नयी दिल्ली/मुंबई , 25 नवंबर। शिवसेना के कई वरिष्ठ सांसदों ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की।
सूत्रों के मुताबिक सोनिया के आवास पर हुई इस मुलाकात के दौरान शिवसेना सांसद अरविंद सावंत, अनिल देसाई, गजानन कीर्तिकर और राहुल शेवाले मौजूद थे।
एक सूत्र ने बताया कि शिवसेना नेताओं ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के प्रयास में सहयोग के लिए सोनिया का धन्यवाद किया।
सूत्रों का यह भी कहना है कि मंगलवार को संविधान दिवस के मौके पर सरकार द्वारा बुलाई गई संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक का कांग्रेस के साथ शिवसेना भी बहिष्कार कर सकती है।
महाविकास अगाडी ने सरकार बनाने का दावा किया
महाराष्ट्र में शिव सेना, राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस (महाविकास अगाडी) ने सोमवार को सरकार बनाने को दावा किया और राज्यपाल कार्यालय को अपने समर्थन में 162 विधायकों का हस्ताक्षरित पत्र सौंपा।
शिव सेना ने निर्दलीय उम्मीदवारों के अलावा 63 विधायकों , कांग्रेस के 44 और राकांपा के 51 विधायकों के हस्ताक्षर वाले पत्र को सौंपा। समाजवादी पार्टी भी तीनों पार्टियों के साथ शामिल हो गयी और उसने अपने दो सदस्यों के हस्ताक्षर वाला पत्र सौंपा।
सभी पार्टियों के नेता आज मुंबई में राजभवन में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के आवास पर गये और पत्र सौंपा, लेकिन राज्यपाल उस समय दिल्ली में थे। राज्यपाल को सौंपे गये हस्ताक्षरित पत्र में राकांपा के तीन नेताओं अजित पवार , अन्ना बनसोद और नरहरि झिरवाल के हस्ताक्षर नहीं थे।
इस दौरान सेना, राकांपा और कांग्रेस ने उम्मीद जाहिर कि उच्चतम न्यायालय जल्द से जल्द महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत साबित कराए जाने की घोषणा करेगा।
राजभवन में सौंपे गए पत्र में कहा गया है कि अगर भारतीय जनता पार्टी बहुमत साबित करने में असफल रहती है तो शिव सेना के सरकार बनाने के दावे पर विचार किया जाना चाहिए। राकांपा नेता जयंत पाटिल ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि हम राज्यपाल कार्यालय या विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए तैयार है।
शीर्ष न्यायालय दायर की गयी उस याचिका पर मंगलवार को अपना फैसला सुनायेगा जिसमें तुरंत सरकार बनाए जाने को असंवैधानिक करार दिया था और इस मामले में उच्चतम न्यायालय में गुहार लगाई गई थी।
उच्चतम न्यायालय में लोकतंत्र की जीत होगी : कांग्रेस
उधर कांग्रेस ने कहा है कि महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार के गठन के मामले में उच्चतम न्यायालय में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी तथा शिव सेना के साथ पार्टी ने अपना पक्ष रख दिया है और उसे उम्मीद है कि न्यायालय में लोकतंत्र की जीत होगी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, महासचिव मुकुल वासनिक तथा संचार विभाग के प्रमुख रणदीपसिंह सुरजेवाला ने सोमवार को यहां संसद भवन परिसर में संयुक्त रूप से संवाददाताओं से कहा कि तीनों दलों में राज्य में सरकार बनाने के लिए सहमति है और सरकार के गठन के लिए बहुमत से ज्यादा 154 विधायकों के हस्ताक्षर वाले शपथ पत्र भी हैं जिन्हें न्यायालय के समक्ष पेश किया गया है। इससे साफ होता है कि गठबंधन के पास बहुमत का आंकडा है। राज्य विधानसभा में बहुमत के लिए 145 विधायकों की आवश्यकता लेकिन गठबंधन के पास 154 विधायक हैं।
उन्होंने कहा कि न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर अपना फैसला मंगलवार सुबह तक के लिए सुरक्षित रख लिया है और उनके गठबंधन को पूरा भरोसा है कि न्यायालय में महाराष्ट्र में लोकतंत्र की जीत होगी। उन्हें उम्मीद है कि न्यायालय मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को सदन में बहुमत साबित करने का आदेश देंगे और वे जल्द ही बाहर का रास्ता नाप लेंगे।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि तीनों दल महाराष्ट्र में शिव सेना के नेता उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में साझा सरकार बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि न्यायालय ने इससे पहले उत्तराखंड तथा कर्नाटक 24 घंटे के भीतर सदन में बहुमत साबित करने का जिस तरह से फैसला दिया था उसी तरह का फैसला महाराष्ट्र के संबंध में भी आएगा और वहां भी लोकतंत्र की जीत होगी।
शिव सेना, कांग्रेस और राकांपा गठबंधन के पास है बहुमत: राउत
शिव सेना प्रवक्ता संजय राउत ने सोमवार को दावा किया कि शिव सेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी साथ हैं और सरकार बनाने के लिए उनके पास 162 विधायक हैं।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को किये गये ट्वीट में श्री राउत ने कहा, “हम लोग एक साथ हैं और शाम सात बजे ग्रांड हयात होटल में हमारे 162 विधायकों को एक साथ देखें। आइए और आप खुद देखिये।”
फड़णवीस अल्पमत की सरकार चला रहे हैं: शिवसेना
शिवसेना ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अल्पमत की सरकार चला रहे हैं और उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।
शिवसेना विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे ने पत्रकारों से दावा करते हुए कहा कि पार्टी के पास कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस (राकांपा) के सहयोग से 165 विधायकों का समर्थन है।
श्री शिंदे ने कहा, “हम अभी बहुमत साबित कर सकते हैं। हम राज्यपाल के सामने अपने विधायकों की परेड करा सकते हैं यहां विधानसभा के पटल पर मतदान से या ध्वनिमत से बहुमत साबित कर सकते हैं।” उन्होंने साथ ही भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि अगर उनके पास संख्या बल है तो वह बहुमत साबित करने में देर क्यों लगा रहे हैं।
श्री शिंदे ने कहा, “अगर उन्हें बहुमत मिलने का भरोसा है तो वह राज्य के लोगों के सामने इसे साबित करके दिखाएं।” उल्लेखनीय है कि शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा जल्द से जल्द बहुमत साबित करने की मांग कर रहे हैं जबकि भाजपा का दावा है कि उनके पास जरुरी संख्या बल है और वह विधानसभा में बहुमत परीक्षण के दौरान इसे साबित कर देगी।