गए आंदोलनकारियों को रविवार को श्रद्धांजलि दी और कहा कि उन्होंने ‘शहीदों’ के सम्मान में इस निर्वाचन क्षेत्र में ‘बंगाल विरोधी’ ताकतों से लड़ने का फैसला किया है।
नंदीग्राम सीट पर अपने पूर्व सहयोगी और भाजपा प्रत्याशी शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ चुनाव लड़ रही बनर्जी ने कहा कि किसान पश्चिम बंगाल का गौरव हैं और प्रदेश सरकार उनके विकास के लिए अथक काम कर रही है।
बनर्जी ने ट्वीट किया, “2007 में आज के ही दिन बेगुनाह ग्रामीणों को नंदीग्राम में गोलीबारी कर मार दिया गया था। कई लोगों के शव मिल भी नहीं सके। यह राज्य के इतिहास का काला अध्याय था। जान गंवाने वालों को दिल से श्रद्धांजलि।”
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) 14 मार्च को ‘नंदीग्राम दिवस’ के तौर पर मनाती है। पार्टी 2007 में जमीन अधिग्रहण विरोधी आंदोलन के दौरान इस दिन पुलिस की गोलीबारी में मारे गए लोगों के सम्मान में यह दिवस मनाती है। इस घटना से देशभर में रोष व्याप्त हो गया था और कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मामले का स्वत: संज्ञान लेकर सीबीआई जांच के आदेश दिए थे।
मुख्यमंत्री ने एक अन्य ट्वीट किया, “ नंदीग्राम में अपनी जान गंवाने वालों की याद में हम 14 मार्च को कृषक दिवस के तौर पर मनाते हैं और कृषक पुरस्कार देते हैं। किसान हमारा गौरव हैं और हमारी सरकार उनके सर्वांगीण विकास के लिए काम कर रही है।”
बनर्जी ने कहा कि नंदीग्राम में ‘शहीदों’ के परिवारों के साथ काम करना उनके लिए सम्मान की बात है।
उन्होंने कहा, “ मैं नंदीग्राम के अपने भाइयों और बहनों के प्रोत्साहन से इस ऐतिहासिक स्थल से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर बंगाल चुनाव 2021 लड़ रही हूं। यहां होना और बंगाल विरोधी ताकतों के खिलाफ शहीद परिवारों के सदस्यों के साथ काम करना मेरे लिए बड़े सम्मान की बात है।”
बनर्जी 2007 में विपक्षी टीएमसी की नेता थी और उन्होंने नंदीग्राम तथा सिंगूर में औद्योगिकीकरण के लिए कृषियोग्य भूमि अधिग्रहण करने को लेकर वाम मोर्चा सरकार के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई की थी।
उनकी पार्टी को इसका फायदा भी मिला था और 2008 में 50 प्रतिशत पंचायत सीटों पर उनकी पार्टी के उम्मीदवार जीते थे तथा 2009 के लोकसभा चुनाव में टीएमसी को 19 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इसके बाद 2011 के विधानसभा चुनाव में भी टीएमसी जीती थी और इस प्रकार राज्य में वाम मोर्चे के 34 साल लंबे शासन का अंत हो गया था।
राज्य की 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए आठ चरणों में चुनाव होगा जो 27 मार्च से 29 अप्रैल तक चलेगा। नतीजों का ऐलान दो मई को होगा।