मुंबई, 23 अक्टूबर । पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने बुधवार को बीसीसीआई के 39वें अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाल लिया। वह दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड का प्रमुख बनने वाला सबसे बड़ा नाम हैं।
गांगुली (47) को यहां बीसीसीआई की आम सभा की अगली बैठक तक अगले नौ महीने के लिए आधिकारिक रूप से भारतीय क्रिकेट के प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके साथ ही उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति का 33 महीने का कार्यकाल भी खत्म हो गया।
बीसीसीआई ने अपने ट्विटर पेज पर लिखा, ‘‘यह आधिकारिक है- सौरव गांगुली को औपचारिक रूप से बीसीसीआई का अध्यक्ष चुना गया।’’
गांगुली की नियुक्ति को पिछले हफ्ते अंतिम रूप दिया गया।
सीओए की नियुक्ति से पहले बोर्ड से जुड़े कुछ नाम एक बार फिर साथ काम करते नजर आएंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह को सचिव बनाया गया है।
अपने कार्यकाल के दौरान गांगुली पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन और पूर्व सचिव निरंजन शाह जैसे पूर्व पदाधिकारियों के साथ समन्वय का प्रयास करेंगे जिनके बच्चे अब बीसीसीआई का हिस्सा हैं।
उत्तराखंड के माहिम वर्मा नए उपाध्यक्ष बने।
बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष और मौजूदा वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के छोटे भाई अरूण धूमल कोषाध्यक्ष जबकि केरल के जयेश जार्ज संयुक्त सचिव बने।
मैच फिक्सिंग प्रकरण के बाद 2000 में सबसे बुरे दौर में से एक के दौरान भारतीय टीम के कप्तान बने गांगुली को नए संविधान के प्रावधानों के अनुसार अगले साल जुलाई के अंत में पद छोड़ना होगा क्योंकि उन्हें छह साल पद पर रहने के बाद अनिवार्य ब्रेक पर जाना होगा।
भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले सबसे कलात्मक बायें हाथ के बल्लेबाजों में से एक गांगुली से उम्मीद की जा रही है कि वह बंगाल क्रिकेट संघ के सचिव और फिर अध्यक्ष के अपने पद से मिले अनुभव का पूरा फायदा उठाएंगे।
उन्होंने कुछ लक्ष्य निर्धारित किए हैं जिसमें से एक प्रथम श्रेणी क्रिकेट के ढांचे का पुनर्गठन, प्रशासन को सही ढर्रे पर लाना और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद में भारत को उसकी मजबूत स्थिति फिर लौटाना है।
इसके अलावा अनुभवी विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी के अंतरराष्ट्रीय भविष्य, दिन-रात्रि टेस्ट और स्थायी टेस्ट केंद्रों पर उनका नजरिया भी अहम होगा।
गांगुली का कार्यकाल उस समय शुरू हो रहा है जब आईसीसी ने भारत को अपने नवगठित कार्यकारी समूह से बाहर कर दिया है जिससे वैश्विक संस्था के राजस्व में देश का हिस्सा प्रभावित हो सकता है।
इस समूह का गठन वैश्विक संस्था का नया संचालन ढांचा तैयार करने के लिए किया गया है
गांगुली की ताजपोशी, बीसीसीआई को देंगे नयी शुरूआत:
सौरभ गांगुली ने बुधवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के 39वें अध्यक्ष का पदभार संभालने के साथ ही वादा किया कि वह बीसीसीआई को नयी शुरूआत देंगे और भारतीय क्रिकेट को सर्वश्रेष्ठ बनाएंगे।
बीसीसीआई की यहां हुई आम सभा में गांगुली को आधिकारिक रूप से बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया। अपनी कप्तानी के समय का ब्लेज़र पहने हुये गांगुली ने बीसीसीआई के अध्यक्ष पद का पदभार संभाला। भारतीय क्रिकेट बोर्ड के पिछले 65 वर्षाें के इतिहास में वह पहले पूर्व क्रिकेटर हैं जिन्हें इस संस्था के प्रमुख का पद सौंपा गया है।
