अगरतला, 07 जून। त्रिपुरा में एक महिला की अश्लील वीडियो को सार्वजनिक करने और बाद में उसके साथ अमानवीय बर्ताव करने से क्षुब्ध होकर आत्महत्या करने की घटना पर उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने तीन सदस्यीय विशेष जांच टी (एसआईटी) का गठन किया है, जो इस पूरे मामले की जांच करेगी।
गौरतलब है कि दक्षिण त्रिपुरा के सबरूम में एक स्थानीय पंचायत में एक महीने पहले सार्वजनिक तौर पर उसका अपमान करने के बाद कथित तौर पर महिला ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया।
सेंट्रल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट ऑफ पुलिस के कमांडेंट लकी चौहान और दो अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों में दक्षिण त्रिपुरा में बेलोनिया के एसडीपीओ सौम्या देबबर्मा और त्रिपुरा मानवाधिकार आयोग की प्रभारी बबीता भट्टाचार्जी के नेतृत्व में एसआईटी टीम गठित की गई है और उन्हें निर्देश दिया कि जांच जल्द से जल्द पूरी की जाए।
दो दिन पहले स्वत: संज्ञान लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश अकील ए कुरैशी और न्यायमूर्ति सुभाषिश तलापात्रा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह सबरूम की 23 वर्षीय गृहिणी की आत्महत्या की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी गठित करे।
बेतागा एडीसी गांव के बीरेंद्र चौमुहानी बाजार में एक पंचाट बैठक के दौरान बड़े पर्दे पर बुजुर्गों के सामने उसके विवाहेतर संबंधों का एक अश्लील वीडियो प्रदर्शित किया गया था।
महिला की मौत के कुछ दिनों बाद उसके पति ने भी सामाजिक अपमान से परेशान होकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।
पीड़िता के परिवार ने आरोप लगाया कि वीडियो देखने के बाद अगली सुबह स्थानीय लोग महिला के घर के सामने जमा हुए और उसे जूतों की माला पहनाई, बाल काटे और उसे पूरी तरह से नग्न किया गया और फिर पूरे गांव में रस्सी से बांधकर उसे घसीटा गया।
महिला को सार्वजनिक तौर पर प्रताड़ित किया गया जिसके बाद महिला ने घर लौटते हुए जहर खा लिया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
पुलिस ने हालंकि इस घटना के संबंध में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है, परिवार ने महिला के कुछ पड़ोसियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
जिसमे कहा गया कि पड़ोसियों ने महिला को आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया था।
उन्होंने आरोप लगाया कि उसके बसंत त्रिपुरा के साथ संबंध थे, जिसने बिना बताए उसकी अश्लील वीडियो बनायी थी।
बाद में जब उसकी महिला के साथ किसी बात को लेकर अनबन हो गई, तो आरोपी बसंत ने इस अश्लील वीडियों को स्थानीय भाजपा नेताओं कमल त्रिपुरा और सजल त्रिपुरा के साथ साझा किया, जिन्होंने कथित तौर पर इसे ग्रामीणों के सामने प्रदर्शित किया।
अदालत ने पाया कि पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत घटना की प्राथमिकी दर्ज की है और अभी पूरी जांच नहीं हो पाई है।
उच्च न्यायालय ने आगे की जांच के लिए सरकार को एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया है।
अदालत ने एसआईटी को 25 जून को निर्धारित अगली सुनवाई से पहले अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपने का भी निर्देश दिया।