चंडीगढ़, 16 अक्तूबर। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शौर्य चक्र विजेेता कामरेड बलविंदर सिंह की अज्ञात लोगों द्वारा गोली मार हत्या किये जाने के मामले में फिऱोज़पुर के उप महानिरीक्षक(डीआईजी) के नेतृत्व में विशेष जांच टीम (एस.आई.टी.) गठित करने के आदेश दिए हैं।
कैप्टन सिंह ने बलविंदर सिंह की मौत पर दुख प्रकट करते हुए पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता को इस मामले की त्वरित जांच करने के आदेश दिए ताकि दोषियों को पकड़ कर उनके खि़लाफ़ कानूनी कार्रवाई की जा सके। घटना काे गंभीरता से लेते हुये उन्हाेंने कहा कि एसआईटी इस घटना की सभी कोणों से जांच करेगी और जो भी इसमें दोषी पाया गया उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह भिखीविंड की हत्या का घटनाक्रम
पंजाब में आंतकवाद दौर में आंतकवादियों का बहादुरी से सामना करने वाले शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह भिखीविंड की शुक्रवार को तरनतारन के भिखीविंड में स्थित उनके निवास पर कुछ अज्ञात लोगों ने गोली मार कर हत्या कर दी।
श्री सिंह की पत्नी जगदीप कौर ने बताया कि सुबह करीब 07:00 बजे हुई कुछ अज्ञात लोग उसके घर में घुसे और बलविंदर सिंह पर गोलियां चलाना शुरू कर दिया जिससे उनकी मौत हो गयी।
श्री सिंह के भाई रंजीत सिंह ने दावा किया है कि हमले के पीछे आतंकवादी हो सकते हैं , हालांकि पुलिस ने अभी पक्के तौर पर ऐसा कुछ नहीं कहा है।
मौके पर पहुंची पुलिस और प्रशासन के अधिकारी आवश्यक जांच कर रहे हैं।
आरएमपीआई की जिला कमेटी के सदस्य और कामरेड हरकिशन सिंह सुरजीत के साथी रह चुके कामरेड बलविंदर पंजाब में बहादुरी के साथ आतंकवादियों का मुकाबला करने के लिए कामरेड बलविंदर सिंह भिखीविंड तथा उनके पूरे परिवार को साल 1993 में राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा द्वारा शौर्यचक्र से सम्मानित किया था। उनके साथ उनकी पत्नी जगदीप कौर, भाई रणजीत सिंह और भुपिंदर सिंह को भी शौर्यचक्र और शाल दे कर सम्मानित किया गया था। उनके परिवार के सदस्यों को संदेह है कि उनकी हत्या के पीछे आतंकवादी हो सकते हैं।
राज्य में आंतकवाद दौरान श्री बलविंदर सिंह का आंतकवादियों के साथ 13 बार मुकाबला हुआ था। उन्होने तथा उनके परिवार ने बड़ी बहादुरी से आंतकबादियों को परास्त किया था। उनकी बहादुरी को देखते हुए राष्ट्रपति ने उन्हे शौर्यचक्र से सम्मानित किया था।
पंजाब सरकार ने हाल ही में श्री सिंह की सुरक्षा हाल ही में वापस ले ली थी। उन्होने फैसले का विरोध किया था क्योंकि उस पर पूर्व में भी हमला किया गया था। 2017 में, कुछ अज्ञात हमलावरों ने उनके आवास पर कई राउंड गोलियां चलाई थीं। सौभाग्य से हमले के दौरान उनके परिवार के सदस्यों में से कोई भी घायल नहीं हुआ।