इसके साथ ही पिछले 33 महीनों से सर्वाेच्च अदालत द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति बीसीसीआई का संचालन संभाल रही थी जिसका कार्यकाल भी पूर्व भारतीय कप्तान की नियुक्ति के साथ आज समाप्त हो गया। गांगुली ने बोर्ड के निर्वाचन अधिकारी एन गोपालस्वामी की उपस्थिति में अपना पद स्वीकार किया। बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना ने गांगुली को उनका पदभार सौंपा।
इस अवसर पर सीओए प्रमुख विनोद राय और अन्य सदस्य तथा राज्य क्रिकेट संघों के प्रतिनिधि भी इस दौरान मौजूद रहे। गांगुली के अतिरिक्त चार अन्य पदाधिकारियों सचिव जय शाह, कोषाध्यक्ष अरूण सिंह धूमल, संयुक्त सचिव जयेश जार्ज और माहिम वर्मा ने भी सीओए से बोर्ड में अपने पदों काे ग्रहण किया। प्रशासकों की समिति की अध्यक्षता पूर्व सीएजी विनोद राय संभाल रहे थे जबकि डायना इडुलजी और लेफ्टिनेंट जनरल रवि थोडगे अन्य सदस्य थे जो बोर्ड के संचालन का काम देख रहे थे।
राय ने इस मौके पर कहा,“ मैं बीसीसीआई का संचालन छोड़ते हुये पूरी तरह संतुष्ट हूं। पांच पूर्व खिलाड़ी प्रशासन का हिस्सा हैं जिससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता है। इसका नया अध्यक्ष हमारे सबसे सफल पूर्व कप्तानों में है जिन्होंने बंगाल क्रिकेट संघ के साथ पांच वर्ष बिताये हैं और अब बीसीसीआई का कार्यभार देखेंगे। उनसे बेहतर इस पद को संभालने वाला और कोई नहीं था।”
उन्होंने कहा,“ हम पदाधिकारियों के पारिवारिक संबंधों को लेकर हमेशा संशय में थे। हमारा काम संविधान के अनुसार चुनाव कराना था और वह हमने कर दिया है।”
वहीं पूर्व भारतीय महिला कप्तान और सीओए सदस्य इडुलजी ने भी गांगुली की नियुक्ति पर खुशी जताई। उन्होंने कहा,“ मैं पूर्व क्रिकेटर के अध्यक्ष चुने जाने से बहुत खुश हूं। मुझे यकीन हैै कि वह बीसीसीआई को नयी ऊंचाइयों पर लेकर जाएंगे।”
गांगुली के पास हालांकि अध्यक्ष पद पर ज्यादा समय नहीं रहेगा। बीसीसीआई के नए संविधान के अनुसार किसी पदाधिकारी को तीन साल की कूलिंग ऑफ अवधि में जाना पड़ेगा यदि उसने किसी राज्य संघ या बीसीसीआई स्तर पर लगातार छह वर्ष पूरे कर लिए हों। गांगुली बंगाल क्रिकेट संघ के पदाधिकारी हैं जहां वह हाल ही में अध्यक्ष चुने गए थे। उनके पास कूलिंग ऑफ अवधि आने तक 10 महीने बाकी हैं इसलिये जुलाई 2020 में उन्हें पद छोड़ना होगा।
पूर्व कप्तान बीसीसीआई के अध्यक्ष रहे विजियानगरम के महाराजा के बाद इस संस्था के प्रमुख बनने वाले पहले क्रिकेटर हैं। पिछले काफी समय से गांगुली के पास क्रिकेट प्रशासन का अनुभव रहा है, वह वर्ष 2015 में कैब के अध्यक्ष चुने गये थे जिन्हें यह पद जगमोहन डालमिया के आकस्मिक निधन के बाद मिला था।
47 वर्षीय पूर्व क्रिकेटर ने वर्ष 1996 में भारतीय टेस्ट टीम में और वर्ष 1992 में वनडे टीम में पदार्पण किया था। देश के सबसे सफल कप्तानों में एक रहे गांगुली के नाम 113 टेस्टों में 7212 रन और 311 वनडे में 15416 रन दर्ज हैं।
मैं उसी तरह काम करूंगा जो जानता हूँ–
गांगुली ने संकेत दिया कि वह किसी से भी प्रभावित हुए बिना जिस तरह से चाहते हैं, उसी तरह बीसीसीआई का काम संभालेंगे।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 18,000 से ज्यादा रन बना चुके गांगुली ने कहा, ‘‘मैं उसी तरह काम करूंगा, जो मैं जानता हूं और जो मुझे लगता है कि बीसीसीआई के लिये सर्वश्रेष्ठ होगा और विश्वसनीयता से कोई समझौता नहीं होगा। भ्रष्टाचार मुक्त कार्यकाल होगा और बीसीसीआई में सभी के लिये समान होगा।’’
अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस में भारत का ब्लेजर पहनकर आये गांगुली ने कहा ,‘‘ मुझे यह तब मिला था जब मैं भारत का कप्तान था लेकिन तब मुझे अहसास नहीं हुआ कि यह इतना ढीला है । लेकिन मैने तय किया कि मैं यही पहनूंगा ।’’
उन्होंने कहा,‘‘ मैंने जिस तरह से भारत की अगुआई की थी, उसी तरह से बीसीसीआई का पद संभालूंगा। ’’
वह यहां 39वें बीसीसीआई अध्यक्ष बने। उन्हें (47 साल) यहां नौ महीने के लिये निर्विरोध चुना गया। पदाधिकारी के तौर पर छह महीने के कार्यकाल के बाद ‘विश्राम की अनिवार्य अवधि’ के प्रावधान के कारण उन्हें पद छोड़ना पड़ेगा । गांगुली बंगाल क्रिकेट संघ के सचिव और अध्यक्ष रहे ।
गांगुली ने वह दौर याद किया जब वह टीम के कप्तान बने थे । उस समय मैच फिक्सिंग के कारण भारतीय क्रिकेट विवादों के घेरे में था जब गांगुली को इसे ढर्रे पर लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई ।
मोहम्मद अजहरूद्दीन उस समय फिक्सिंग विवाद के केंद्र में थे और अब वह हैदराबाद क्रिकेट संघ के अध्यक्ष हैं । दोनों पूर्व साथी खिलाड़ियों ने बुधवार की बैठक के बाद एक दूसरे को गले लगाया ।
गांगुली ने कहा ,‘‘ यह इत्तेफाक की बात है कि जब मैं कप्तान बना तो ऐसे ही हालात थे और मैं छह साल तक कप्तान रहा ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ अभी भी हालात ऐसे ही हैं और चीजों को ढर्रे पर लाना है ।सुधार करने होंगे । राज्य संघों को काफी पैसा देना है । काफी काम करना है ।’’
महेन्द्र सिंह धोनी का भविष्य तय होगा-
सौरव गांगुली ने बुधवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में महेंद्र सिंह धोनी के भविष्य पर बात की जायेगी लेकिन कहा कि उनके कार्यकाल में दो बार के विश्व कप विजेता कप्तान को पूरा सम्मान मिलेगा।
गांगुली ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि धोनी के जेहन में क्या है लेकिन वादा किया कि उनके दर्जे के खिलाड़ी को पूरा सम्मान मिलेगा ।
धोनी ने विश्व कप सेमीफाइनल में भारत के बाहर होने के बाद से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूरी बना रखी है जिससे उनके भविष्य को लेकर अटकलें लगाई जा रही है ।
गांगुली ने कहा ,‘‘ यह उन पर निर्भर करता है । जब मैं बाहर हुआ तो पूरी दुनिया ने कहा कि मैं कभी वापसी नहीं कर सकूंगा लेकिन मुझे खुद पर भरोसा था । मैने वापसी की और चार साल तक खेला ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘चैम्पियंस इतनी जल्दी खत्म नहीं होते । मुझे नहीं पता कि उनके जेहन में क्या है और वह अपने कैरियर के बारे में क्या सोच रहे हैं ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ वह महान खिलाड़ियों में से एक है और भारत को गर्व है कि एम एस धोनी जैसा खिलाड़ी हमारे पास है । आप उसकी उपलब्धियों को देखें तो यही कहेंगे ‘वाह धोनी वाह ।’’
गांगुली ने कहा ,‘‘ जब तक मैं हूं, हर किसी का सम्मान होगा और इसमें कोई बदलाव नहीं होगा ।’’
सैयद मुश्ताक अली टी20 टूर्नामेंट नौ नवंबर से शुरू हो रहा है और अभी यह पता नहीं है कि धोनी उसमें खेलेंगे या नहीं । भारतीय टीम को इस साल के आखिर में वेस्टइंडीज दौरा करना है ।
विराट कोहली क्रिकेट का अहम् हिस्सा-
