अलीगढ़ (उ.प्र.), 24 अप्रैल । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने अपने दामन पर ‘खून के धब्बे‘ होने की बात स्वीकार करते हुए परोक्ष रूप से लोकतंत्र के खतरे में होने की चेतावनी दी और कहा कि अपना हश्र ऐसा मत करो कि 10 साल बाद कोई सवाल पूछने वाला भी ना मिले।
खुर्शीद ने कल अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के आंबेडकर हॉल फंक्शन में एक छात्र द्वारा पूछे गये सवाल पर कहा, ‘‘यह राजनीतिक सवाल है। हमारे दामन पर खून के धब्बे हैं। कांग्रेस का मैं भी हिस्सा हूं तो मुझे मानने दीजिये कि हमारे दामन पर खून के धब्बे हैं।’’ उन्होंने कहा कि क्या आप यह कहना चाहते हैं कि चूंकि हमारे दामन पर खून के धब्बे लगे हुए हैं, इसलिए हमें आपके ऊपर होने वाले वार को आगे बढ़कर नहीं रोकना चहिए?
उन्होंने प्रश्नकर्ता की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘‘हम ये धब्बे दिखाएंगे ताकि तुम समझो कि ये धब्बे हम पर लगे हैं, लेकिन यह धब्बे तुम पर ना लगें। तुम वार इन पर करोगे, धब्बे तुम पर लगेंगे। हमारे इतिहास से सीखो और समझो। अपना हश्र ऐसा मत करो कि तुम 10 साल बाद अलीगढ़ यूनीवर्सिटी आओ और आप जैसा कोई सवाल पूछना भी ना मिले।’’
पूर्व विदेश मंत्री से आमिर नामक एक छात्र ने सवाल पूछा था कि मलियाना, हाशिमपुरा, मुजफ्फरनगर समेत ऐसे स्थानों की लम्बी फेहरिस्त है जहां कांग्रेस के शासनकाल में साम्प्रदायिक दंगे हुए। उसके बाद बाबरी मस्जिद का ताला खुलना और फिर उसकी शहादत, जो कांग्रेस के शासनकाल में ही हुई। कांग्रेस के दामन पर मुसलमानों के इन तमाम धब्बों को आप किन शब्दों के जरिये धोएंगे।
प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग के नोटिस को लेकर पहले ही भाजपा के निशाने पर आयी कांग्रेस को खुर्शीद का यह बयान असहज कर सकता है
कांग्रेस की असहमति
उधर कांग्रेस पार्टी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ पार्टी नेता सलमान खुर्शीद के उस बयान से असहमति जताई है जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा है कि कांग्रेस के दामन पर मुसलमानों के खून के दाग हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता पीएल पूनिया ने आज संवाददाताओं से कहा, ‘सलमान खुर्शीद पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, लेकिन जो बयान उन्होंने दिया है उससे कांग्रेस की असहमति है।’ उन्होंने कहा, ‘मोदी सरकार में समाज को बांटने की जो राजनीति हो रही है उसमें नेताओं को इस तरह के आधारहीन बयान नहीं देने चाहिए।” यह पूछे जाने पर कि क्या खुर्शीद पर कोई करवाई होगी, पूनिया ने कुछ नहीं कहा।
ग़ौरतलब है कि बीते कुछ दिनों में यह दूसरा मौका है जब सलमान खुर्शीद कांग्रेस पार्टी की लाइन से अलग दिखाई दिए हैं। इससे पहले भारत के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के ख़िलाफ राज्य सभा में महाभियोग प्रस्ताव पेश करने के पार्टी के रुख़ से भी उन्होंने ख़ुद को अलग कर लिया था। उन्होंने इस बाबत उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू को दी गई अर्ज़ी पर दस्तख़त करने से भी कथित तौर पर इंकार कर दिया था।attacknews.in