जकार्ता, 29 अगस्त । विवादास्पद लिंग संबंधी नियम के कारण प्रतिबंध झेलने वाली दुती चंद ने आज यहां महिलाओं की 200 मीटर दौड़ में भी रजत पदक जीतकर पीटी ऊषा जैसी एथलीटों की श्रेणी में अपना नाम लिखवाया जिन्होंने एशियाई खेलों में एक से अधिक पदक जीते है।
इससे पहले 100 मीटर में भी रजत पदक जीतने वाली दुती ने 200 मीटर में 23.20 सेकेंड का समय लेकर दूसरा स्थान हासिल किया। बहरीन की एडिडियोंग ओडियोंग ने 22.96 सेकेंड के साथ स्वर्ण पदक जीता। चीन की वेई योंगली (23.27 सेकेंड) में कांस्य पदक जीता।
ओड़िशा की इस 22 वर्षीय फर्राटा धाविका को आईएएएफ की हाइपरड्रोजेनिज्म नीति (जिसके तहत पुरूष हार्मोन की नियत सीमा अधिक पाये जाने पर महिला खिलाड़ी को प्रतियोगिता में भाग लेने से रोका जाता है) के कारण 2014-15 में खेलने की अनुमति नहीं दी जिसके कारण वह 2014 राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में भाग नहीं ले पायी। उन्होंने खेल पंचाट में यह मामला उठाया और आखिर में उनके पक्ष में फैसला आया।
दुती ने कहा, ‘‘मैंने 2014 से काफी संघर्ष किये हैं। कोई भी इतने बुरे दौर से नहीं गुजरा। मुझे खुशी है कि में अपने देश के लिये दो पदक जीत सकी। अब यह कोई मसला नहीं है लेकिन इसकी कोई गारंटी (किसी तरह के प्रतिबंध लगने की) भी नहीं है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हां इसका डर लगा रहता है फिर से प्रतिबंध लग सकता है। लेकिन जितना डर रहता है उतनी ही मैं कड़ी मेहनत करती हूं। ’’
दिग्गज ऊषा ने 1986 सोल एशियाई खेलों में चार स्वर्ण पदक जीते थे। ज्योर्तिमय सिकदर ने भी 1998 बैकाक खेलों में दो पदक हासिल किये थे। सुनीता रानी भी 2002 में बुसान एशियाई खेलों से दो पदक लेकर लौटी थी।attacknews.in