देहरादून, 07मई । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत एवं केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की उपस्थिति में गुरुवार को श्री केदारनाथ उत्थान ट्रस्ट तथा तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की पब्लिक सेक्टर कंपनियों के मध्य श्री बद्रीनाथ धाम को स्मार्ट आध्यात्मिक शहर के रूप में विकसित करने के लिये लगभग 100 करोड़ के कार्यों के समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए। इस पर पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से सचिव तन्नू कपूर एवं उत्तराखंड की ओर से पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने हस्ताक्षर किए।
सचिवालय में वर्चुअल रूप से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री तीरथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में वर्ष 2013 में आई आपदा के बाद पुनर्निर्माण के कार्य शुरू हुए थे, जो कि अब अपने अंतिम चरणों में हैं। उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में प्रधानमंत्री ने बदरीनाथ धाम के कायाकल्प का भी निर्णय लिया। यहां आगामी 100 वर्षों की आवश्यकताओं के मद्देनजर सुविधाओं का विकास कुल 85 हेक्टेयर भूमि में चरणबद्ध तरीके से कार्य किये जाने हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बदरीनाथ धाम में यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ाने के विशेष प्रयास किये जा रहे हैं।
इसी के साथ यहां पर व्यास गुफा, गणेश गुफा एवं चरण पादुका आदि का भी पुनर्विकास किया जाना है।
उन्होंने कहा कि बदरीनाथ धाम के विकास में तेल कंपनियों का योगदान सराहनीय है।
श्री तीरथ ने कहा कि राज्य सरकार का ध्यान क्षेत्र में होमस्टे को बढ़ावा देने पर है ताकि श्रद्धालुओं को यहां आने पर सस्ती सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।
उन्होंने कहा कि आगामी तीन वर्षों में बदरीनाथ धाम के कायाकल्प के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने बदरीनाथ धाम में किये जा रहे कार्यों के लिए विशेष तौर पर प्रधानमंत्री एवं पेट्रोलियम मंत्री का विशेष आभार जताया।
इस अवसर पर श्री प्रधान ने कहा कि उत्तराखण्ड के चार धामों का विशेष महत्त्व है। बदरीनाथ धाम के कायाकल्प को लेकर तेल कंपनियां प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बदरीनाथ एवं केदारनाथ धामों की भांति ही उत्तरकाशी में गंगोत्री एवं यमनोत्री धामों के लिए भी कुछ कार्य कराए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि बदरीनाथ धाम को प्रधानमंत्री मोदी के विज़न के अनुरूप स्मार्ट आध्यात्मिक शहर के रूप में विकसित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यहां पर अलकनंदा नदी के तटबंध कार्यों के अलावा प्लाजा, जल निकासी, सीवेज, लाइट, सीसीटीवी, पीए सिस्टम, शौचालय, पुल आदि के सौंदर्यीकरण एवं पुनर्निर्माण के कार्य होने प्रस्तावित हैं।
प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि श्री बदरीनाथ धाम का धार्मिक के साथ ही आर्थिक महत्व भी है। यहां से हजारों लोगों को रोजगार भी मिलता है। उन्होंने कहा कि पुनर्निर्माण कार्यो के दौरान हमें इस बात का भी ध्यान रखना है कि यहां पर पर्यावरण को नुकसान न पहुँचे।
उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में यहां पर अस्पताल के विस्तारीकरण का कार्य प्रस्तावित है। इसके अलावा रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, तटबंधों में सुदृढ़ीकरण, लैंड स्केपिंग, भीड़ होने पर होल्डिंग एरिया, पुलों की रेट्रोफिटिंग आदि कार्य होने हैं।
इस अवसर पर पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से एक वीडियो भी दिखाया गया जिसमें यहां होने वाले विभिन्न कार्यों के बारे में बताया गया।
श्री बद्रीनाथ धाम के स्मार्ट हिल टाउन के रूप में निर्माण और पुनर्विकास के लिए तेल और गैस क्षेत्र के सार्वजनिक सार्वजनिक प्रतिष्ठानों – इंडियन आयल, बीपीसीएल, एचपीसीएल, ओएनजीसी तथा गेल और बद्रीनाथ उत्थान धर्मार्थ न्यास के बीच आज समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।
समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत, केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान, उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज, तेल और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव श्री तरूण कपूर, उत्तराखंड के मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश तथा तेल और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, उत्तराखंड सरकार तथा तेल और गैस क्षेत्र की सार्वजनिक कंपिनयों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थित में किए गए।
समझौता ज्ञापनों के अनुसार तेल और प्राकृतिक गैस क्षेत्र के सार्वजनिक प्रतिष्ठान पहले चरण की विकास गतिविधियों में 99.60 करोड़ रुपए का योगदान करेंगे। इन गतिविधियों में नदी तटबंध कार्य, सभी क्षेत्रीय वाहन मार्ग बनाना, वर्तमान सेतुओं को सुंदर बनाना, आवासीय सुविधा सहित गुरुकुल स्थापित करना, शौचालय तथा पेयजल सुविधा का निर्माण करना, स्ट्रीट लाइट लगाना और भित्ति- चित्र बनाना शामिल है।
इस अवसर पर श्री प्रधान ने कहा कि चार धाम आध्यात्मिक, धार्मिक तथा सांस्कृतिक कारणों से लाखों लोगों के हृदय के निकट है। उन्होंने कहा कि तेल और गैस क्षेत्र के सार्वजनिक प्रतिष्ठान न केवल बद्रीनाथ का विकास कार्य करेंगे बल्कि केदारनाथ, उत्तरकाशी, यमुनोत्री तथा गंगोत्री के विकास का हिस्सा भी हैं।
उन्होंने कहा कि समझौता ज्ञापनों पर आज किए गए हस्ताक्षर माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बद्रीनाथ तीर्थ स्थान को मिनी स्मार्ट तथा आध्यात्मिक नगर के रूप में क्षेत्र की धार्मिक पवित्रता और पौराणिक महत्व से समझौता किए बिना विकसित करने के विजन की दिशा में मील के पत्थर हैं।
सुविधाओं के विकास में तेल और गैस क्षेत्र के सार्वजनिक प्रतिष्ठानों के प्रयासों की सराहना करते हुए श्री प्रधान ने कहा, “मुझे प्रसन्नता है कि देश के तेल और गैस क्षेत्र के सार्वजनिक प्रतिष्ठान बद्रीनाथ धाम को स्मार्ट आध्यात्मिक नगर के रूप में विकसित करने के विजन को साकार करने के लिए आगे आए हैं। पर्यटन प्रमुख उद्योग है, जो राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। बद्रीनाथ जैसे स्थलों के विकास से और अधिक संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।”
इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री तीरथ सिंह रावत ने कहा, “इस नेक प्रयास में समर्थन के लिए मैं केंद्रीय मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान तथा तेल और गैस क्षेत्र की सार्वजनिक कंपनियों को बधाई देता हूं। इस देश के लोगों के हृदय में श्री बद्रीनाथधाम का विशेष स्थान है। इसे देश के सर्वाधिक पवित्र स्थलों में एक माना जाता है और देश भर के श्रद्धालुओं को बेहतरीन सुविधाएं प्रदान करने के लिए विकास गतिविधियां आवश्यक हैं। हमें आशा है कि उत्तराखंड सरकार और तेल तथा गैस क्षेत्र के सार्वजनिक प्रतिष्ठानों के संयुक्त प्रयासों से तीन वर्ष की अवधि में श्री बद्रीनाथधाम के उत्थान का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।”