नईदिल्ली 13 मार्च। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र देश में बदलते समीकरणों के बीच विपक्ष बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने की कोशिश में जुटी है. इसी के तहत लोकसभा में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस ने मंगलवार को ‘डिनर डिप्लोमेसी’ के तहत तमाम दलों के मुखियाओं को रात के खाने के लिए बुलाया .
पूर्व कांग्रेस चेयरपर्सन सोनिया गांधी 10 जनपथ स्थित अपने आवास पर डिनर पार्टी की .
डिनर पार्टी में ये नेता हुए शामिल
डिनर पार्टी में एनसीपी के शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय, सपा के रामगोपाल यादव, बसपा के सतीशचंद्र मिश्र, आरजेडी से मीसा भारती और तेजस्वी यादव, सीपीएम से मोहम्मद सलीम, सीपीआई से डी राजा, द्रमुक से कनिमोझी और शरद यादव आदि ने हिस्सा लिया. कांग्रेस की ओर से पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल, ए के एंटनी आदि ने भाग लिया.
डिनर के बाद मीडिया से रूबरू हुए सुरजेवाला
डिनर के बाद कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मीडिया को बताया कि यह प्रीति और मैत्री वाला रात्रि भोज था. कांग्रेस का मानना है कि जहां सरकार दीवार खड़ी करेगी, वहीं हम मित्रता, सौहार्द्र एवं मिलकर साथ चलने का रास्ता तैयार करेंगे.
उन्होंने कहा कि यह रात्रिभोज राजनीति के लिए नहीं था. पर स्वाभाविक है कि जहां सरकार संसद चलाने में इच्छुक नहीं है तो वे राजनीतिक नेता, जो अपने क्षेत्रों के लोगों की समस्याओं को लेकर जागरूक और चिंतित हैं, जब मिलेंगे तो प्रदेश और देश की राजनीति पर चर्चा अवश्य होगी.
सुरजेवाला ने कहा कि इन नेताओं के बीच गरीबों, युवाओं और किसानों को लेकर बातचीत हुई. उन्होंने कहा कि देश की धुरी संसद में सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित हो, इस बारे में अनौपचारिक बातचीत होना भी स्वाभाविक है.
उन्होंने कहा कि इस रात्रिभोज का एक ही मकसद है- सौहार्द्रपूर्ण और मित्रता वाले माहौल में विपक्षी नेता बैठकर व्यक्तिगत और राष्ट्र से जुड़े मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान कर सकें.
एक प्रश्न के उत्तर में सुरजेवाला ने कहा, ‘आज जब देश के सामने विकट संकट हैं. सरकार की नाक के नीचे से करोड़ों रूपये लेकर भगोड़े भाग गये. हजारों किसान सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर सरकार के पास अपनी व्यथा सुनाने पहुंची पर सरकार उनकी बात सुन नहीं रही. आज जब बेरोजगारी सिर चढ़कर बोल रही है. भ्रष्टाचार का बोलबाला है. ऐसे में विपक्षी नेता, भले ही उनसे हमारा मतभेद हो, पर वे राष्ट्रीय हित में इन मुद्दों का समाधान निकालने के लिए चिंतित हैं.
सुरजेवाला ने कहा कि संसद चलाने की जिम्मेदारी सत्ता पक्ष की है. अगर संसद में कोई गतिरोध उत्पन्न कर रहा है तो वह सत्ता पक्ष के लोग है, विपक्ष के नेता नहीं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और विपक्षी नेता चाहते हैं कि सरकार की संसद में जवाबदेही तय हो. सरकार चर्चा से भाग रही है. किंतु हम यह सुनिश्चित करेंगे कि संसद भी चले और सरकार की जवाबदेही भी तय है।
ये नहीं हुए शामिल
रात्रिभोज में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, बसपा प्रमुख मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के नहीं आने के बारे में पूछे जाने पर सुरजेवाला ने कहा कि इन पार्टियों के संसद के नेता इस रात्रिभोज में आये हैं. इस मित्रतापूर्ण रात्रिभोज को राजनीतिक तौर पर इससे अधिक नहीं देखा जाना चाहिए.
सोनिया गांधी के इस रात्रिभोज को लोकसभा चुनाव में एनडीए के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा खड़ा करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.attacknews.in