नयी दिल्ली 22 जून ।उच्चतम न्यायालय ने अपने पूर्व के आदेश में संशोधन करते हुए ओडिशा में पुरी जगन्नाथ यात्रा को सोमवार को कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दे दी।
मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की खंडपीठ की ओर से देर शाम जारी लिखित आदेश में 11 शर्तों के साथ पुरी रथयात्रा को मंजूरी दी।
खंडपीठ ने कहा कि रथ को केवल 500 वैसे सेवायत या पुलिसकर्मी खींचेंगे, जो कोरोना निगेटिव होंगे।
न्यायालय ने रथयात्रा के 10 से 12 दिन के आयोजनों के दौरान किसी भी हालत में पुरी में दाखिल होने वाले सभी रास्ते, अर्थात् हवाईअड्डे, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड आदि बंद रखने का आदेश दिया है।
खंडपीठ ने रथयात्रा के दौरान शहर में कर्फ्यू लगाने का आदेश दिया है। यह कर्फ्यू रथयात्रा के दौरान लागू होगा। राज्य सरकार को पुरी शहर में जरूरत पड़ने पर अन्य दिनों और समय में भी कर्फ्यू लगाने का निर्देश दिया गया है।
उच्चतम न्यायालय ने ओडिशा में पुरी जगन्नाथ यात्रा को सोमवार को सशर्त हरी झंडी दी है ।
मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की खंडपीठ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई करने के बाद कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर रथयात्रा निकालेगी और सुरक्षा के उपाय करेगी।
आदेश सुनाते वक्त मुख्य न्यायाधीश का माइक बीच में ही बंद हो गया। बाद में उन्होंने कहा कि खंडपीठ के दोनों साथी न्यायाधीशों के आदेश की प्रति देख लेने के बाद संबंधित विस्तृत आदेश वेबसाइट पर अपलोड किया जायेगा।
न्यायमूर्ति बोबडे ने सुनवाई के दौरान कहा कि राज्य सरकार सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को खतरे में देखकर श्रद्धालुओं को रोकने के लिए स्वतंत्र है। उन्होंने कहा, “हम सरकार को यह नहीं कह रहे कि उसे क्या करना चाहिए, लेकिन हम कुछ शर्तों के साथ इसकी (रथयात्रा की) अनुमति दे रहे हैं।”