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सबरीमाला मंदिर

केरल में हड़ताल और प्रदर्शन के बीच सबरीमला मंदिर में दर्शन के लिए उमड़े हजारों श्रद्धालु, attacknews.in

पंबा/सन्निधानम, 17 नवंबर । मलयाली पंचांग के पवित्र महीने ‘वृश्चिकम’ के पहले दिन शनिवार को हजारों श्रद्धालुओं ने आज यहां भगवान अयप्पा के दर्शन किए। हिंदू एक्यावेदी की महिला नेता को एहतियाती तौर पर हिरासत में लिए जाने के खिलाफ बुलाई गई 12 घंटे की हड़ताल के बावजूद मंदिर के तड़के तीन बजे खुलने के बाद से बच्चों समेत बड़ी संख्या में तीर्थयात्री कतारों में लगे दिखाई दिए।

मंदिर में माहवारी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति देने पर जारी गतिरोध के बीच दो महीने लंबी वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए शुक्रवार शाम को फिर से मंदिर खुला। मुख्य पुजारी वासुदेवन नम्पूथिरी की निगरानी में आज सुबह नियमित पूजा शुरू हुई।

केरल राज्य परिवहन निगम के सूत्रों ने बताया कि अभूतपूर्व सुरक्षा के बीच निगम की बसें तीर्थयात्रियों को निलाक्कल से पंबा ला रही हैं और कोई भी बस सेवा नहीं रोकी गई। मंदिर परिसर के समीप दुकानें तथा होटल खुल गए हैं।

बहरहाल, हड़ताल के कारण राज्य के अन्य हिस्सों में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। कई इलाकों में बसें और ऑटो रिक्शा सड़कों से नदारद हैं।

केएसआरटीसी के प्रबंध निदेशक टोमिन जे टी ने कहा कि निगम श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने में मदद करने के लिए पुलिस सुरक्षा के साथ सबरीमला में बसें चला रहा है।

उनहोंने बताया कि तिरुवनंतपुरम के समीप बलरामपुर में प्रदर्शनकारियों ने केएसआरटीसी की एक बस पर हमला किया और उसकी खिड़कियां तोड़ दीं।

राज्य की राजधानी में यात्रियों को हड़ताल के कारण अपने गंतव्य तक जाने में मुश्किल आ रही है। कई मरीज और उनके रिश्तेदार क्षेत्रीय केंसर केंद्र और तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज अस्पताल तक पहुंचने में असमर्थ हैं।

पुलिस ने बताया कि अयप्पा मंदिर जा रही हिन्दू एक्यावेदी की प्रदेश अध्यक्ष के. पी. शशिकला को पुलिस ने सबरीमला के निकट माराकोट्टम से शुक्रवार देर रात करीब ढ़ाई बजे ‘‘एहतियातन हिरासत’’ में लिया।

पुलिस ने फैसला किया है कि श्रद्धालुओं को रात के समय जब मंदिर बंद रहेगा तब वहां प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा।

पुलिस ने शशिकला को तब रोका जब वह भगवान की पूजा करने के लिए पूजन सामग्री लेकर पहाड़ी पर चढ़ रही थीं क्योंकि जब तक वह वहां पहुंचती तब तक मंदिर बंद हो गया होता।

बाद में उन्हें रान्नी पुलिस थाने ले जाया गया।

एक अन्य संगठन के नेता सुधीर को भी एहतियात हिरासत में लिया गया।

इस बीच, एक्यावेदी के प्रदर्शनकारी रान्नी पुलिस थाने तथा एरुमेली के बाहर एकत्रित हो गए और शनिवार सुबह ‘‘नाम जप’’ प्रदर्शन शुरू किया।

पुलिस की कार्रवाई की निंदा करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पी एस श्रीधरन पिल्लई ने कहा कि राज्य सरकार की कोशिश सबरीमला तीर्थयात्रा को ‘‘बर्बाद’’ करने की है।

पिल्लई ने कोझीकोड में पत्रकारों से कहा, ‘‘सरकार सबरीमला की परंपराएं बर्बाद करना चाहती है। क्यों शशिकला और सुधीर को गिरफ्तार किया गया? भाजपा अपना प्रदर्शन तेज करेगी और हड़ताल का समर्थन करेगी।’’

विहिप प्रदेश अध्यक्ष एस जे आर कुमार ने आरोप लगाया कि शशिकला को ‘‘गिरफ्तार’’ किया गया।

कुमार ने कोच्चि में पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘कुछ अन्य कार्यकर्ताओं को एहतियातन हिरासत में लिया गया है।’’

उच्चतम न्यायालय द्वारा अयप्पा स्वामी मंदिर में सभी आयुवर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दिए जाने के बाद मंदिर तीसरी बार खुला है।

त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) ने स्पष्ट कर दिया कि वह शनिवार या सोमवार को उच्चतम न्यायालय से उसके 28 सितंबर के आदेश को लागू करने के लिए और समय की मांग करेगा।

पंबा में श्रद्धालु मुश्किलों का सामना कर रहे हैं क्योंकि वहां बाढ़ से काफी नुकसान हुआ है।

चेन्नई के एक तीर्थयात्री ने कहा कि पंबा में कोई सुविधा नहीं है।

बहरहाल, सन्निधानम (मंदिर परिसर) में सुविधाएं बेहतर हैं

प्रबंधन कोर्ट से करेगा अधिक समय की मांग:

सबरीमला पूजा स्थल का प्रबंधन करने वाला त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) सोमवार को उच्चतम न्यायालय का रूख करके उस आदेश को लागू करने के लिए और अधिक समय की मांग करेगा जिसमें रजस्वला उम्र की महिलाओं को भगवान अयप्पा मंदिर में पूजा करने की अनुमति दी गई थी।

बोर्ड ने ये कदम राज्य में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चे (एलडीएफ) के सर्वदलीय बैठक बुलाने के एक दिन बाद उठाया है। इसमें सख्ती से कहा गया था कि वह उच्चतम न्यायालय के आदेश को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अलावा उसने विपक्षी दलों से अदालत से और अधिक समय सीमा मांगने के सुझाव को भी दरकिनार कर दिया था।

टीडीबी के अध्यक्ष ए पद्मकुमार ने बताया, ‘‘ हम सोमवार को उच्चतम न्यायालय जायेंगे।’’

गौरतलब है कि 28 सितम्बर को एक फैसले में उच्चतम न्यायालय ने सबरीमला में रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं को भगवान अयप्पा के दर्शन के अनुमति दे दी थी। इस फैसले की समीक्षा की मांग करने वाली याचिकाओं पर जनवरी में सुनवाई होगी लेकिन अदालत ने इस पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था।

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