इंदौर, 18 नवंबर । ओलंपिक खेलों में दो बार पदक जीतने वाले सुशील कुमार को यहां राष्ट्रीय कुश्ती चैम्पियनशिप के 74 किलोग्राम फ्रीस्टाइल वर्ग के क्वार्टरफाइनल, सेमीफाइनल और फाइनल में मिले वॉक ओवर पर सवाल खड़े किये जा रहे हैं। लेकिन तीन साल बाद मैट पर वापसी के बाद इस प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने वाले दिग्गज खिलाड़ी का कहना है कि तीनों अहम मुकाबलों में प्रतिद्वंद्वी पहलवानों के बिना लड़े पीछे हटने पर वह अपनी जीत कबूल करने के अलावा भला क्या कर सकते थे।
सुशील ने आज यहां संवाददाताओं से कहा, “अगर सामने वाले पहलवान मुझसे कुश्ती लड़ने को तैयार ही नहीं थे, तो मैं इस स्थिति में क्या कर सकता था।” क्या वह तीनों मुकाबलों में मिले वॉक ओवर को संबंधित पहलवानों की ओर से जताये गये सम्मान की तरह देखते हैं, इस सवाल पर रेलवे के विजेता पहलवान ने जवाब दिया, “सभी पहलवान अपने वरिष्ठ खिलाड़ियों का सम्मान करते हैं। लेकिन मैट पर मुकाबले के दौरान सब पहलवान एक जैसे होते हैं। यह एकदम अलग बात है कि कोई पहलवान किसी प्रतिद्वंद्वी से लड़ना ही नहीं चाहता।”
इन वॉक ओवर को लेकर विवाद की आशंका के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने शांत स्वर में कहा, “विवाद तो मेरे पीछे-पीछे चलते ही रहते हैं.”
उन्होंने एक सवाल पर कहा कि वर्ल्ड रेसलिंग इंटरटेन्मेंट (डब्ल्यूडब्ल्यूई) में पदार्पण की उनकी फिलहाल कोई योजना नहीं है. सुशील ने कहा, “डब्ल्यूडब्ल्यूई में कई चीजें मेरे स्वाभाविक खेल के मुताबिक नहीं हैं. मैं फ्रीस्टाइल कुश्ती में ही एक बार फिर देश की नुमाइंदगी करना चाहता हूं।” पूर्व धुरंधर सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने हाल ही में कहा है कि सुशील पर बायोपिक बनायी जानी चाहिये। इस बारे में पूछे जाने पर दो बार के ओलम्पिक विजेता पहलवान ने कहा, “सहवाग मेरे बड़े भाई हैं। मुझे हमेशा उनका आशीर्वाद मिलता रहता है। लेकिन मैं खुद पर फिल्म बनाने के बारे में बात करने के बजाय कुश्ती पर ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं।” हालांकि, सुशील ने सुझाव दिया कि वर्ष 2016 के रियो ओलम्पिक खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली साक्षी मालिक के जीवन पर फिल्म बननी चाहिये, ताकि उनका संघर्ष दुनिया के सामने आ सके।attacknews
राष्ट्रीय कुश्ती चैम्पियनशिप के 62 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने वाली साक्षी मीडिया से बातचीत के दौरान सुशील के पास ही बैठी थीं, जो इस सुझाव पर मुस्कुरा दीं. सितारा महिला पहलवान ने कहा कि उनका अगला लक्ष्य आगामी राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों को लेकर अच्छी तैयारी करना है।