सौरव गांगुली ने विराट कोहली को भारतीय क्रिकेट का सबसे अहम व्यक्ति करार दिया और कप्तान को सभी संभव समर्थन देने का वादा किया ताकि चीजें आसान हों, मुश्किल नहीं।
गांगुली ने कहा कि वह गुरूवार को भारतीय कप्तान से बात करेंगे और आगे के बारे में चर्चा करेंगे।
गांगुली ने कहा, ‘‘मैं कल उससे बात करूंगा। वह भारतीय टीम का कप्तान है और भारतीय क्रिकेट में सबसे अहम व्यक्ति है। मैं इसे इसी तरीके से देखता हूं। इसलिये हम उनसे बात करेंगे और जैसा कि मैंने कहा कि हम हर संभव तरीके से उनका समर्थन करेंगे, वह इस टीम को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम बनाना चाहते हैं। पिछले तीन से चार वर्षों में जिस तरीके से टीम खेल रही है, उस लिहाज से यह टीम काफी शानदार रही है। ’’
गांगुली ने कहा कि वह टीम प्रबंधन के साथ भी बातचीत करेंगे जिसमें मुख्य कोच रवि शास्त्री शामिल हैं।
बीसीसीआई अध्यक्ष ने स्पष्ट कहा, ‘‘यह पूर्ण चर्चा होगी और हर चीज के बारे में परस्पर चर्चा होगी लेकिन आश्वस्त रहिये, हम यहां चीजें आसान करने के लिये हैं, मुश्किल करने के लिये नहीं। हर चीज प्रदर्शन के आधार पर होगी। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रदर्शन सबसे अहम चीज है और हम भारतीय क्रिकेट के भविष्य पर फैसला करेंगे। विराट इस पूरे संदर्भ में सबसे अहम व्यक्ति है। हम उनका समर्थन करेंगे, हम उनकी बात सुनेंगे। मैं खुद भी कप्तान रह चुका हूं इसलिये मैं समझता हूं। आपसी सम्मान होगा, राय होंगी और चर्चायें भी होंगी तथा हम वही करेंगे जो खेल के लिये सर्वश्रेष्ठ होगा। ’’
गांगुली ने फिर से आईसीसी प्रतियोगिताओं में भारत के प्रदर्शन की बात करते हुए कहा, ‘‘हां, आप कह सकते हो कि उन्होंने विश्व कप (इंग्लैंड में) नहीं जीता लेकिन आप हर बार विश्व कप नहीं जीतते। हम उसका समर्थन करेंगे, वह जो भी चाहता है और हम सुनिश्चित करेंगे कि भारतीय क्रिकेट सुचारू रूप से आगे बढ़े। ’’
विश्व कप के बाद रोहित शर्मा के वनडे कप्तान बनाये जाने की अटकलबाजियां शुरू हो गयी थीं। गांगुली से जब अलग प्रारूपों में अलग कप्तान रखने की जरूरत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि यह सवाल उठता है। भारत इस समय जीत रहा है। भारतीय टीम संभवत: दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम है। ’’
दक्षिण अफ्रीका को मंगलवार को रांची में 3-0 से ‘व्हाइटवाश’ करने के बाद कोहली ने दर्शकों की अच्छी संख्या सुनिश्चित करने के लिये टेस्ट स्थलों को पांच तक सीमित करने की बात कही थी।
इस बारे में पूछने पर गांगुली ने कहा, ‘‘टेस्ट स्थलों के लिहाज से, हमारे पास काफी राज्य हैं, काफी स्थल हैं इसलिये हमें उनके (कोहली के) साथ बैठना होगा और देखना होगा कि वह क्या चाहता है। ’’
जहां तक टेस्ट मैचों के दौरान कम दर्शक आने का संबंध है तो गांगुली ने कहा कि इसके लिये प्रारूप में कुछ चीजें तालशने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘ये ही दर्शक आईपीएल में आते हैं जिसमें स्टेडियम खचाखच भरे होते हैं। इसलिये यह स्टेडियम से कहीं ज्यादा की बात है। टेस्ट क्रिकेट में कुछ बदलाव की जरूरत है कि इसे कैसे लोकप्रिय बनाया जा सकता है। ईडन गार्डन्स 22 नवंबर को बांग्लादेश की मेजबानी करेगा और हम नहीं जानते कि उस टेस्ट मैच में क्या होगा। ’’
गांगुली ने कहा, ‘‘लेकिन अगर आप आईपीएल मैच देखो तो लोग इतने जुनूनी रहते हैं। यही स्टेडियम होता है, यही सुविधायें होती हैं। लोग काफी संख्या में इसे देखने आते हैं। इसका मतलब समस्या कहीं और है और साथ ही ढांचा भी होना चाहिए। ’’