उज्जैन 13 जनवरी। विश्व प्रसिद्ध एवं देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में श्री महाकाल एक मात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है जिसकी प्रतिष्ठा पूरी पृथ्वी के राजा और मृत्यु के देवता श्री महाकाल के रूप में की गई है। भगवान महाकाल को समय और मृत्यु के रूप में पहचाना जाता है। महाकाल मंदिर में शिवरात्रि की नवरात्रि 5 फरवरी से प्रारंभ होकर 13 फरवरी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जावेगा।
इसी दिन 13 फरवरी की रात्रि को भगवान महाकाल महाअभिषेक होगा। तत्पश्चातप्रातः 4 बजे से भगवान महाकाल को सेहरा श्रृंगार किया जावेगा। 14 फरवरी को दिन में दोपहर 12 बजे भस्मार्ती होगी। दोपहर में की जाने वाली भस्मार्ती वर्ष में मात्र महाषिवरात्रि के पर्व पर की जाती है। महाशिवरात्रि पर्व को धूमधाम से मनाने के लिए महाकाल मंदिर की रंगाई-पुताई आदि की तैयारियाॅ जोरो पर मंदिर प्रशासन के द्वारा की जा रही है।
16 जनवरी को बैठक आयोजित होगी
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपरकलेक्टर श्री अवधेश शर्मा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि महाशिवरात्रि पर्व की व्यापक तैयारियाॅ की जा रही है। इसके लिए प्रशासक श्री शर्मा ने मंदिर प्रबंध समिति के विभिन्न शाखाओं के शाखा प्रभारियों को निर्देश दिये है कि वह अपनी -अपनी शाखाओं का निरीक्षण कर शाखा से संबंधित जानकारी का अपडेट लिखित में उन्हें प्रस्तुत करें ताकि उनके द्वारा 16 जनवरी को अपरान्ह्ः 3 बजे मंदिर प्रशासक कार्यालय के सभाकक्ष में बैठक लेकर समीक्षा की जा सके।
प्रशासक ने मंदिर के संबंधित कर्मचारियों को निर्देश दिये है कि महाकाल मंदिर की सफाई की माॅनिटरिंग, समस्त बिजली पाॅईट्स, जल व्यवस्था आदि जैसे रूटिन कार्यों की महत्ता पर ध्यान दिया जाना सुनिश्चित किया जाये।attacknews.in